विदिशा: हर साल नागपंचमी पर हिंदू बीजा मंडल परिसर में जाकर बंद ताले के बाहर पूजन करते हैं. मंदिर के गेट पर ताला रहता है. इस बार हिंदूवादी संगठनों ने प्रशासन से ताले खोलकर अंदर जाकर पूजन करने की अनुमति मांगी है. वहीं, जिला प्रशासन ने अनुमति देने से इंकार कर दिया है. भारतीय पुरातत्व विभाग ने बीजा मंडल को मस्जिद बताया है. अब विदिशा के अनेक संगठन और भाजपा नेता इस पर आपत्ति जता रहे हैं. जिला प्रशासन का कहना है कि बीजा मंडल पुरातव विभाग के अंतर्गत आता है. बीजा मंडल मस्जिद के रूप में पुरातत्व विभाग में दर्ज है.
हिंदूवादी संगठनों के साथ बीजेपी विधायक
इस मामले में भाजपा विधायक मुकेश टंडन ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर ताले खुलवाकर पूजन करने की अनुमति मांगी है. विधायक का कहना है "उन्होंने ज्ञापन देकर पूजन करने की अनुमति मांगी है. पुरातत्व विभाग के अधिकारियों से भी बात की गई है. विधायक ने पुरातत्व विभाग से विजय मंदिर का दोबारा सर्वेक्षण कराने की मांग की है, जिससे मस्जिद शब्द विलोपित हो जाए. क्योंकि वहां की मूर्तियां मंदिर होने का स्वयं प्रमाण देती हैं." इधर, बीजा मंडल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
बीजामंडल पर पुलिस के 70 जवान तैनात
थाना कोतवाली टीआई मनोज दुबे ने बताया "पुलिस के 70 जवानों को बीजा मंडल पर लगाया गया है." वहीं, इतिहासकार गोविंद देवलिया का कहना है "विजय मंदिर पर पूजा अर्चना करने की परंपरा रही है. आज भी लोग यहां आकर पूजन करेंगे. यहां मूर्तियां संरक्षित करके बहुत पहले से रख दी गई थीं. ताले को खोलने की मांग बहुत तीव्रता से की जा रही है. अंदर पूजन करने की मांग हमेशा से होती रही है. यहां सुरक्षा व्यवस्था तो हर बार लगती है पर इस बार कुछ ज्यादा सख्ती दिख रही है."