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विक्रमादित्य सिंह के बयान से कांग्रेस में दरार? क्या राहुल गांधी-प्रियंका गांधी खेमे में छिड़ी है कोई लड़ाई - shehzad poonawalla on vikramaditya

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Shahzad Poonawala on Vikramaditya Singh street vendors statemen: विक्रमादित्य सिंह के स्ट्रीट वेंडर्स को लेकर दिए गए बयान को लेकर छिड़ा विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अब बीजेपी ने इस मामले में नया एंगल जोड़ दिया है. साथ ही शहजाद पूनावाला ने विक्रमादित्य सिंह को अपमानित करने का भी आरोप लगाया है.

राहुल गांधी प्रियंका गांधी
राहुल गांधी प्रियंका गांधी (फाइल फोटो)

शिमला: हाल ही में विक्रमादित्य सिंह ने बयान दिया था कि हिमाचल में भी यूपी की तर्ज पर स्ट्रीट वेंडर्स को अपनी दुकान के बाहर अपनी आईडी लगानी होगी. हिमाचल में विक्रमादित्य का ये बयान राहुल गांधी की 'मोहब्बत की दुकान' वाली पॉलिटिक्स में फिट होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. विक्रमादित्य के बयान पर देशभर में चर्चा होने लगी और राहुल गांधी की 'मोहब्बत की दुकान' वाली राजनीति पर देश की अन्य पार्टियों ने बयानों की बौछार कर दी.

बयान के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हुआ तो विक्रमादित्य सिंह को कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली दरबार में तलब किया. दिल्ली में इस बयान पर मंथन चल रहा था तो वहीं, हिमाचल में भी कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर बंटी हुई नजर आई. सीपीएस संजय अवस्थी ने विक्रमादित्य सिंह को जिम्मेदारी की घुट्टी पिला दी. उन्होंने कहा कि, 'ऐसे बयान नहीं देने चाहिए, जिम्मेदारी बड़ी हो तो उसकी गंभीरता समझनी चाहिए', लेकिन प्रदेश कांग्रेस के सबसे उम्रदराज नेताओं में से एक स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल विक्रमादित्य का समर्थन करते दिखे और अब हाईकमान ने उन्हें सीधे-सीधे कड़ाई से ऐसे बयान देने से परहेज करने को कहा है. इस मामले में कांग्रेस में संगठन और सरकार के बीच विरोधाभास बना है. सरकार की तरफ से स्थिति स्पष्ट करने के बावजूद मंत्री और संगठन के नेता माइक के आगे बोलने से संकोच नहीं कर रहे हैं.

'ये प्रियंका गांधी-राहुल गांधी खेमे की लड़ाई'

संगठन और सरकार के बीच चल रहे विरोधाभास के बीच बीजेपी ने राजनीति की पिच पर एक नई गुगली फेंकी है. बीजेपी ने कांग्रेस के भीतर चल रहे इस विरोधाभास को राहुल गांधी बनाम प्रियंका गांधी का एंगल दे दिया है. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि, 'अब ये लड़ाई विक्रमादित्य सिंह और सीएम सुक्खू या प्रतिभा सिंह या सीएम सुक्खू के बीच नहीं है. जैसे ही विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल में यूपी मॉडल को लागू करने की मांग की, जो कांग्रेस इसे सांप्रदायिक बता रही थी वो इसमें फंस गई. कांग्रेस पार्ट ने राहुल गांधी के कैंप से एक के बाद एक बयान विक्रमादित्य सिंह पर देने शुरू कर दिए. केसी वेणुगोपाल ने फटकार भी लगाई और अपमानित भी किया. हिमाचल के लोग आज देख रहे हैं कि कांग्रेस कैसे वोट बैंक को जनता के हित के ऊपर रख रही है, लेकिन फटकार के बाद विक्रमादित्य सिंह के तेवर नहीं बदले. हिमाचल के मंत्री धनीराम शांडिल ने भी विक्रमादित्य सिंह का समर्थन किया है. यानि राहुल गांधी कैंप से लगातार फटकार लगने के बाद भी प्रियंका गांधी का खेमा कह रहा है कि वो अपनी बातों पर अड़िग रहेंगे. कुल मिलाकर तलवारें खिंच गई है. एक बात साफ है कि वोट बैंक की नीति पर चलते हुए कांग्रेस जनता की नीति और उसके लिए उठाए गए कदम को कैसे पीछे कर देती है. चाहे वो अनिरुद्ध सिंह हों या विक्रमादित्य सिंह हो या धनीराम शांडिल हों.'

