जामताड़ा: जिले के करमाटांड़ लहरजेरी चौड़ीकरण सड़क निर्माण परियोजना में आसपास के कई ग्रामीणों की जमीन ले ली गयी और उन्हें आश्वासन दिया गया कि उन्हें सरकार द्वारा घोषित मुआवजा दिया जायेगा. लेकिन वर्षों बाद भी ग्रामीणों को न तो मुआवजा मिला और न ही कोई कार्रवाई हुई. अंततः ग्रामीण डुगडुगी बजाने को मजबूर हुए और करमाटांड़ जामताड़ा मुख्य मार्ग पसौई के पास धरने पर बैठ गये. इसके कारण सड़क पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया. ग्रामीण अपनी जमीन के मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
मांग पूरी नहीं होने पर आक्रोशित हुए ग्रामीण: बताया जाता है कि 2014 में सड़क परियोजना के लिए ग्रामीणों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था. लेकिन आज तक ग्रामीणों को उनकी जमीन का मुआवजा नहीं मिला है. कम सुविधा वाली इस सड़क परियोजना में आसपास के ग्रामीणों ने अपनी जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर कई बार प्रशासन से लिखित मांग की. उन्होंने कई बार आंदोलन भी किया. विधायक को भी लिखा. लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ. ग्रामीण कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक गये, लेकिन जब उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ और मुआवजा नहीं मिला, तो नाराज ग्रामीण सड़क पर समूह बनाकर बैठने को मजबूर हो गये.
आश्वासन के बाद हटाया गया जाम: ग्रामीणों की सूचना मिलने पर प्रशासन की टीम वहां पहुंची और काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे. ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उन्हें उनकी जमीन का मुआवजा नहीं मिल जाता, वे जाम से नहीं हटेंगे. काफी मशक्कत और प्रशासन के ठोस आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए और चेतावनी दी कि अगर उन्हें समय पर उचित मुआवजा नहीं मिला तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे.
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