शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस बार काफी समय तक ड्राई स्पेल रहा. प्रदेश में लंबे समय के इंतजार के बाद अब जाकर बारिश और बर्फबारी हुई है. प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में पहाड़ों पर पूरी तरह से बर्फ की सफेद चादर बिछ चुकी है. प्रदेश में ऊंची-ऊंची घाटियां चांदी सी चमक उठी हैं. भारी बर्फबारी होने से एक ओर जहां पर्यटन कारोबारियों ने राहत की सांस ली है. वहीं, दूसरी ओर किसानों-बागवानों के चेहरे भी खुशी से खिल उठे हैं.
पर्यटन और कृषि क्षेत्र के लिए फायदेमंद: गौरतलब है कि लंबे समय तक बारिश-बर्फबारी न होने से प्रदेश में पर्यटन कारोबार मंदा पड़ता जा रहा था. बर्फबारी की चाहत में आए सैलानी मायूस होकर लौट रहे थे और काफी कम तादाद में सैलानी पर्यटन स्थलों पर पहुंच रहे थे. ऐसे में बर्फबारी होने से पर्यटन कारोबारियों की किस्मत एक बार फिर चमक उठी है. अब बड़ी संख्या में सैलानी हिमाचल के पर्यटन स्थलों का रुख कर रहे हैं. कड़ाके की ठंड होने के बावजूद सैलानी बर्फबारी के बीच झूमने से खुद को रोक नहीं पा रहे हैं. वहीं, बारिश-बर्फबारी के अभाव में फसलें सूखने की कगार पर थी और सेब के पेड़ों को चिलिंग आवर्स ही शुरू नहीं हुए थे, लेकिन भारी बारिश और बर्फबारी के बाद किसानों-बागवानों को उम्मीद है कि अब फसलों से अच्छी पैदावार होगी और सेब के पेड़ों को भी पर्याप्त चिलिंग आवर्स मिलेंगे.
720 सड़कों पर यातायात बंद: इसके अलावा प्रदेश में भारी बर्फबारी के बाद लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. बीते दो दिन से हुई बर्फबारी के बाद कई क्षेत्रों में सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं. प्रदेश में 720 सड़कें पर यातायात ठप हो गया है. चंबा जिले में 163 सड़कें, शिमला 250, जबकि लाहौल स्पीति में 139, कुल्लू 67 और अन्य जिलों में भी सड़कें अवरुद्ध हुई हैं. हालांकि सड़कों को खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर किया गया है और ढाई सौ के करीब मशीनरी सड़कों को खोलने के लिए लगाई गई है. आज दोपहर तक 300 सड़कों को यातायात के लिए बहाल कर दिया है. वहीं, प्रदेश भर में 2200 से ज्यादा ट्रांसफार्मर को इस बर्फबारी से नुकसान पहुंचा है. जिसके चलते कई गांव दो दिन से अंधेरे में है.
सड़कें खोलने के लिए मशीनें तैनात: लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में लंबे समय से बर्फबारी का इंतजार हो रहा था और दो दिन से कई क्षेत्रों में अच्छी बर्फबारी हुई है. ये बर्फबारी किसानों-बागवानों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. प्रदेश में सूखे जैसे हालात थे और पर्यटकों नहीं आ रहे थे. पर्यटन की दृष्टि से बर्फ काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बर्फबारी के दौरान सड़कों को खोलने को लेकर एक महीने पहले ही बैठक की थी और जहां भी बर्फबारी की संभावना रहती है, वहां पर सड़कों को खोलने के लिए मशीनरी तैनात कर दी गई थी और नई मिशनरी भी लाई गई है. प्रदेश भर में ढाई सौ मशीनें लगाई गई है.
बारिश-बर्फबारी को लेकर अलर्ट: विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि बीते दिन 500 सड़कें बंद थी और आज सुबह भी सड़के बंद हुई है. सड़कों को खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. आगामी 2 दिन बाद भी बारिश और बर्फबारी को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. उसे लेकर भी पूरी तरह से तैयार कर ली गई है. कैल्शियम केमिकल का प्रयोग भी किया जा रहा है. बर्फबारी से जो नुकसान हुआ है, उसके लिए 72 करोड़ रुपए अलग-अलग क्षेत्रों के लिए जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा की बर्फबारी होना काफी ज्यादा जरूरी है. पेयजल योजनाओं के लिए, किसानों-बागवानों के लिए बर्फबारी काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में प्रदेश में और ज्यादा अच्छी बर्फबारी हो सकती है.
शिमला शहर में सड़कों पर बड़ी फिसलन: राजधानी शिमला में बीते दिन हुई बर्फबारी के बाद सड़कों पर काफी ज्यादा फिसलन बढ़ गई है. जिससे चलना भी मुश्किल हो गया है. आज सुबह लक्कड़ बाजार से संजौली, छोटा शिमला भी यातायात के लिए ठप रहा. हालांकि दोपहर 12 बजे के बाद कुछ क्षेत्रों में बस की आवाजाही शुरू हो गई. वहीं, शहर में सड़कों पर नगर निगम द्वारा फिसलन कम करने के लिए रेत डालने का भी काम किया जा रहा है.
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