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VIDEO:बेजुबान के साथ दरिंदगी; सहारनपुर में कछुए को जिंदा जलाया, पुलिस ने आरोपियों को पकड़ कर छोड़ा - BURNING TURTLE ALIVE

सहारनपुर में कछुए को जिंदा जलाने का वीडियो वायरल हो रहा जिसके बाद पुलिस तस्वीर के सहारे आरोपियों तक पहुंची, लेकिन आरोपियों को पुलिस ने पकड़कर छोड़ दिया ज़िंदा जलाने का वीडियो वायरल, पुलिस ने आरोपियों को पकड़ कर छोड़ा, नहीं की कोई कार्यवाई.

क्रूरता की हदें पार
क्रूरता की हदें पार (Photo Credit ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 15, 2024, 10:56 PM IST

इंसान बना जानवर (VIDEO Credit ETV BHARAT)

सहारनपुर: यूपी के सहारनपुर के देवबंद इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. वन्य जीव के साथ क्रूरता करने का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें पुलिस चौंकी राजपुर इलाके के गांव रणसुआ में कछवा तस्करों ने कछुए के साथ अमानवीय हरकत करते देखे जा रहे हैं. तस्करों ने जिंदा कछुए को न सिर्फ आग में जला दिया है, बल्कि उसको पका कर खा गए. हद तो तब हो गई जब तस्करों ने कछुए को जलाने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. इस मामले में तस्करों के ज्यादा पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं. राजपुर पुलिस पर आरोपी तस्करों के मामले को दबाने का आरोप भी लग रहा है. वहीं जब पुलिस चौंकी इंचार्ज खूब सिंह से बात की गई तो उन्होंने आरोपियों के खिलाफ महज 151 की धारा में एफआईआर दर्ज करने की बात कही.

बता दें कि, शनिवार की सुबह आकाश कुमार नाम के युवक ने सोशल मीडिया साइड पर रील लगाईं थी. जिसमें कुछ लोग जिंदा कछुए को जलते दिख रहे हैं. कछुए को ज़िंदा जलाने की वीडियो पुलिस तक पहुंची तो वह छानबीन करते वीडियो पोस्ट करने वाले युवक तक पहुंच गई. पुलिस की पूछताछ में युवक ने अपने साथियों के नाम बता दिए. जिसके बाद राजपुर चौकी की पुलिस ने कछुआ तस्करों को पकड़ कर चौकी तक लाई, लेकिन उन्हें बिना किसी कार्रवाई के ही छोड़ दिया. जबकि पुलिस के पास कछुआ को जलाने के साक्ष्य मौजूद थे.

बता दें कि कछुए के साथ अमानवीयता न सिर्फ वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन अधिनियम 1972 के तहत कानूनन अपराध है, बल्कि कछुए को पकड़ने, मारने और खाने पर सात साल की सजा का प्रावधान है. बावजूद इसके देवबंद पुलिस ने कछुए को जलाने वाले लोगों पर महज 151 की कार्रवाई कर मामले को रफादफा कर दिया है.

जानकारों के मुताबिक कछुए को पकड़ने, तस्करी करने, घर में पालने, मारने, पकाने और खाने पर वन्य जीव संरक्षण की धारा 2,9,39, 48A, 50, 51 और 52 की कार्रवाई की जाती है. लेकिन देवबंद पुलिस का महज 151 की धारा में एक्शन लिया. जब इस पूरे मामले में पुलिस चौकी राजपुर इंचार्ज खूब सिंह से मामले की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने आरोपियों के खिलाफ धारा 151 के तहत कार्रवाई की बात कहकर पल्ला झाड़ दिया.

ये भी पढ़ें :क्रूरता की हद: कुत्ते को खंभे से बांधकर पीटा, बाइक से बांधकर घसीटा; दंपत्ति के खिलाफ रिपोर्ट

इंसान बना जानवर (VIDEO Credit ETV BHARAT)

सहारनपुर: यूपी के सहारनपुर के देवबंद इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. वन्य जीव के साथ क्रूरता करने का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें पुलिस चौंकी राजपुर इलाके के गांव रणसुआ में कछवा तस्करों ने कछुए के साथ अमानवीय हरकत करते देखे जा रहे हैं. तस्करों ने जिंदा कछुए को न सिर्फ आग में जला दिया है, बल्कि उसको पका कर खा गए. हद तो तब हो गई जब तस्करों ने कछुए को जलाने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. इस मामले में तस्करों के ज्यादा पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं. राजपुर पुलिस पर आरोपी तस्करों के मामले को दबाने का आरोप भी लग रहा है. वहीं जब पुलिस चौंकी इंचार्ज खूब सिंह से बात की गई तो उन्होंने आरोपियों के खिलाफ महज 151 की धारा में एफआईआर दर्ज करने की बात कही.

बता दें कि, शनिवार की सुबह आकाश कुमार नाम के युवक ने सोशल मीडिया साइड पर रील लगाईं थी. जिसमें कुछ लोग जिंदा कछुए को जलते दिख रहे हैं. कछुए को ज़िंदा जलाने की वीडियो पुलिस तक पहुंची तो वह छानबीन करते वीडियो पोस्ट करने वाले युवक तक पहुंच गई. पुलिस की पूछताछ में युवक ने अपने साथियों के नाम बता दिए. जिसके बाद राजपुर चौकी की पुलिस ने कछुआ तस्करों को पकड़ कर चौकी तक लाई, लेकिन उन्हें बिना किसी कार्रवाई के ही छोड़ दिया. जबकि पुलिस के पास कछुआ को जलाने के साक्ष्य मौजूद थे.

बता दें कि कछुए के साथ अमानवीयता न सिर्फ वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन अधिनियम 1972 के तहत कानूनन अपराध है, बल्कि कछुए को पकड़ने, मारने और खाने पर सात साल की सजा का प्रावधान है. बावजूद इसके देवबंद पुलिस ने कछुए को जलाने वाले लोगों पर महज 151 की कार्रवाई कर मामले को रफादफा कर दिया है.

जानकारों के मुताबिक कछुए को पकड़ने, तस्करी करने, घर में पालने, मारने, पकाने और खाने पर वन्य जीव संरक्षण की धारा 2,9,39, 48A, 50, 51 और 52 की कार्रवाई की जाती है. लेकिन देवबंद पुलिस का महज 151 की धारा में एक्शन लिया. जब इस पूरे मामले में पुलिस चौकी राजपुर इंचार्ज खूब सिंह से मामले की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने आरोपियों के खिलाफ धारा 151 के तहत कार्रवाई की बात कहकर पल्ला झाड़ दिया.

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