अल्मोड़ा: गली मोहल्लों और गांवों के बीच या फिर मुख्य मार्गों पर शराब की दुकानें और बार खुलने से महिलाओं और राहगीरों की परेशानियां बढ़ गई हैं. ऐसे में आम रास्तों पर शराब की दुकानों और बार खोलने का विरोध चारों ओर शुरू हो गया है. इसी क्रम में खत्याड़ी गांव की महिलाओं और ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया और उनके क्षेत्र में खोले गए बार को तुरंत बंद करने की मांग उठाई. साथ ही शराब की दुकानों और बार बंद न करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने कहा कि नगर से लगे खत्याड़ी गांव के मुख्य मार्ग पर बेस चिकित्सालय के निकट बार खोले जाने की सुगबुगाहट ग्रामीणों को पहले से थी, इसलिए ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें क्षेत्र में शराब की दुकान और बार न खोलने की मांग की गई थी. जिस पर जिलाधिकारी ने उन्हें आश्वासन भी दिया था, लेकिन अब क्षेत्र के मुख्य मार्ग में बार खोला जा रहा है, जो लोगों के साथ धोखा है.
पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख आनंद कनवाल ने कहा कि ग्राम सभा के लोगों को शराब नहीं रोजगार दो. वहीं, अगर क्षेत्र में विकास की बजाय विनाश की कार्रवाई होगी, तो खत्याड़ी गांव में किसी भी भाजपा, कांग्रेस या अन्य पार्टी के नेताओं को घुसने नहीं दिया जाएगा. साथ ही आगामी चुनावों का बहिष्कार भी होगा. पूर्व प्रधान हरीश कनवाल ने कहा कि क्षेत्र की महिलाएं और ग्रामीणों ने ग्राम सभा की ओर से जिलाधिकारी, एडीएम और एसडीएम को पूर्व में ज्ञापन सौंपा था, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से ग्रामीणों की मांग को दरकिनार करते हुए क्षेत्र के मुख्य मार्ग में बार स्वीकृत कर दिया गया. उन्होंने कहा कि बार को जल्द नहीं हटाया गया तो क्षेत्र के सभी ग्रामीण जाम के साथ-साथ उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.
सामाजिक कार्यकर्ता विनय किरौला ने कहा कि नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की दुकानों और बार खोल कर हमारी पीढ़ियों को बर्बाद करने का षड्यंत्र किया जा रहा है. वहीं सांस्कृतिक नगरी की छवि को भी धूमिल किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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