विदिशा। प्रदेश के बड़े ग्राउंडों में शामिल विदिशा के खेल स्टेडियम की अव्यवस्थाएं और बदइंतजामी पिछले कई सालों से चर्चा में है. यहां पर होने वाले निर्माण कार्य व स्टेडियम के रखरखाव पर होने वाले खर्च पर सवाल उठे हैं. कई खिलाड़ियों ने आवेदन देकर जांच कराए जाने की मांग की है. वहीं अब यह मांग और तेज हो गई है. इसका मुख्य कारण है कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का जल्द ही विदिशा जिले में दौरा होने वाला है.
स्टेडियम में सुविधाओं का अभाव
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2006 में इस स्टेडियम का शुभारंभ किया था. उनका मकसद था कि विदिशा क्षेत्र के खिलाड़ी इस स्टेडियम में अपनी प्रतिभा को निखार सकेंगे और जिले का नाम देश भर में रोशन कर सकेंगे, लेकिन स्टेडियम में सुविधाओं का अभाव है. खिलाड़ियों को यहां पर किसी भी प्रकार की सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. वहीं, यहां तैयारी करने वाले खिलाड़ियों की फजीहत हो रही है.
बास्केटबॉल के खिलाड़ी 8 महीने से नहीं कर रहे प्रैक्टिस
स्टेडियम में किसी भी खेल से संबंधित कोई भी उपकरण दुरुस्त नहीं है. जिसके चलते खिलाड़ियों की अच्छी तैयारी नहीं हो पाती है. यहां पर दौड़ने के लिए न तो ठीक तरीके का ट्रैक है और न ही कुश्ती व अन्य खेलों के लिए पर्याप्त जगह है. जबकि टेनिस और बैडमिंटन के खिलाड़ी विदिशा में कम हैं. वहीं दूसरी तरफ बास्केटबॉल के खिलाड़ी 8 महीने इस स्टेडियम के मैदान में प्रेक्टिस नहीं कर पा रहे हैं.
ट्रैक और ग्राउंड में भरा रहता है पानी
खिलाड़ियों का कहना है कि स्टेडियम के रख-रखाव पर ढाई से तीन लाख रुपए हर महीने खर्च किए जाते हैं. इसके बावजूद ट्रैक के ग्राउंड पर पानी भरा रहता है. मैदान में घास उगी हुई है. पूरा ट्रैक उखड़ा हुआ है, यहा प्रैक्टिस करने के दौरान खिलाड़ी कई बार घायल हो चुके हैं. इसके बावजूद जिम्मेदार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. इसके अलावा यहां प्रैक्टिस करने आने वाले खिलाड़ियों का सामान भी चोरी हो जाता है. स्टेडियम में जो फुटबॉल, कुश्ती, कबड्डी व बास्केटबाल के मैदान बनाए गए हैं. उनका रख-रखाव भी ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा है.
स्टेडियम में बैठने की व्यवस्था नहीं
स्टेडियम में बैठने के लिए जो कुर्सियां बनाई गई थीं, वह भी टूटी पड़ी हैं. लोहे की कुर्सियां कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं. मैदान पर आवारा कुत्तों व मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है. यहां पर बने ओपन जिम की हालत बदहाल है, सभी मशीनें खराब हो चुकी हैं. सबसे बड़ी बात इस मैदान में ड्रेनेज सिस्टम नहीं है. जिसके चलते पानी की निकासी नहीं हो पाती है. कबड्डी की प्रेक्टिस के लिए एक टीन शेड बनाया गया है, जिसकी लागत 32 लाख रुपए बताई जा रही है. यह टीन शेड चारों तरफ से ओपन है. जिसकी वजह से खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं कुश्ती के लिए मिला कमरा भी काफी छोटा है. जिसके चलते कुश्ती खिलाड़ियों ने नवनिर्मित आधुनिक हॉल की मांग की है.
यहां पढ़ें... कुश्ती की खिलाड़ी ने सेलिंग में जीता सोना, चेन्नई में विंड सर्फिंग चैम्पियनशिप में रचा इतिहास आईपीएल के बाद अब मध्य प्रदेश प्रीमियर लीग का रोमांच, शहडोल के इन खिलाड़ियों की धूम |
स्टेडियम में नहीं हैं सभी खेलों के कोच
करोड़ों रुपये की लागत से खेल स्टेडियम बनाया गया, लेकिन स्टेडियम में ना तो खेलने की सामग्री है और ना ही खेल सिखाने वाले कोचों की व्यवस्था है. सिर्फ कबड्डी और वॉलीबॉल के एक-एक कोच हैं. वहीं वॉलीबॉल के कोच पिछले छह सालों से नरसिंहपुर जिले में अटैच है. स्टेडियम में लान टेनिस, बास्केटबाल, बैडमिंटन के अलग से कोर्ट हैं, लेकिन खेल खिलाने के लिए कोई अनुभवी कोच की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में बिना कोच के विदिशा के खिलाड़ी खेलों में अपनी प्रतिभा को आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं.