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37 साल की नौकरी से रिटायरमेंट के बाद घर पहुंचा सरकारी कर्मचारी तो उतारी आरती, देखें ये वीडियो - employee retirement video

Welcome home after retirement in Haldwani आपने बहुत सारे कर्मचारियों की उनके रिटायरमेंट पर विदाई देखी होगी. उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड के निदेशालय मंडी भवन, रुद्रपुर से रिटायर हुए एक कर्मचारी की विदाई के बाद घर पहुंचने के स्वागत का वीडियो सबको बहुत पसंद आ रहा है. कौन है ये कर्मचारी और क्या खास है इस वीडियो में देखें.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 1, 2024, 3:28 PM IST

Updated : Oct 2, 2024, 7:04 AM IST

Welcome home after retirement in Haldwani
रिटायरमेंट पर स्वागत (Photo- Local people)

हल्द्वानी: नौकरी ज्वाइन करने के बाद आदमी की जिंदगी का स्वर्णिम समय ऑफिस की ड्यूटी में बीतता है. फिर एक समय ऐसा आता है जब कर्मचारी को नौकरी से रिटायर होना पड़ता है. सरकारी विभागों में जहां रिटायरमेंट की उम्र 60 साल होती है, वहीं निजी कंपनियों में ज्यादातर में 58 साल की उम्र में रिटायरमेंट होता है. उत्तराखंड मंडी परिषद से 37 साल की सेवा के बाद एक कर्मचारी रिटायर हुआ तो उनका घर लौटने पर भव्य स्वागत हुआ. अपने स्वागत को देखकर गोविंद बिष्ट के चेहरे पर भी मुस्कान देखी गई.

37 साल की सेवा के बाद रिटायर हुए गोविंद: अल्मोड़ा जिले के गोविंद सिंह बिष्ट 17 जनवरी 1987 में यूपी एग्रो में भर्ती हुए थे. उस समय उत्तराखंड अलग राज्य नहीं बना था. करीब 13 साल की नौकरी के बाद जब यूपी से अलग होकर उत्तराखंड नया राज्य बना तो गोविंद ने अपने राज्य में रहकर ही नौकरी करने का निश्चय किया. वो एग्रो में बने रहे. 2003 में यूपी एग्रो का मंडी परिषद में विलय हो गया. इस तरह वो अब मंडी परिषद के कर्मचारी हो गए.

रिटायरमेंट के बाद घर पर शानदार स्वागत (Photo- Local people)

राज्य गठन से पहले यूपी एग्रो में थे: गोविंद 2003 की याद साझा करते हुए कहते हैं कि यूपी एग्रो से कुल 41 कर्मचारी मंडी परिषद में आए. उनके विभाग से 2 लोगों ने मंडी परिषद ज्वाइन की. वो बताते हैं कि तब नैनीताल और उधमसिंह नगर में खाद यानी फर्टीलाइजर के 10 सेंटर थे. तब ये लोग धान और गेहूं खरीद का काम करते थे.

रिटायर होकर घर आए तो हुआ जोरदार स्वागत: जब मंडी परिषद में आए तो फिर विक्रम सहायक के पद पर मंडियों की सूचना इकट्ठा करने का काम जिम्मेदारी से किया. उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड, निदेशालय मंडी भवन, रुद्रपुर से 30 सितंबर 2024 को गोविंद सिंह बिष्ट रिटायर हो गए. रिटायरमेंट पर उनके ऑफिस ने विदाई पार्टी दी. लेकिन असली स्वागत और पार्टी तो घर पहुंचने पर हुई.

फयाटनोला के हैं गोविंद सिंह बिष्ट: गोविंद सिंह बिष्ट जब अपने 37 साल के कर्मस्थल को हमेशा के लिए छोड़कर रिटायरमेंट के बाद हल्द्वानी स्थित अपने घर पहुंचे तो वहां उनका जोरदार स्वागत हुआ. ढोल और शंख ध्वनि के साथ उनकी आरती उतारी गई. उनके स्वागत के लिए उनके दो छोटो भाई भी खासतौर पर दिल्ली से हल्द्वानी पहुंचे हुए थे. बहनें भी भाई के रिटायरमेंट पर उनका स्वागत करने आई थीं. ये देखकर गोविंद सिंह बिष्ट बहुत भावुक हो गए. गोविंद उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के फयाटनोला गांव के रहने वाले हैं. एक शिक्षक के घर में जन्मे गोविंद सिंह बिष्ट हंसमुख और मिलनसार व्यक्ति हैं.
ये भी पढ़ें: शिक्षक दिवस 2023: आंखों में आंसू और ढोल-नगाड़ों के साथ विदा हुए ये टीचर्स, छात्रों ने लिपटकर रोका रास्ता

