रुद्रप्रयाग: सब कुछ ठीक रहा तो पपड़ासू-नौगांव बाईपास पर जल्द वाहन दौड़ते नजर आएंगे, क्योंकि लंबे समय से बाईपास निर्माण में आ रही अड़चनें अब दूर होती दिख रही हैं. बाईपास के पहले पुल को लेकर आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट भी आ चुकी है, जो सही बताई जा रही है. वहीं, एक साल से बंद पड़े कार्य भी जल्द शुरू होने जा रहे हैं.
ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दशकों पुराने भूस्खलन जोन सिरोबगड़ से निजात पाने के लिए पपड़ासू-नौगांव बाईपास निर्माण कार्य पिछले छः सालों से चल रहा है. इसके तहत अलकनंदा नदी के बाएं तरफ 2.750 किमी लंबा बाईपास का निर्माण किया जाना है. ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत पपड़ासू-भुमरागढ़-नौगांव बाईपास स्वीकृत है. बाईपास को हाईवे से जोड़ने के लिए दो पुल अलकनंदा और एक चित्रमति नदी पर बनाए जाने हैं.
साल 2018 में बाईपास का निर्माण कार्य शुरू हो गया था. पपड़ासू में अलकनंदा नदी पर 180 मीटर स्पान पुल का ढांचा भी तैयार हो चुका है. इस पुल के कार्य पर आईआईटी दिल्ली ने सवाल खड़े किए थे और रिपोर्ट मांगी थी. पपड़ासू में पुल का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. एक साल से कार्य बंद होने से निर्माणदायी संस्था भी काफी परेशान थी.
पुल का कार्य रूकने से अन्य दो पुलों का कार्य भी अधर में लटका पड़ा हुआ है. अब आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट सही आने से कार्य में तेजी आने के आसार नजर आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट ने पपड़ासू में बने पुल के ढांचे को दुरूस्त बताया है, जिससे दस प्रतिशत बचा पुल का कार्य भी जल्द पूरा हो जाएगा. वहीं बाईपास पर 250 मीटर के दूसरे स्पान पुल के एबेडमेंट की खुदाई पूरी की जा चुकी है, जबकि नौगांव में चित्रमति नदी पर 162 मीटर पुल के एबेडमेंट का कार्य किया जा चुका है.
प्रधान पपड़ासू विमल चौहान ने कहा कि एक साल से पपड़ासू में बाईपास पुल का कार्य अधर में लटका पड़ा होने से पुल ने जंक खाना शुरू कर दिया है. इस पुल का कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि निर्माणदायी कंपनी आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट का इंतजार कर रही थी और अब रिपोर्ट भी सही आ चुकी है. ऐसे में निर्माण कार्य में देरी नहीं होनी चाहिए.
राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड लोनिवि के अधिशासी अभियंता रमेश चंद्र ने बताया कि ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर प्रस्तावित सिरोबगड़-पपड़ासू बाईपास और पुलों का कार्य जल्द शुरू हो जाएगा. बाईपास के पहले पुल को लेकर आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट सही है. ठेकेदार को पुनः कार्य को शुरू करने को कहा गया है.
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