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खाद के लिए त्राहिमाम!, सुबह से रात तक किसानों का केंद्र पर डेरा, फिर भी खाली हाथ - VIDISHA FERTILIZER CRISIS

मध्यप्रदेश में किसान खाद के लिए परेशान हैं. विदिशा में लंबी लाइनें लग रही हैं. वहीं, प्रशासन का दावा है कि कोई समस्या नहीं है.

Vidisha Fertilizer crisis
खाद के लिए सुबह से रात तक लाइनों में किसान (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 7, 2024, 2:02 PM IST

Updated : Nov 7, 2024, 3:53 PM IST

विदिशा। पूरे जिले के किसान खाद के लिए परेशान हैं. सहकारी समितियों के बाहर खाद के लिए लंबी लाइनों में किसान सुबह से शाम तक इंतजार करते हैं, लेकिन निराश होकर लौटना पड़ रहा है. विदिशा जिले के खाद बिक्री केंद्रों पर किसान रातभर डेरा डाले हैं. सहकारी समिति केंद्रों पर किसान दूरदराज से आ रहे हैं. किसानों ने बताया कि वे सुबह 4 बजे से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन शाम तक लाइन में लगने के बाद भी खाद नहीं मिलता.

खाद की कालाबाजारी, महंगे दामों पर मिल रहा है

विदिशा जिले के नटेरन क्षेत्र के कई किसान यहां पर खाद के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. किसानों ने अपनी भू-अधिकार पुस्तिका को सुबह 4 बजे से लाइन में लगा रखा है. इसके बाद भी खाद का केवल इंतजार ही रहता है. किसानों का कहना है कि उनकी अगली फसल की बोवनी में देरी हो रही है. खाद नहीं मिलने से फसलें प्रभावित होंगी. किसानों का कहना है कि खाद की कालाबाजारी खूब हो रही है. जो बोरी शासकीय प्राथमिक सोसाइटी में 1300 की मिल रही है तो वही बाजार में 2200 से 2300 रुपए में बेची जा रही है.

खाद के लिए विदिशा में लंबी लाइनें (ETV BHARAT)
Vidisha Fertilizer crisis
किसानों का रातभर केंद्रों पर डेरा, फिर भी खाली हाथ (ETV BHARAT)

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जिम्मेदारों के जवाब भी हास्यास्पद

वहीं, खाद की किल्लत के बाद भी जिम्मेदार अफसर इस बात को नकार रहे हैं कि किसान परेशान हैं. इस बारे में जिला सहकारी बैंक के सीईओ विनय प्रकाश सिंह का कहना है "खाद की कहीं भी दिक्कत नहीं है. सभी सोसाइटी में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है." वहीं, कलेक्टर रोशन सिंह का कहना है "पूरे जिले में कहीं भी खाद की किल्लत नहीं है. खाद का पर्याप्त स्टॉक है. सभी किसानों को खाद मिलेगा. इसका वितरण भी समुचित तरीके से हो रहा है."

खाद के लिए त्राहिमाम!, सुबह से रात तक किसानों का केंद्र पर डेरा, फिर भी खाली हाथ

विदिशा। पूरे जिले के किसान खाद के लिए परेशान हैं. सहकारी समितियों के बाहर खाद के लिए लंबी लाइनों में किसान सुबह से शाम तक इंतजार करते हैं, लेकिन निराश होकर लौटना पड़ रहा है. विदिशा जिले के खाद बिक्री केंद्रों पर किसान रातभर डेरा डाले हैं. सहकारी समिति केंद्रों पर किसान दूरदराज से आ रहे हैं. किसानों ने बताया कि वे सुबह 4 बजे से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन शाम तक लाइन में लगने के बाद भी खाद नहीं मिलता.

खाद की कालाबाजारी, महंगे दामों पर मिल रहा है

विदिशा जिले के नटेरन क्षेत्र के कई किसान यहां पर खाद के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. किसानों ने अपनी भू-अधिकार पुस्तिका को सुबह 4 बजे से लाइन में लगा रखा है. इसके बाद भी खाद का केवल इंतजार ही रहता है. किसानों का कहना है कि उनकी अगली फसल की बोवनी में देरी हो रही है. खाद नहीं मिलने से फसलें प्रभावित होंगी. किसानों का कहना है कि खाद की कालाबाजारी खूब हो रही है. जो बोरी शासकीय प्राथमिक सोसाइटी में 1300 की मिल रही है तो वही बाजार में 2200 से 2300 रुपए में बेची जा रही है.

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जिम्मेदारों के जवाब भी हास्यास्पद

वहीं, खाद की किल्लत के बाद भी जिम्मेदार अफसर इस बात को नकार रहे हैं कि किसान परेशान हैं. इस बारे में जिला सहकारी बैंक के सीईओ विनय प्रकाश सिंह का कहना है "खाद की कहीं भी दिक्कत नहीं है. सभी सोसाइटी में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है." वहीं, कलेक्टर रोशन सिंह का कहना है "पूरे जिले में कहीं भी खाद की किल्लत नहीं है. खाद का पर्याप्त स्टॉक है. सभी किसानों को खाद मिलेगा. इसका वितरण भी समुचित तरीके से हो रहा है."

Last Updated : Nov 7, 2024, 3:53 PM IST
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