हल्द्वानी: नौकरी ज्वाइन करने के बाद आदमी की जिंदगी का स्वर्णिम समय ऑफिस की ड्यूटी में बीतता है. फिर एक समय ऐसा आता है जब कर्मचारी को नौकरी से रिटायर होना पड़ता है. सरकारी विभागों में जहां रिटायरमेंट की उम्र 60 साल होती है, वहीं निजी कंपनियों में ज्यादातर में 58 साल की उम्र में रिटायरमेंट होता है. उत्तराखंड मंडी परिषद से 37 साल की सेवा के बाद एक कर्मचारी रिटायर हुआ तो उनका घर लौटने पर भव्य स्वागत हुआ. अपने स्वागत को देखकर गोविंद बिष्ट के चेहरे पर भी मुस्कान देखी गई.

37 साल की सेवा के बाद रिटायर हुए गोविंद: अल्मोड़ा जिले के गोविंद सिंह बिष्ट 17 जनवरी 1987 में यूपी एग्रो में भर्ती हुए थे. उस समय उत्तराखंड अलग राज्य नहीं बना था. करीब 13 साल की नौकरी के बाद जब यूपी से अलग होकर उत्तराखंड नया राज्य बना तो गोविंद ने अपने राज्य में रहकर ही नौकरी करने का निश्चय किया. वो एग्रो में बने रहे. 2003 में यूपी एग्रो का मंडी परिषद में विलय हो गया. इस तरह वो अब मंडी परिषद के कर्मचारी हो गए.

रिटायरमेंट के बाद घर पर शानदार स्वागत (Photo- Local people)

राज्य गठन से पहले यूपी एग्रो में थे: गोविंद 2003 की याद साझा करते हुए कहते हैं कि यूपी एग्रो से कुल 41 कर्मचारी मंडी परिषद में आए. उनके विभाग से 2 लोगों ने मंडी परिषद ज्वाइन की. वो बताते हैं कि तब नैनीताल और उधमसिंह नगर में खाद यानी फर्टीलाइजर के 10 सेंटर थे. तब ये लोग धान और गेहूं खरीद का काम करते थे.

रिटायर होकर घर आए तो हुआ जोरदार स्वागत: जब मंडी परिषद में आए तो फिर विक्रम सहायक के पद पर मंडियों की सूचना इकट्ठा करने का काम जिम्मेदारी से किया. उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड, निदेशालय मंडी भवन, रुद्रपुर से 30 सितंबर 2024 को गोविंद सिंह बिष्ट रिटायर हो गए. रिटायरमेंट पर उनके ऑफिस ने विदाई पार्टी दी. लेकिन असली स्वागत और पार्टी तो घर पहुंचने पर हुई.

फयाटनोला के हैं गोविंद सिंह बिष्ट: गोविंद सिंह बिष्ट जब अपने 37 साल के कर्मस्थल को हमेशा के लिए छोड़कर रिटायरमेंट के बाद हल्द्वानी स्थित अपने घर पहुंचे तो वहां उनका जोरदार स्वागत हुआ. ढोल और शंख ध्वनि के साथ उनकी आरती उतारी गई. उनके स्वागत के लिए उनके दो छोटो भाई भी खासतौर पर दिल्ली से हल्द्वानी पहुंचे हुए थे. बहनें भी भाई के रिटायरमेंट पर उनका स्वागत करने आई थीं. ये देखकर गोविंद सिंह बिष्ट बहुत भावुक हो गए. गोविंद उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के फयाटनोला गांव के रहने वाले हैं. एक शिक्षक के घर में जन्मे गोविंद सिंह बिष्ट हंसमुख और मिलनसार व्यक्ति हैं.
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Last Updated : Oct 2, 2024, 7:04 AM IST
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