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द‍िल्‍ली छठा व‍ित्त आयोग का गठन नहीं होने के ख‍िलाफ हाईकोर्ट पहुंचे व‍िजेंद्र गुप्‍ता, AAP सरकार को नोटिस जारी - Notice issued to AAP Government

Notice issued to AAP Government: छठे दिल्ली वित्त आयोग के गठन की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया.

विजेंद्र गुप्ता
विजेंद्र गुप्ता (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 12, 2024, 6:49 PM IST

छठे वित्त आयोग पर आप सरकार को नोटिस जारी (ETV BHARAT)

नई द‍िल्‍ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार की ओर से छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन नहीं करने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने सरकार से इस मामले में 9 नवंबर तक जवाब फाइल करने का आदेश द‍िया है. दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट की ओर से जारी किए गए नोटिस पर गुप्ता ने कहा है कि सरकार को नोटिस जारी हुआ है, लेकिन सवाल यह है क‍ि आखिरी यह स्थिति क्यों आई है.

उन्होंने कहा कि ज‍िस वित्त आयोग की रिपोर्ट को 1 अप्रैल 2021 को सरकार की तरफ से लागू क‍िया जाना था, उस वित्त आयोग का अब तक गठन तक नहीं किया जा सका. इसके गठन नहीं करने का मतलब है कि ना तो कोई रिपोर्ट आई और ना ही सदन के पटल पर रखी गई और ना ही वह लागू हो पाई.

कानून में विश्वास नहीं करती AAP: विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि द‍िल्‍ली वित्त आयोग का कार्यकाल 5 साल का होता है. हर पांच साल बाद एक नया वित्त आयोग दिल्ली सरकार की ओर से गठित करना होता है. यह आयोग दिल्ली नगर निगम के संसाधनों, उसकी वित्तीय जरूरतों और अन्य सभी मसलों को लेकर चर्चा करती है. और जो व‍ित्‍तीय कमियां या खाम‍ियां होती हैं, उनको सरकार दूर करती है. लेकिन सरकार अराजक तरीके से काम कर रही है. संविधान और कानून में विश्वास नहीं करके काम कर रही है और द‍िल्ली को बंधक बनाकर रखा हुआ है.

ये भी पढ़ें: केजरीवाल सरकार ने छठे वित आयोग का गठन नहीं किया, MCD को नहीं दे रही पर्याप्‍त फंड, जाएंगे कोर्ट: विजेंद्र गुप्ता

संविधान का किया गया उल्लंघनः इसी कड़ी में संविधान का उल्लंघन कर छठे द‍िल्‍ली वित्त आयोग का गठन नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि पांचवें द‍िल्‍ली व‍ित्‍त आयोग की रिपोर्ट को भी लागू नहीं किया गया. जबक‍ि, उसको सदन पटल पर रखा गया. इसकी र‍िपोर्ट/स‍िफार‍िशों को लागू नहीं किया गया. वहीं, चौथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट को तो दिल्ली विधानसभा के सदन पटल पर ही नहीं रखा गया था. आम आदमी पार्टी की सरकार ने पूरे सरकारी स‍िस्‍टम और संविधान का मखौल बनाया हुआ है. इसलिए इस मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है और इस संबंध में सरकार को जारी किए गए नोटिस का स्वागत करते हैं.

ये भी पढ़ें: कोचिंग सेंटर में छात्रों की मौत के चार आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कल भी जारी रहेगी

छठे वित्त आयोग पर आप सरकार को नोटिस जारी (ETV BHARAT)

नई द‍िल्‍ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार की ओर से छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन नहीं करने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने सरकार से इस मामले में 9 नवंबर तक जवाब फाइल करने का आदेश द‍िया है. दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट की ओर से जारी किए गए नोटिस पर गुप्ता ने कहा है कि सरकार को नोटिस जारी हुआ है, लेकिन सवाल यह है क‍ि आखिरी यह स्थिति क्यों आई है.

उन्होंने कहा कि ज‍िस वित्त आयोग की रिपोर्ट को 1 अप्रैल 2021 को सरकार की तरफ से लागू क‍िया जाना था, उस वित्त आयोग का अब तक गठन तक नहीं किया जा सका. इसके गठन नहीं करने का मतलब है कि ना तो कोई रिपोर्ट आई और ना ही सदन के पटल पर रखी गई और ना ही वह लागू हो पाई.

कानून में विश्वास नहीं करती AAP: विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि द‍िल्‍ली वित्त आयोग का कार्यकाल 5 साल का होता है. हर पांच साल बाद एक नया वित्त आयोग दिल्ली सरकार की ओर से गठित करना होता है. यह आयोग दिल्ली नगर निगम के संसाधनों, उसकी वित्तीय जरूरतों और अन्य सभी मसलों को लेकर चर्चा करती है. और जो व‍ित्‍तीय कमियां या खाम‍ियां होती हैं, उनको सरकार दूर करती है. लेकिन सरकार अराजक तरीके से काम कर रही है. संविधान और कानून में विश्वास नहीं करके काम कर रही है और द‍िल्ली को बंधक बनाकर रखा हुआ है.

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संविधान का किया गया उल्लंघनः इसी कड़ी में संविधान का उल्लंघन कर छठे द‍िल्‍ली वित्त आयोग का गठन नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि पांचवें द‍िल्‍ली व‍ित्‍त आयोग की रिपोर्ट को भी लागू नहीं किया गया. जबक‍ि, उसको सदन पटल पर रखा गया. इसकी र‍िपोर्ट/स‍िफार‍िशों को लागू नहीं किया गया. वहीं, चौथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट को तो दिल्ली विधानसभा के सदन पटल पर ही नहीं रखा गया था. आम आदमी पार्टी की सरकार ने पूरे सरकारी स‍िस्‍टम और संविधान का मखौल बनाया हुआ है. इसलिए इस मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है और इस संबंध में सरकार को जारी किए गए नोटिस का स्वागत करते हैं.

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