ETV Bharat / state

मंत्री गणेश जोशी पर मुकदमा दर्ज करने के लिए विजिलेंस को कैबिनेट के फैसले का इंतजार, इसके बाद कोर्ट करेगा निर्णय - cabinet minister Ganesh Joshi - CABINET MINISTER GANESH JOSHI

Vigilance Court, cabinet minister Ganesh Joshi आय से अधिक संपत्ति के मामले में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर मुकदमा दर्ज करने के लिए विजिलेंस को धामी कैबिनेट के फैसले का इंतजार है. इस मामले में विजिलेंस कोर्ट में भी सुनवाई हुई. धामी कैबिनेट को आठ अक्टूबर से पहले अपना निर्णय लेना है. वहीं इस मामले पर कांग्रेस ने भी गणेश जोशी और सरकार को घेरना शुरू कर दी है. हालांकि इस मामले बीजेपी ज्यादा कुछ बोलने से बच रही है.

Etv Bharat
गणेश जोशी (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 4, 2024, 5:17 PM IST

Updated : Sep 4, 2024, 7:19 PM IST

मंत्री गणेश जोशी आय से अधिक संपत्ति के मामले पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा. (ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में किसी कैबिनेट मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए कैबिनेट से अनुमित मांगी है. विशेष विजिलेंस कोर्ट ने 19 अक्टूबर की तारीख तय की है. उससे पहले विजिलेंस कोर्ट को धामी सरकार के फैसला का इंतजार है. धामी सरकार को 8 अक्टूबर से पहले इस पर फैसला लेना है. इसके बाद ही 19 अक्टूबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी.

दरअसल, एडवोकेट विकेश नेगी ने स्पेशल विजिलेंस कोर्ट में आय से अधिक संपत्ति के मामले में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ याचिका दायर कर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी. विकेश नेगी की याचिका पर कोर्ट ने विजिलेंस से आख्या मांगी थी. जिस पर मंगलवार तीन सितंबर को कोर्ट ने सुनवाई हुई. विजिलेंस ने अपनी रिपोर्ट के साथ एक पत्र कोर्ट में पेश किया.

धामी कैबिनेट को आठ अक्टूबर से पहले लेना है फैसला: ये पत्र आठ जुलाई 2024 को कार्मिक और सतर्कता विभाग की ओर से विजिलेंस को भेजा गया था. इस पत्र में सचिव मंत्री परिषद (गोपन विभाग) को शिकायत का अपने स्तर पर परीक्षण कर यथोचिच कार्रवाई करने को कहा गया है. कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि विजिलेंस की रिपोर्ट से साफ हो गया कि शासन से पहले ही मामला मंत्री परिषद को भेजा जा चुका है. पत्र सात जुलाई को भेजा गया था. इसके अनुसार तीन महीने का समय आठ अक्टूबर हो समाप्त हो रहा है. लिहाजा इसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा. भ्रष्चाचार निवारण अधिनिमय की नियमानुसार ऐसे मामलों में मुकदमा दर्ज करने के आदेश से पहले कैबिनेट के फैसले का तीन महीने तक इंतजार किया जाता है.

कांग्रेस ने सरकार को लपेटा: वहीं इस मामले पर कांग्रेस भी बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस नेता गरीमा दसौना का कहना है कि एक तरफ तो सीएम पुष्कर सिंह धामी की स्तुति पर ईडी कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश रावत से 12-12 घंटे पूछताछ कर रही है. वहीं, विजिलेंस ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर मुकदमा दर्ज करने के लिए स्तुति मांगी है. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगा है, जो उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार हुआ है. इससे पहले ही भी कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर कई आरोप लगे है, लेकिन उनका कुछ नहीं बिगड़ा. हालांकि अब लगता है कि गणेश जोशी जांच होगी और एक-एक सबकी बारी आएगी.

बीजेपी ने दिया जवाब: अपनी ही सरकार के कैबिनेट मंत्री पर लगे इस तरह के आरोपों से बीजेपी थोड़ी अहसज नजर आ रही है. यहीं कारण है कि बीजेपी इस मामले पर ज्यादा कुछ बोलने से बच रही है. हालांकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी बयान आया है. उन्होंने कहा कि यह मामला सरकार के संज्ञान में है. सरकार इस पर उचित निर्णय लेगी. हालांकि अभी तक कोई आरोप साबित नहीं हुआ है. इस तरह के आरोप राजनीतिक लोगों पर लगते रहे है. जब तक आरोपी साबित नहीं हो जाते पार्टी इस पर अपना कोई बयान नहीं देगी.

वहीं आज कल अपने बयानों के कारण सुर्खियों बढ़ोर रहे हरिद्वार सांसद और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि न्याय शब्द देखने से प्रदर्शित होता है. महाभारत में यह साफ तौर से लिखा है कि न्याय जब होता है तो उसमें अपना पराया नहीं देखा जाता है. यह बात उन्होंने प्रदेश में हरक सिंह रावत के खिलाफ हो रही कार्रवाई की परिपेक्ष में भी कही है. उन्होंने कहा है कि अगर न्याय धर्म की बात होती है तो उसमें यही देखा जाता है कि जिसने गलत किया है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

पढ़ें--

मंत्री गणेश जोशी आय से अधिक संपत्ति के मामले पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा. (ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में किसी कैबिनेट मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए कैबिनेट से अनुमित मांगी है. विशेष विजिलेंस कोर्ट ने 19 अक्टूबर की तारीख तय की है. उससे पहले विजिलेंस कोर्ट को धामी सरकार के फैसला का इंतजार है. धामी सरकार को 8 अक्टूबर से पहले इस पर फैसला लेना है. इसके बाद ही 19 अक्टूबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी.

दरअसल, एडवोकेट विकेश नेगी ने स्पेशल विजिलेंस कोर्ट में आय से अधिक संपत्ति के मामले में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ याचिका दायर कर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी. विकेश नेगी की याचिका पर कोर्ट ने विजिलेंस से आख्या मांगी थी. जिस पर मंगलवार तीन सितंबर को कोर्ट ने सुनवाई हुई. विजिलेंस ने अपनी रिपोर्ट के साथ एक पत्र कोर्ट में पेश किया.

धामी कैबिनेट को आठ अक्टूबर से पहले लेना है फैसला: ये पत्र आठ जुलाई 2024 को कार्मिक और सतर्कता विभाग की ओर से विजिलेंस को भेजा गया था. इस पत्र में सचिव मंत्री परिषद (गोपन विभाग) को शिकायत का अपने स्तर पर परीक्षण कर यथोचिच कार्रवाई करने को कहा गया है. कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि विजिलेंस की रिपोर्ट से साफ हो गया कि शासन से पहले ही मामला मंत्री परिषद को भेजा जा चुका है. पत्र सात जुलाई को भेजा गया था. इसके अनुसार तीन महीने का समय आठ अक्टूबर हो समाप्त हो रहा है. लिहाजा इसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा. भ्रष्चाचार निवारण अधिनिमय की नियमानुसार ऐसे मामलों में मुकदमा दर्ज करने के आदेश से पहले कैबिनेट के फैसले का तीन महीने तक इंतजार किया जाता है.

कांग्रेस ने सरकार को लपेटा: वहीं इस मामले पर कांग्रेस भी बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस नेता गरीमा दसौना का कहना है कि एक तरफ तो सीएम पुष्कर सिंह धामी की स्तुति पर ईडी कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश रावत से 12-12 घंटे पूछताछ कर रही है. वहीं, विजिलेंस ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर मुकदमा दर्ज करने के लिए स्तुति मांगी है. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगा है, जो उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार हुआ है. इससे पहले ही भी कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर कई आरोप लगे है, लेकिन उनका कुछ नहीं बिगड़ा. हालांकि अब लगता है कि गणेश जोशी जांच होगी और एक-एक सबकी बारी आएगी.

बीजेपी ने दिया जवाब: अपनी ही सरकार के कैबिनेट मंत्री पर लगे इस तरह के आरोपों से बीजेपी थोड़ी अहसज नजर आ रही है. यहीं कारण है कि बीजेपी इस मामले पर ज्यादा कुछ बोलने से बच रही है. हालांकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी बयान आया है. उन्होंने कहा कि यह मामला सरकार के संज्ञान में है. सरकार इस पर उचित निर्णय लेगी. हालांकि अभी तक कोई आरोप साबित नहीं हुआ है. इस तरह के आरोप राजनीतिक लोगों पर लगते रहे है. जब तक आरोपी साबित नहीं हो जाते पार्टी इस पर अपना कोई बयान नहीं देगी.

वहीं आज कल अपने बयानों के कारण सुर्खियों बढ़ोर रहे हरिद्वार सांसद और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि न्याय शब्द देखने से प्रदर्शित होता है. महाभारत में यह साफ तौर से लिखा है कि न्याय जब होता है तो उसमें अपना पराया नहीं देखा जाता है. यह बात उन्होंने प्रदेश में हरक सिंह रावत के खिलाफ हो रही कार्रवाई की परिपेक्ष में भी कही है. उन्होंने कहा है कि अगर न्याय धर्म की बात होती है तो उसमें यही देखा जाता है कि जिसने गलत किया है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

पढ़ें--

Last Updated : Sep 4, 2024, 7:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.