उत्तरकाशी: हर्षिल घाटी में सामरिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण चार पुल बनकर तैयार हो गए हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण हर्षिल मुखबा मोटर मार्ग पर तैयार 42 मीटर लंबे स्पान का स्टील गार्डर पुल है. जो सेना सहित घाटी के तीन गांवों को गंगोत्री हाईवे से जोड़ने की लाइफलाइन मानी जाती है. लोनिवि भटवाड़ी के सहायक अभियंता तकदीर सिंह ने बताया कि हर्षिल घाटी में चार नए पुल बनकर तैयार हो गए हैं. जिन पर वाहनों की आवाजाही शुरू करवा दी गई है.
हर्षिल सहित मुखबा और बगोरी गांव के लोग और सेना लंबे समय से भागीरथी नदी पर बने वैली ब्रिज पर आवाजाही कर रहे थे. जो जर्जर स्थिति में पहुंच गया था. वहीं गत वर्ष पुराने वैली ब्रिज के नीचे भागीरथी के तेज बहाव के कारण कटाव शुरू हो गया था. जिस पर आक्रोशित ग्रामीणों ने वहां पर पक्के पुल के निर्माण की मांग की. क्योंकि जहां यह पुल तीन गांवों और सेना की छावनी को गंगोत्री हाईवे से जोड़ता है, तो वहीं यह पर्यटन, यात्रा और सामरिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण पुल है. उसके बाद शासन ने विश्व बैंक विश्व बैंक को निर्देशित कर 651 लाख की लागत से 42 मीटर लंबे स्पान के स्टील गार्डर पुल के निर्माण की स्वीकृति दी.
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इस पुल का निर्माण इस माह पूरा हो गया है. वर्ल्ड बैंक ने पुल को लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी को हस्तांतरित कर दिया है. लोनिवि ने पुल पर वाहनों की आवाजाही शुरू करवा दी है. जिससे तीन गांव के ग्रामीणों सहित सेना ने राहत मिली है. वहीं पर्यटन दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हर्षिल-बगोराी मोटर मार्ग पर भी लोनिवि भटवाड़ी की ओर से जालंधरी नदी पर 24 और 27 मीटर लंबे स्पान और ककोड़ा गाड़ पर 24 मीटर लंबे स्पान के तीन स्टील गार्डर पुलों का निर्माण भी पूरा कर दिया है. लोनिवि भटवाड़ी के सहायक अभियंता तकदीर सिंह ने बताया कि हर्षिल घाटी में चार नए पुल बनकर तैयार हो गए हैं. जिन पर वाहनों की आवाजाही शुरू करवा दी गई है.