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सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार, 11 बजे तक नहीं पड़ा एक वोट - Villagers boycotted elections

बरेली में सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया. सुबह 11 बजे तक एक भी वोट नहीं पड़ा. ग्रामीणों ने कहा, कि जबतक समस्या का समाधान नहीं होगा, तब तक वोट नहीं डाला जाएगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 7, 2024, 12:53 PM IST

बरेली: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत आज 10 सीटों के लिए वोटिंग शूरू हो चुकी है. जगह-जगह लोगों में वोट डालने के प्रति उत्साह देखने को मिल रहा है. तो वहीं, दूसरी ओर चुनाव बहिष्कार की भी सूचना मिल रही है. मीरगंज के गांव खमरिया सानी में मतदान बहिष्कार कर दिया गया है.

गांव खमरिया सानी में सुबह 8 बजे ही हंगामा हो गया था. बूथ संख्या 198 पर ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया. उन्होंने सड़क निर्माण न होने और नेताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाकर मतदान का बहिष्कार किया. 11 बजे तक एक भी वोट नहीं पड़ा. ग्रामीणों ने कहा, कि जबतक समस्या का समाधान नहीं होगा, तब तक हम वोट नहीं डालेंगे.

ग्रामीणों का कहना है, कि लंबे समय से सड़क निर्माण को लेकर आश्वासन मिलता रहा. लेकिन, अभी तक सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है. कई बार सड़क की मांग करने के बाद भी मांग पूरी नहीं होने से ग्रामीण इस बात से खासे नाराज हैं. ग्रामीणों का कहना है, कि जनप्रतिनिधि उन्हें एक सड़क तक नही दें पाए है. गांव का मुख्य मार्ग खराब होने से ग्रामीणों की नाराजगी चुनाव नजदीक आते ही खुलकर सामने आई है.

ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार (etv bharat reporter)
इसे भी पढ़े-यूपी में तीसरे चरण के मतदान ने पकड़ी रफ्तार, सुबह 11 बजे तक 26.12 प्रतिशत वोटिंग, संभल के वोटर सबसे आगे - Lok Sabha Third Phase Voting

ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर खोला मोर्चा: ग्रामीणों ने कहा, कि लंबे समय से गांव की सड़क के निर्माण की मांग की जा रही है. मीरगंज नेशनल हाइवे से नगरिया सादित सिल्लापुर होते हुए गांव खमरिया सानी से गांव को जोड़ने वाली सड़क लंबे समय से गड्ढों में तब्दील हो गई है. गांव से ग्रामीणों को गड्ढों में तब्दील सड़क से यात्रा करना मजबूरी बनी हुई है. कई बार इस मार्ग में स्कूली बच्चे गिरकर चुटहिल हो जाते है. ग्रामीणों का कहना है, कि पूर्व में सड़क की मांग पर आश्वासन मिला था, जो अब तक पूरा न हो सका है.

ग्रामीण राजबीर सिंह ने बताया, कि पक्की सड़क न होने से मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में सबसे ज्यादा परेशानी होती है. कई बार रास्ते में ही प्रसव हो चुके हैं. ग्रामीणों ने कहा, कि विधायक से लेकर सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से समय-समय पर सड़क निर्माण की मांग की गई. लेकिन, इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया. ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए हल्लाबोल दिया है.

तहसीलदार आशीष कुमार और पंचायत सदस्य निरंजन यदुवंशी के आश्वासन पर ग्रामीण निरंजन यदुवंशी ने ग्रामीणों को समझाया की चुनाव के बाद मै इसकी पैरवी करूंगा. तब जाकर ग्रामीण माने और 11:05 पर मतदान शुरू हो सका.

यह भी पढ़े-संभल Polling Live Updates; आचार्य प्रमोद कृष्णम बोले, अखिलेश की नैया उनके चाचा ही डुबोने में लगे हैं - Lok Sabha Election 2024

बरेली: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत आज 10 सीटों के लिए वोटिंग शूरू हो चुकी है. जगह-जगह लोगों में वोट डालने के प्रति उत्साह देखने को मिल रहा है. तो वहीं, दूसरी ओर चुनाव बहिष्कार की भी सूचना मिल रही है. मीरगंज के गांव खमरिया सानी में मतदान बहिष्कार कर दिया गया है.

गांव खमरिया सानी में सुबह 8 बजे ही हंगामा हो गया था. बूथ संख्या 198 पर ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया. उन्होंने सड़क निर्माण न होने और नेताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाकर मतदान का बहिष्कार किया. 11 बजे तक एक भी वोट नहीं पड़ा. ग्रामीणों ने कहा, कि जबतक समस्या का समाधान नहीं होगा, तब तक हम वोट नहीं डालेंगे.

ग्रामीणों का कहना है, कि लंबे समय से सड़क निर्माण को लेकर आश्वासन मिलता रहा. लेकिन, अभी तक सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है. कई बार सड़क की मांग करने के बाद भी मांग पूरी नहीं होने से ग्रामीण इस बात से खासे नाराज हैं. ग्रामीणों का कहना है, कि जनप्रतिनिधि उन्हें एक सड़क तक नही दें पाए है. गांव का मुख्य मार्ग खराब होने से ग्रामीणों की नाराजगी चुनाव नजदीक आते ही खुलकर सामने आई है.

ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार (etv bharat reporter)
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ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर खोला मोर्चा: ग्रामीणों ने कहा, कि लंबे समय से गांव की सड़क के निर्माण की मांग की जा रही है. मीरगंज नेशनल हाइवे से नगरिया सादित सिल्लापुर होते हुए गांव खमरिया सानी से गांव को जोड़ने वाली सड़क लंबे समय से गड्ढों में तब्दील हो गई है. गांव से ग्रामीणों को गड्ढों में तब्दील सड़क से यात्रा करना मजबूरी बनी हुई है. कई बार इस मार्ग में स्कूली बच्चे गिरकर चुटहिल हो जाते है. ग्रामीणों का कहना है, कि पूर्व में सड़क की मांग पर आश्वासन मिला था, जो अब तक पूरा न हो सका है.

ग्रामीण राजबीर सिंह ने बताया, कि पक्की सड़क न होने से मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में सबसे ज्यादा परेशानी होती है. कई बार रास्ते में ही प्रसव हो चुके हैं. ग्रामीणों ने कहा, कि विधायक से लेकर सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से समय-समय पर सड़क निर्माण की मांग की गई. लेकिन, इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया. ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए हल्लाबोल दिया है.

तहसीलदार आशीष कुमार और पंचायत सदस्य निरंजन यदुवंशी के आश्वासन पर ग्रामीण निरंजन यदुवंशी ने ग्रामीणों को समझाया की चुनाव के बाद मै इसकी पैरवी करूंगा. तब जाकर ग्रामीण माने और 11:05 पर मतदान शुरू हो सका.

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