धनीराम शांडिल का बयान

सोलन में स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा था कि, 'मैं भी सुरक्षा का पक्षधर हूं. क्योंकि यहां प्रश्न सिक्योरिटी का है. हमें प्रदेश को बेहद सुरक्षित जगह बनाने की जरूरत है. कौन कहां से और किस भावना से आ रहा है, इसका पता लगाना बेहद जरूरी है. प्रदेश में सिक्योरिटी को बरकरार रखने के लिए हमें अपनी पहचान को मजबूती के साथ लेकर कार्य करना होगा और अपनी पहचान को बरकरार रखना होगा.'

'प्रदेश के लोगों की चिंताओं का ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी'

वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने कल केसी वेणुगोपाल से हुई चर्चा के बारे में कहा कि, 'हिमाचल में चल रहे विवाद को ठीक करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. रेस्तरां, दुकान मालिकों के नाम दुकानों पर डिस्पले करने के संबंध में भी चर्चा हुई और मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि पार्टी के निर्देशों का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है. श के किसी भी कोने से लोगों का राज्य में स्वागत है, लेकिन स्थानीय लोगों की चिंताओं और आंतरिक सुरक्षा का ख्याल रखना भी हमारी जिम्मेदारी है.'

'एकता में विश्वास रखती है कांग्रेस'

वहीं, वेणुगोपाल ने विक्रमादित्य सिंह से मुलाकात के बाद कहा कि, 'कांग्रेस की विचारधारा प्रेम की है. पार्टी की नीतियों व विचार से कोई भी मंत्री बाहर नहीं जाना चाहिए. इस बारे में विक्रमादित्य सिंह को साफ-साफ बता दिया गया है. राहुल गांधी नफरत के खिलाफ प्यार और मोहब्बत बांट रहे हैं. हम एकता में विश्वास रखते हैं.'

सुक्खू सरकार साफ किया था अपना रुख

हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स की पहचान को लेकर कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बयान पर उपजे विवाद के बाद अब सुक्खू सरकार ने अपना रुख साफ किया था. सरकार की ओर से प्रवक्ता ने साफ कहा था कि स्ट्रीट वेंडर्स के नाम लिखने के आदेश को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है. सरकार इस मुद्दे को लेकर कैबिनेट में मंथन करेगी.

बता दें कि शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल में रेहड़ी-फड़ी वालों की पहचान बताने को लेकर निर्देश दिए थे, जिसके बाद से विक्रमादित्य देशभर में चर्चाओं में हैं. किसी को इसमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की मॉडल नजर आ रहा है तो कोई इसे हिमाचल के हित में लिया गया फैसला बता रहा है. हालांकि, मंत्री विक्रमादित्य के इस बयान से पार्टी और सरकार दोनों ने अपना पल्ला झाड़ लिया है.

ये भी पढ़ें: केसी वेणुगोपाल से बैठक के बाद बोले विक्रमादित्य, प्रदेश के लोगों और आंतरिक सुरक्षा का ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी

ये भी पढ़ें: पहचान बताने वाले मामले पर विक्रमादित्य के समर्थन में दिखे सुक्खू सरकार के मंत्री शांडिल, बोले- मैं भी सुरक्षा का पक्षधर

ये भी पढ़ें: स्ट्रीट वेंडर्स मामले में विक्रमादित्य के बयान से उपजे विवाद के बीच सुक्खू सरकार ने साफ किया रुख, कैबिनेट में होगा मंथन

शिमला: हाल ही में विक्रमादित्य सिंह ने बयान दिया था कि हिमाचल में भी यूपी की तर्ज पर स्ट्रीट वेंडर्स को अपनी दुकान के बाहर अपनी आईडी लगानी होगी. हिमाचल में विक्रमादित्य का ये बयान राहुल गांधी की 'मोहब्बत की दुकान' वाली पॉलिटिक्स में फिट होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. विक्रमादित्य के बयान पर देशभर में चर्चा होने लगी और राहुल गांधी की 'मोहब्बत की दुकान' वाली राजनीति पर देश की अन्य पार्टियों ने बयानों की बौछार कर दी.

बयान के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हुआ तो विक्रमादित्य सिंह को कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली दरबार में तलब किया. दिल्ली में इस बयान पर मंथन चल रहा था तो वहीं, हिमाचल में भी कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर बंटी हुई नजर आई. सीपीएस संजय अवस्थी ने विक्रमादित्य सिंह को जिम्मेदारी की घुट्टी पिला दी. उन्होंने कहा कि, 'ऐसे बयान नहीं देने चाहिए, जिम्मेदारी बड़ी हो तो उसकी गंभीरता समझनी चाहिए', लेकिन प्रदेश कांग्रेस के सबसे उम्रदराज नेताओं में से एक स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल विक्रमादित्य का समर्थन करते दिखे और अब हाईकमान ने उन्हें सीधे-सीधे कड़ाई से ऐसे बयान देने से परहेज करने को कहा है. इस मामले में कांग्रेस में संगठन और सरकार के बीच विरोधाभास बना है. सरकार की तरफ से स्थिति स्पष्ट करने के बावजूद मंत्री और संगठन के नेता माइक के आगे बोलने से संकोच नहीं कर रहे हैं.

