पलामूः जिस इलाके में नक्सली अपना प्रभाव बनाकर ग्रामीणों से पोस्ता की खेती करवाते हैं. उस इलाके में पोस्ता की खेती के खिलाफ अभियान की शुरुआत हुई है. इस बार अभियान की शुरुआत पुलिस या सरकारी तंत्र के द्वारा नहीं किया गया है बल्कि खुद से ग्रामीण आगे आए हैं. ग्रामीणों के इस अभियान में पुलिस सहयोग कर रही है. पुलिस ने ग्रामीणों को सुरक्षा का आश्वासन दिया है.
पोस्ता की खेती के खिलाफ अभियान में ग्रामीण एकजुट होकर पोस्ता की खेती ना करने की खिलाफ शपथ ले रहे हैं. इस दौरान ग्रामीणों ने नक्सलियों का सहयोग नहीं करने की भी घोषणा की है. पलामू के मनातू इलाके में बड़े पैमाने पर पोस्ता की खेती होती है. इसके खिलाफ पुलिस पिछले एक दशक से अभियान चला रही है. पोस्ता की खेती खिलाफ अभियान में अब पुलिस का ग्रामीणों का भी साथ मिलना शुरू हो गया है.
पलामू के मनातू थाना प्रभारी निर्मल उरांव नक्सल प्रभावित सरगुजा के इलाके में पहुंचे. जहां उन्होंने ग्रामीणों से पोस्ता की खेती को लेकर बातचीत की. इसी बातचीत के बाद ग्रामीण एकजुट हुए और पोस्ता की खेती नहीं करने की शपथ ली. इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस से यह भी कहा कि वह इलाके में किसी भी नक्सली संगठन को मजबूत नहीं होने देंगे और अपनी संस्कृति जल, जंगल और जमीन बचाने के लिए अभियान चलाएंगे. पोस्ता खेती के अभियान शुरुआत करने वालों में आदिवासी समुदाय के लोग हैं. जिस इलाके में पोस्ता की खेती के खिलाफ अभियान शुरू हुई है वह इलाका खेती के लिए काफी चर्चित रहा है.
इसको लोकर पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने बताया पोस्ता की खेती के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. कई इलाकों में इस नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. ग्रामीणों ने सहयोग करने की घोषणा की है, जिससे इस अभियान को और मजबूती मिलेगी. उन्होंने बताया कि पोस्ता की खेती के बारे में लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.
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