जैसलमेर. जिले के रामगढ़ क्षेत्र के ग्रामीण 167 दिन से धरने पर बैठे हैं, वहीं पिछले तीन दिन से क्रमिक भूख हड़ताल पर भी कर रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को ग्रामीणों ने प्रशासन को सद्बुद्धि देने के लिए सम्पूर्ण विधि विधान के साथ सदबुद्धि यज्ञ किया. मांगें न मानने पर लोकसभा चुनाव के मतदान के बहिष्कार की भी चेतावनी दी है.
ग्रामीणों की मांग है कि कूटरचित दस्तावेज लगाकर अलॉट की गई उपनिवेशन की जमीन का आवंटन खारिज किया जाए. साथ ही ग्राम पंचायत में बरती जा रही अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच हो. इस संबंध में शनिवार को ग्रामीण ने सदबुद्धि यज्ञ कर तहसीलदार को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों ने कहा कि दोनों ही मांगों पर प्रशासन ने पूर्व में संज्ञान लेकर जांच कमेटियों का गठन किया था, लेकिन अब तक दोनों ही मामलों में पूर्ण रूप से कार्रवाई नहीं की गई. इससे ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है.
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उपनिवेशन विभाग की जमीन को कूटरचित दस्तावेजों से आवंटित करवाने के मामले में जांच कमेटी की ओर से कुछ जमीन के अलॉटमेंट को निरस्त भी करवाया गया है. ग्राम पंचायत रामगढ़ में जांच के लिए बनी टीम पर धीमी गति से काम करने का आरोप लगा रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि कलेक्टर द्वारा 31 जनवरी व 6 फरवरी को 2 जांच कमेटियां बनाकर 7 दिन के रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन 40 दिन से अधिक का वक्त बीत जाने के बाद भी जांच नहीं हुई है. जांच के लिए एक कमेटी जिला परिषद व एक कमेटी उपनिवेशन विभाग की बनाई गई है.
धरना दे रहे ग्रामीण कंवराज सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत को उपनिवेशन विभाग द्वारा पूर्व में आबादी विस्तार के लिए करीब 500 बीघा जमीन आवंटित हो चुकी थी. यह आबादी के अनुसार पर्याप्त थी, लेकिन निजी लाभ के लिए 54 बीघा जमीन सेट अपार्ट की गई. इसकी जांच की जानी चाहिए. वहीं, ग्रामीणों ने कलेक्टर द्वारा रोक के बावजूद भी व्यवसायिक भूखंडों पर किए गए कार्यों की जांच की मांग की. ग्रामीणों का कहना है कि अब भी उनकी पीड़ा नहीं सुनी गई तो चारों गावों के मतदाता लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.