'ये प्रियंका गांधी-राहुल गांधी खेमे की लड़ाई'

संगठन और सरकार के बीच चल रहे विरोधाभास के बीच बीजेपी ने राजनीति की पिच पर एक नई गुगली फेंकी है. बीजेपी ने कांग्रेस के भीतर चल रहे इस विरोधाभास को राहुल गांधी बनाम प्रियंका गांधी का एंगल दे दिया है. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि, 'अब ये लड़ाई विक्रमादित्य सिंह और सीएम सुक्खू या प्रतिभा सिंह या सीएम सुक्खू के बीच नहीं है. जैसे ही विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल में यूपी मॉडल को लागू करने की मांग की, जो कांग्रेस इसे सांप्रदायिक बता रही थी वो इसमें फंस गई. कांग्रेस पार्ट ने राहुल गांधी के कैंप से एक के बाद एक बयान विक्रमादित्य सिंह पर देने शुरू कर दिए. केसी वेणुगोपाल ने फटकार भी लगाई और अपमानित भी किया. हिमाचल के लोग आज देख रहे हैं कि कांग्रेस कैसे वोट बैंक को जनता के हित के ऊपर रख रही है, लेकिन फटकार के बाद विक्रमादित्य सिंह के तेवर नहीं बदले. हिमाचल के मंत्री धनीराम शांडिल ने भी विक्रमादित्य सिंह का समर्थन किया है. यानि राहुल गांधी कैंप से लगातार फटकार लगने के बाद भी प्रियंका गांधी का खेमा कह रहा है कि वो अपनी बातों पर अड़िग रहेंगे. कुल मिलाकर तलवारें खिंच गई है. एक बात साफ है कि वोट बैंक की नीति पर चलते हुए कांग्रेस जनता की नीति और उसके लिए उठाए गए कदम को कैसे पीछे कर देती है. चाहे वो अनिरुद्ध सिंह हों या विक्रमादित्य सिंह हो या धनीराम शांडिल हों.'

धनीराम शांडिल का बयान

सोलन में स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा था कि, 'मैं भी सुरक्षा का पक्षधर हूं. क्योंकि यहां प्रश्न सिक्योरिटी का है. हमें प्रदेश को बेहद सुरक्षित जगह बनाने की जरूरत है. कौन कहां से और किस भावना से आ रहा है, इसका पता लगाना बेहद जरूरी है. प्रदेश में सिक्योरिटी को बरकरार रखने के लिए हमें अपनी पहचान को मजबूती के साथ लेकर कार्य करना होगा और अपनी पहचान को बरकरार रखना होगा.'

'प्रदेश के लोगों की चिंताओं का ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी'

वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने कल केसी वेणुगोपाल से हुई चर्चा के बारे में कहा कि, 'हिमाचल में चल रहे विवाद को ठीक करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. रेस्तरां, दुकान मालिकों के नाम दुकानों पर डिस्पले करने के संबंध में भी चर्चा हुई और मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि पार्टी के निर्देशों का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है. श के किसी भी कोने से लोगों का राज्य में स्वागत है, लेकिन स्थानीय लोगों की चिंताओं और आंतरिक सुरक्षा का ख्याल रखना भी हमारी जिम्मेदारी है.'

'एकता में विश्वास रखती है कांग्रेस'

वहीं, वेणुगोपाल ने विक्रमादित्य सिंह से मुलाकात के बाद कहा कि, 'कांग्रेस की विचारधारा प्रेम की है. पार्टी की नीतियों व विचार से कोई भी मंत्री बाहर नहीं जाना चाहिए. इस बारे में विक्रमादित्य सिंह को साफ-साफ बता दिया गया है. राहुल गांधी नफरत के खिलाफ प्यार और मोहब्बत बांट रहे हैं. हम एकता में विश्वास रखते हैं.'

सुक्खू सरकार साफ किया था अपना रुख

हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स की पहचान को लेकर कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बयान पर उपजे विवाद के बाद अब सुक्खू सरकार ने अपना रुख साफ किया था. सरकार की ओर से प्रवक्ता ने साफ कहा था कि स्ट्रीट वेंडर्स के नाम लिखने के आदेश को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है. सरकार इस मुद्दे को लेकर कैबिनेट में मंथन करेगी.

बता दें कि शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल में रेहड़ी-फड़ी वालों की पहचान बताने को लेकर निर्देश दिए थे, जिसके बाद से विक्रमादित्य देशभर में चर्चाओं में हैं. किसी को इसमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की मॉडल नजर आ रहा है तो कोई इसे हिमाचल के हित में लिया गया फैसला बता रहा है. हालांकि, मंत्री विक्रमादित्य के इस बयान से पार्टी और सरकार दोनों ने अपना पल्ला झाड़ लिया है.

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