विदिशा। पर्यावरण मित्र नीरज चौरसिया ने जनवरी माह में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से बेतवा नदी में प्रदूषण की जांच की मांग की थी. इसके बाद बेतवा के विभिन्न घाटों से सैंपल लिए. जांच रिपोर्ट आने के बाद नीरज ने बताया कि राम घाट, हनुमान घाट, चरण तीर्थ घाट पर नदी से सैंपल लिए गए. जिनमें राम घाट के नजदीक घाट वाले नाले की रिपोर्ट नहीं भेजी गई. शेष दो स्थान से लिए गए सैंपल की रिपोर्ट में सब ठीक बताया गया है. नदी में किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होना बताया गया है. जो पूरी तरह से गलत है. गंदगी साफतौर से दिखाई दे रही है, इसे नकारा जा रहा है.
पर्यावरण मित्र ने जांच रिपोर्ट पर उठाए सवाल
पर्यावरणमित्र नीरज चौरसिया ने जांच रिपोर्ट को लेकर सवालिया निशान खड़े करते हुए भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए हैं. उन्होंने कहा कि जिस अस्पताल का मेडिकल वेस्ट नदी में मिल रहा है, उसे भी इस जांच में नकारा गया है. मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कनिष्ठ वैज्ञानिक राजौरिया द्वारा जल के नमूने एकत्र किए गए थे, जिनका लैब में परीक्षण हुआ. दो माह बाद बेतवा नदी के उक्त घाटों के सैंपल मे से सिर्फ दो घाटो की रिपोर्ट दर्ज है. चोर घाट नाले का मुहाना जहां बेतवा मे मिलता है, उसकी सैंपल रिपोर्ट नहीं दी गई.
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जिला प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लिया
वहीं, बेतवा नदी की दुर्दशा पर कलेक्टर ने संज्ञान लिया है. शिकायत मिलने पर कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने बेतवा नदी की साफ-सफाई को लेकर शासन स्तर से किए जाने वाले प्रयासों के साथ ही जनआंदोलन तैयार करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि बेतवा नदी को स्वच्छ और साफ बनाए रखने के लिए तमाम प्रयास किए जाएंगे. गौरतलब है कि विदिशा नगर की एकमात्र जीवनदायिनी नदी बेतवा है. नदी प्रदूषित हो गई है. इसे प्रदूषित करने वाला चोर घाट नाला मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रिकार्ड में ही नहीं है.