देहरादून: उत्तराखंड में पिछले लंबे समय से ठंडे बस्ते में दिखाई दे रही दरोगा भर्ती की जांच अब पूरी कर ली गई है. मिली जानकारी के अनुसार विजिलेंस ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है और शासन की तरफ से अब इस मामले में अंतिम निर्णय लिया जाना है. यानी अब रिपोर्ट के आधार पर दरोगा भर्ती घोटाले में शामिल दरोगाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी जा सकती है.
दरअसल साल 2015 में राज्य में कुल 339 पदों पर दरोगाओ की सीधी भर्ती की गई थी. जिसमें बड़े स्तर पर धांधली की बात सामने आई थी. हालांकि इस भर्ती के पूरा होने के बाद नियुक्तियां भी दे दी गई थी, लेकिन साल 2022 में एसटीएफ ने जब स्नातक स्तरीय परीक्षा की धांधली की जांच शुरू की तो इसी जांच में पता चला कि पूर्व में हुई दरोगा भर्ती में भी बड़े स्तर पर धांधली की गई है. इन्हीं तथ्यों के आधार पर पुलिस मुख्यालय के स्तर से इस पर विजिलेंस जांच के निर्देश दिए गए थे.
हालांकि जब जांच शुरू हुई तो इस पर विवाद बेहद ज्यादा बढ़ गया. उधर भर्ती में गड़बड़ी में शामिल संभावित दरोगाओं को भी निलंबित कर दिया गया था. ऐसे कुल 20 दरोगा थे, जिन्हें निलंबित किया गया था. विजिलेंस ने अब इस मामले में जांच पूरी करते हुए अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है. साल 2015 की दरोगा भर्ती पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा करवाई गई थी और अब जब रिपोर्ट तैयार कर ली गई है तो इस मामले में कई लोगों पर कानूनी शिकंजा कसे जाने की उम्मीद है.
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बताया जा रहा है कि इस जांच में कुछ दरोगाओं पर आरोप सिद्ध होते हुए दिखाई दिए हैं, तो वहीं कई दरोगा जांच में सही पाए गए हैं. हालांकि अब शासन जब इस पर फैसला लेगा, तभी इस पर स्थिति स्पष्ट हो पाएग, लेकिन विजिलेंस की जांच के दौरान तमाम दरोगाओं की वित्तीय स्थितियों को भी देखा गया था. जिसमें कुछ महत्वपूर्ण सुराग विजिलेंस के हाथ लगे थे.
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