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पन्ना के पास घने जंगल के बीच 'झोर के हनुमानजी', यहां का कुंड है बहुत चमत्कारी - JHOR KE HANUMANJI TEMPLE

पन्ना के पास जंगलों के बीच स्थित 'झोर के हनुमानजी' हर मनोकामना पूरी करते हैं. ये मंदिर 300 साल पुराना है.

Jhor Ke Hanumanji temple
पन्ना के पास घने जंगल के बीच 'झोर के हनुमानजी' (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 31, 2025, 6:27 PM IST

पन्ना: पन्ना को मंदिरों का शहर कहा जाता है. शहर ही नहीं, पूरे पन्ना जिले में कई ऐतिहासिक मंदिर हैं. कई मंदिर दूरदराज के पहाड़ों और जंगलों के बीच हैं. दुर्गम रास्ते होने के बाद भी श्रद्धालु इन मंदिरों में पूजा करने जाते हैं. पन्ना जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर जंगलों के बीच में स्थित 'झोर के हनुमान जी' का मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है. यहां बजरंग बली के दर्शन करने के लिए पन्ना के साथ ही आसपास के जिलों के श्रद्धालु आते हैं. मंदिर में एक चमत्कार और ये है कि यहां बने कुंड का पानी कभी भी कम नहीं होता है.

हनुमान मंदिर का इतिहास 300 साल पुराना

झोर के हनुमान का मंदिर बहुत प्राचीन है. करीब 300 साल पुराना इस मंदिर का इतिहास है. मान्यता है कि यहां हनुमान जी के दर पर हाजिरी लगाने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मंदिर के पुजारी अजय दुबे बताते हैं "यह मंदिर 300 से 400 वर्ष पुराना है. उनकी दो पीढ़ियां यहां पर पूजा करती आ रही हैं. पहले उनके पिताजी पूजा अर्चना किया करते थे और अब वह पूजा अर्चना करते हैं. यह मंदिर झोर के हनुमान के नाम से विख्यात है. इसके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं."

पन्ना में झोर के हनुमानजी के मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक (ETV BHARAT)

चट्टान में बनी है हनुमानजी की मूर्ति

बता दें कि झोर के हनुमान जी की मूर्ति चट्टान में अंकित है. इसकी बहुत मान्यता है. श्रद्धालु यहां आकर ध्यान भी करते हैं. घंटों मंदिर में बैठकर पूजा अर्चना करते हैं. यहां पर आने वले श्रद्धालु बताते हैं कि जो काम उन्हें जीवन में असंभव लग रहा था, ऐसे काम बजरंग बली की कृपा से तुरंत पूरे हो गए. बता दें कि यह मंदिर चारों तरफ जंगलों से घिरा है. पन्ना से अजयगढ़ रोड से जंगल की ओर अंदर जाने पर ये मंदिर मिलता है. यहां रात में जंगली जानवर भी विचरण करते हैं.

पन्ना: पन्ना को मंदिरों का शहर कहा जाता है. शहर ही नहीं, पूरे पन्ना जिले में कई ऐतिहासिक मंदिर हैं. कई मंदिर दूरदराज के पहाड़ों और जंगलों के बीच हैं. दुर्गम रास्ते होने के बाद भी श्रद्धालु इन मंदिरों में पूजा करने जाते हैं. पन्ना जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर जंगलों के बीच में स्थित 'झोर के हनुमान जी' का मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है. यहां बजरंग बली के दर्शन करने के लिए पन्ना के साथ ही आसपास के जिलों के श्रद्धालु आते हैं. मंदिर में एक चमत्कार और ये है कि यहां बने कुंड का पानी कभी भी कम नहीं होता है.

हनुमान मंदिर का इतिहास 300 साल पुराना

झोर के हनुमान का मंदिर बहुत प्राचीन है. करीब 300 साल पुराना इस मंदिर का इतिहास है. मान्यता है कि यहां हनुमान जी के दर पर हाजिरी लगाने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मंदिर के पुजारी अजय दुबे बताते हैं "यह मंदिर 300 से 400 वर्ष पुराना है. उनकी दो पीढ़ियां यहां पर पूजा करती आ रही हैं. पहले उनके पिताजी पूजा अर्चना किया करते थे और अब वह पूजा अर्चना करते हैं. यह मंदिर झोर के हनुमान के नाम से विख्यात है. इसके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं."

पन्ना में झोर के हनुमानजी के मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक (ETV BHARAT)

चट्टान में बनी है हनुमानजी की मूर्ति

बता दें कि झोर के हनुमान जी की मूर्ति चट्टान में अंकित है. इसकी बहुत मान्यता है. श्रद्धालु यहां आकर ध्यान भी करते हैं. घंटों मंदिर में बैठकर पूजा अर्चना करते हैं. यहां पर आने वले श्रद्धालु बताते हैं कि जो काम उन्हें जीवन में असंभव लग रहा था, ऐसे काम बजरंग बली की कृपा से तुरंत पूरे हो गए. बता दें कि यह मंदिर चारों तरफ जंगलों से घिरा है. पन्ना से अजयगढ़ रोड से जंगल की ओर अंदर जाने पर ये मंदिर मिलता है. यहां रात में जंगली जानवर भी विचरण करते हैं.

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