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75 किलो चांदी से बने रथ को देखकर हैरत में पड़े लोग, विदिशा में मनाया गया डोल ग्यारस पर्व - Vidisha Dol Gyaras Festival

14 सितंबर को विदिशा में डोल ग्यारस पर्व के दौरान रामलला मंदिर समिति ने 75 किलो चांदी से बने रथ में डोला निकालकर जलविहार कराया गया. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में भी लोगों ने धूमधाम से पर्व मनाया.

VIDISHA DOL GYARAS FESTIVAL
विदिशा में मनाया गया डोल ग्यारस पर्व (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 15, 2024, 7:45 PM IST

विदिशा: शनिवार को विदिशा सहित पूरे मध्य प्रदेश में डोल ग्यारस पर्व धूमधाम से मनाया गया. विदिशा में रामलला सरकार का रथ आकर्षण का केंद्र बना रहा. इस रथ को एक करोड रुपए से अधिक की लागत से बनाया गया, जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. वहीं विदिशा के ग्रामीण अंचलों में भी डोले निकालकर लोगों ने जल विहार कराया.

विदिशा में मनाया गया डोल ग्यारस पर्व (ETV Bharat)

75 किलो चांदी से बनाया गया है रथ

रामलला मंदिर समिति के अध्यक्ष पदम ताम्रकार ने बताया कि ''रामलला सरकार के इस रथ को 75 किलो चांदी से बनाया गया है. यह रथ 20 फीट लंबा, 8 फीट चौड़ा और 13 फीट ऊंचा है. इस रथ का शिखर से लेकर पाया तक सब कुछ चांदी से बना हुआ है. इस रथ के निर्माण के लिए विभिन्न समाज के लोगों ने योगदान दिया है.'' उदयपुर के कारीगरों ने 3 महीने में इसका निर्माण किया है. जब इस रथ पर भगवान रामलला सवार होकर निकले तो हजारों लोगों इस रथ के वैभव को एकटक निहारते रहे. नगर में एक दर्जन से अधिक स्थानों से भगवान के डोले निकाले गए. इसके बाद सभी डोले पंचकुइयां घाट पर पहुंचे. जहां विधि विधान से पूजा-अर्चना, जलविहार और आरती की गई.

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लोगों ने की पूजा-अर्चना

कार्तिक घाट को भी दूधिया रोशनी से सजाया गया था. 75 किलो चांदी से बनाए गए रथ को भक्त अपने हाथों से खींचते हुए चल रहे थे. विभिन्न डोलों की जगह-जगह लोगों ने पूजा-अर्चना की. पूरी रात बाजार में डोलों का उत्साह के साथ भगवान के जयकारे गूंज रहे थे. पुलिस प्रशासन के द्वारा सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए गए थे. वहीं राजनीतिक के नेताओं ने भी यहां पहुंचकर भगवान का आशीर्वाद लिया.

विदिशा: शनिवार को विदिशा सहित पूरे मध्य प्रदेश में डोल ग्यारस पर्व धूमधाम से मनाया गया. विदिशा में रामलला सरकार का रथ आकर्षण का केंद्र बना रहा. इस रथ को एक करोड रुपए से अधिक की लागत से बनाया गया, जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. वहीं विदिशा के ग्रामीण अंचलों में भी डोले निकालकर लोगों ने जल विहार कराया.

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75 किलो चांदी से बनाया गया है रथ

रामलला मंदिर समिति के अध्यक्ष पदम ताम्रकार ने बताया कि ''रामलला सरकार के इस रथ को 75 किलो चांदी से बनाया गया है. यह रथ 20 फीट लंबा, 8 फीट चौड़ा और 13 फीट ऊंचा है. इस रथ का शिखर से लेकर पाया तक सब कुछ चांदी से बना हुआ है. इस रथ के निर्माण के लिए विभिन्न समाज के लोगों ने योगदान दिया है.'' उदयपुर के कारीगरों ने 3 महीने में इसका निर्माण किया है. जब इस रथ पर भगवान रामलला सवार होकर निकले तो हजारों लोगों इस रथ के वैभव को एकटक निहारते रहे. नगर में एक दर्जन से अधिक स्थानों से भगवान के डोले निकाले गए. इसके बाद सभी डोले पंचकुइयां घाट पर पहुंचे. जहां विधि विधान से पूजा-अर्चना, जलविहार और आरती की गई.

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लोगों ने की पूजा-अर्चना

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