कांकेर : 25 फरवरी को जवानों और नक्सलियों के बीच थाना कोयलीबेड़ा क्षेत्रांतर्गत ग्राम भोमरा, हुरतराई, मिच्चेबेड़ा के पास मुठभेड़ हुई थी. सर्चिंग के बाद नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं. अब पुलिस की कहानी पर ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं. ग्रामीणों के मुताबिक पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ की है. कोयलीबेड़ा में मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिजन सामने आए. पुलिस मुठभेड़ में मारे गए तीनों लोग कोयलीबेड़ा क्षेत्र के मरदा गांव के रहने वाले थे. जिनके नाम रामेश्वर नेगी, सुरेश तेता और अनिल कुमार हिडको था.जिन लोगों की मौत हुई उनके पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक पासबुक परिजन अपने साथ लाए थे.
मृतक की पत्नी ने भी लगाए आरोप : पैरवी गांव के रहने वाले मारे गए अनिल हिडको की पत्नी सुरजा ने बताया कि ''अनिल हिडको मेरा पति है.जंगल में तेंदूपत्ता की रस्सी लेने के लिए गए थे. हाथ में सिर्फ टॉर्च और टांगी लेकर जंगल गए थे. मेरा पति खेती किसानी का काम करता था. हम लोग मिलकर सिर्फ घर का काम करते थे.'' वहीं मारे गए मरदा गांव के सुरेश तेता की पत्नी ने बताया कि '' मेरा पति चावल दाल लेकर रस्सी लेने गया था. मेरा पति नक्सली नहीं है. जो सामान दिख रहे हैं, वह सामान तो वह लेकर गए ही नहीं थे. मोबाइल लेकर गए थे.''
एसपी का अलग तर्क : पूरे मामले को लेकर कांकेर एसपी आई के एलेसेला ने कहा कि मुठभेड़ हुई थी. उनके परिजन आए हैं. पोस्टमॉर्टम के बाद बॉडी परिजनों को हैंडओवर कर दी जाएगी. मारे गए नक्सली कौन-कौन वारदात में शामिल थे अभी हमारे पास रिकॉर्ड नहीं है. अभी पहचान हुई है. आगे जानकारी मिल जाएगी.
''यदि उनको कोई शक है या लगता है कि यहां गलत है तो मजिस्ट्रेट जांच में अपना पक्ष रख सकते हैं. पुलिस की तरफ से किसी प्रकार का गलत काम नहीं हुआ है. मुठभेड़ हुआ है जहां पर राजू सलाम और उसके मिलिट्री कंपनी वाले थे. मुठभेड़ के बाद नक्सलियों का साथ देने वाले ग्रामीण हर बार इसी तरह का आरोप लगाते हैं.'' आईके एलेसेला,एसपी
मुठभेड़ फर्जी है या असली ये एक जांच का विषय है. लेकिन परिजन और गांववालों के अपने अपने दावे हैं.