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उत्तराखंड में बारिश का कहर! मिनटों में ढह गई चंपावत में दो मंजिला धर्मशाला - dharamshala collapsed in Champawat

Heavy rain in Champawat, Champawat weather, Champawat latest news, Uttarakhand latest news उत्तराखंड में बारिश ने किस कदर कहर बरपा रखा है, इसका एक वीडियो सामने आया है. वीडियो में दिख रहा है कि भारी बारिश के बाद दो मंजिला धर्मशाला चंद मिनटों में ढह गई. इस वीडियो की एसडीएम नितेश डांगर ने पुष्टि की है.

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चंपावत में दो मंजिला धर्मशाला मिनटों में ढह गई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 13, 2024, 6:40 PM IST

चंपावत: उत्तराखंड में बीते 48 घंटों से बारिश के कारण पहाड़ का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रखा है. कुमाऊं मंडल में बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान चंपावत और नैनीताल जिले में देखने को मिला है. इसी बीच चंपावत का एक वीडियो भी सामने आया है. चंपावत में भारी बारिश के कारण भिंगराडा में एड़ी बालकृष्ण मंदिर की दो मंजिला धर्मशाला ढह गई. राहत की बात ये है कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है.

मिनटों में ढह गई चंपावत में दो मंजिला धर्मशाला (ETV Bharat)

एसडीएम ने की वीडियो की पुष्टि: मंदिर प्रबंधन समय रहते ही खतरे को भाप गए थे, इसलिए उन्होंने समय से धर्मशाला को खाली करा दिया था. धर्मशाला गिरने का वीडियो सामने आया है. एसडीएम नितेश डांगर ने बताया कि उन्हें धर्मशाला गिरने की सूचना मिली है. धर्मशाला में मौजूद सभी लोगों को पहले ही सुरक्षित निकाल लिया गया था.

मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को दिए निर्देश: बता दें कि गुरुवार को भारी बारिश के अलर्ट के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी चंपावत समेत कुमाऊं मंडल के अन्य जिलाधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन को लेकर वर्चुअली बैठक की थी. मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के साथ राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए थे.

जिले के तमाम अधिकारी अलर्ट पर: वहीं, चंपावत जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने बताया कि भारी बारिश के चलते जिले के तमाम अधिकारी अलर्ट पर हैं. मैदानी क्षेत्र टनकपुर और बनबसा में जल भराव की स्थिति देखने को मिल रही है. जिले में यदि कई सड़कें बंद हो रही हैं, तो उन्हें तुरंत खोलने का प्रयास किया जा रहा है. कुछ इलाकों में बिजली के पोल क्षतिग्रस्त होने से बिजली सेवा प्रभावित हुई थी, जिसे बहाल करने का काम किया जा रहा है.

चंपावत जिलाधिकारी नवनीत पांडे के मुताबिक सड़कों या मौसम के कारण जो लोग रास्ते में फंसे हैं, उनके खाने-पीने और सुरक्षित स्थानों पर रुकवाने के प्रबंधन आदि करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि हाईवे पर लगातार बारिश के कारण पत्थर गिर रहे हैं, इसलिए वहां पहले से ही जेसीबी व लोडर को तैनात किया गया है. रास्ते में फंसे करीब 150 लोगों की व्यवस्था रैन बसेरों में की गई है. जिलाधिकारी ने भारी बारिश से जिले में हुए नुकसान की भी जानकारी ली.

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चंपावत: उत्तराखंड में बीते 48 घंटों से बारिश के कारण पहाड़ का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रखा है. कुमाऊं मंडल में बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान चंपावत और नैनीताल जिले में देखने को मिला है. इसी बीच चंपावत का एक वीडियो भी सामने आया है. चंपावत में भारी बारिश के कारण भिंगराडा में एड़ी बालकृष्ण मंदिर की दो मंजिला धर्मशाला ढह गई. राहत की बात ये है कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है.

मिनटों में ढह गई चंपावत में दो मंजिला धर्मशाला (ETV Bharat)

एसडीएम ने की वीडियो की पुष्टि: मंदिर प्रबंधन समय रहते ही खतरे को भाप गए थे, इसलिए उन्होंने समय से धर्मशाला को खाली करा दिया था. धर्मशाला गिरने का वीडियो सामने आया है. एसडीएम नितेश डांगर ने बताया कि उन्हें धर्मशाला गिरने की सूचना मिली है. धर्मशाला में मौजूद सभी लोगों को पहले ही सुरक्षित निकाल लिया गया था.

मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को दिए निर्देश: बता दें कि गुरुवार को भारी बारिश के अलर्ट के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी चंपावत समेत कुमाऊं मंडल के अन्य जिलाधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन को लेकर वर्चुअली बैठक की थी. मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के साथ राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए थे.

जिले के तमाम अधिकारी अलर्ट पर: वहीं, चंपावत जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने बताया कि भारी बारिश के चलते जिले के तमाम अधिकारी अलर्ट पर हैं. मैदानी क्षेत्र टनकपुर और बनबसा में जल भराव की स्थिति देखने को मिल रही है. जिले में यदि कई सड़कें बंद हो रही हैं, तो उन्हें तुरंत खोलने का प्रयास किया जा रहा है. कुछ इलाकों में बिजली के पोल क्षतिग्रस्त होने से बिजली सेवा प्रभावित हुई थी, जिसे बहाल करने का काम किया जा रहा है.

चंपावत जिलाधिकारी नवनीत पांडे के मुताबिक सड़कों या मौसम के कारण जो लोग रास्ते में फंसे हैं, उनके खाने-पीने और सुरक्षित स्थानों पर रुकवाने के प्रबंधन आदि करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि हाईवे पर लगातार बारिश के कारण पत्थर गिर रहे हैं, इसलिए वहां पहले से ही जेसीबी व लोडर को तैनात किया गया है. रास्ते में फंसे करीब 150 लोगों की व्यवस्था रैन बसेरों में की गई है. जिलाधिकारी ने भारी बारिश से जिले में हुए नुकसान की भी जानकारी ली.

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