हजारीबाग: जिले में वन विभाग ने 10 एकड़ वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है. मुक्त कराई गई जमीन को लेकर अब मामला गरमाता जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीण पिछले 100 वर्षों से उस जमीन का उपयोग कर रहे हैं. अब वन विभाग ने ट्रेंच काट कर आवागमन को बाधित कर दिया है, जिससे ग्रामीण परेशान हैं.
वन विभाग ने अभियान चलाकर हजारीबाग में अतिक्रमण की शिकार करीब 10 एकड़ जमीन को मुक्त कराया है. वहां वन विभाग ने अपनी जमीन की पहचान के लिए ट्रेंच भी काट दी है. इसे लेकर हजारीबाग के इचाक प्रखंड के फुपुंडी, मड़वा समेत एक दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण नाराज हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इस जमीन का उपयोग 100 वर्षों से अधिक समय से पथ के रूप में किया जा रहा था. लेकिन वन विभाग ने सड़क पर ही ट्रेंच काट कर आवागमन को बाधित कर दिया है. जिससे ग्रामीणों के साथ-साथ स्कूली बच्चों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. उन्हें दूसरे रास्ते का उपयोग करना पड़ेगा, जिससे दूरी बढ़ जाएगी.
इस मामले में वन विभाग का कहना है कि ग्रामीणों ने 10 एकड़ से ज्यादा जमीन पर अतिक्रमण कर रखा था. जहां धान और दूसरी फसलें उगाई जा रही थीं. ग्रामीणों ने आम का बगीचा भी बना रखा था. उसे अतिक्रमण से मुक्त करा लिया गया है. अधिकारी का यह भी कहना है कि अगर ग्रामीण उस जमीन का इस्तेमाल सड़क के तौर पर करना चाहते हैं तो वे इसकी सूचना दें और वन विभाग से एनओसी ले लें. उन्होंने यह भी कहा कि आवाजाही पर कोई रोक नहीं है. सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करना गैरकानूनी है. खैर, यह मामला उपायुक्त तक भी पहुंच चुका है. अब देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले का समाधान कैसे होगा और ग्रामीण किस रास्ते से शहर पहुंचेंगे.
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