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Rajasthan: BH सीरीज में वाहनों का रजिस्ट्रेशन पड़ रहा भारी, री-सेल में आ रही ये दिक्कत

भारत सरकार की ओर से शुरू की गई भारत सीरीज सुविधा में वाहन मालिकों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

BH सीरीज में रजिस्ट्रेशन नुकसान
BH सीरीज में रजिस्ट्रेशन नुकसान (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

कोटा : परिवहन विभाग ने भारत सीरीज (BH) रजिस्ट्रेशन नंबर जारी करना शुरू किया है. साल 2021 से यह सुविधा शुरू हुई थी. हालांकि, BH सीरीज में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है. वाहन को दोबारा बेचने पर उसी कैटेगरी में ही गाड़ी रजिस्टर्ड होती है. ऐसे में री-सेल करने पर उसी कैटेगरी का व्यक्ति नहीं मिलने पर गाड़ी बेचने में समस्या आ सकती है. कोटा के जिला परिवहन अधिकारी सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित का कहना है कि भारत सीरीज में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले वाहन चालकों को गाड़ी रीसेल करने के लिए उसी कैटेगरी के व्यक्ति को ही रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. अगर भारत सीरीज से स्टेट परिवहन सीरीज में रजिस्ट्रेशन कराना है तो उसे पूरा वन टाइम टैक्स जमा करना होगा.

यह है भारत सीरीज में रजिस्ट्रेशन के नियम : भारत सीरीज में नंबर रजिस्टर्ड करवाने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट का कर्मचारी होना जरूरी है. निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को चार राज्यों में जीएसटी पैड ऑफिस होने पर ही रजिस्ट्रेशन की अनुमति मिलती है. इसका फायदा यह है कि दूसरे राज्य में ट्रांसफर होने पर जाने पर नंबर का रजिस्ट्रेशन असाइनमेंट नहीं करना पड़ता है. केवल उस राज्य की सरकार को फॉर्म नंबर 33 भरकर देना होता है, जिसके बाद वह उस राज्य में वाहन को चला सकता है.

जिला परिवहन अधिकारी सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित (ETV Bharat kota)

इसे भी पढ़ें- भारत सीरीज की पहली गाड़ी मुंबई में रजिस्टर्ड!

दोबारा रजिस्ट्रेशन पर लग रहा भारी भरकम शुल्क : कोटा जिले के निवासी अजय मीणा बैंक में कार्यरत हैं. वे पहले गुजरात में थे, लेकिन उनका स्थानांतरण मध्य प्रदेश हो गया. उन्होंने भारत सीरीज में अपनी कार का पंजीयन करवाया था. वे कार को बेचना चाह रहे हैं, लेकिन इस कैटेगरी का खरीददार मिलने पर ही वो कार को बेच सकते हैं. अजय मीणा का कहना है कि इस कारण वह अपनी कार को नहीं बेच पा रहे हैं. अगर वह कार को स्टेट सीरीज में रजिस्टर्ड करवा कर बेचते हैं तो इसमें रजिस्ट्रेशन और वन टाइम टैक्स का ही शुल्क 80 हजार के आसपास लग रहा है. खरीदार भी कार के पूरे दाम नहीं दे रहे हैं.

जमा करना होगा पूरा वन टाइम टैक्स : भारत सीरीज में महज 2.5 फ़ीसदी टैक्स ही वाहन खरीद पर लिया जाता है. इसके बाद हर 2 साल में वाहन स्वामी को टैक्स जमा करना पड़ता है. वह भी पहले साल में जमा कराया टैक्स ही है, जबकि राज्यों के परिवहन विभाग के जरिए होने वाले रजिस्ट्रेशन में वन टाइम टैक्स देना होता है. इसमें चार पहिया वाहन पर 8 से लेकर 12 फीसदी तक टैक्स लिया जाता है. हालांकि, यह एकमुश्त हो जाता है. दूसरी तरफ अगर भारत सीरीज से स्टेट परिवहन सीरीज में रजिस्ट्रेशन करना होता है तो उसे पूरा वन टाइम टैक्स जमा करना होगा.

इसे भी पढ़ें- BH-Series: सरकार ने पेश की नए वाहनों के लिए BH-सीरीज, जानें किसे होगा फायदा

कोटा में भी सैकड़ों वाहन हुए डिफाल्टर : कोटा परिवहन विभाग के अधीन हाड़ौती में अब तक करीब 800 वाहन भारत सीरीज में रजिस्टर्ड हुए हैं. इनमें से 2022 में रजिस्टर्ड हुए 250 वाहनों में से अधिकांश का टैक्स बकाया है या डिफाल्टर होने की कगार पर है. इन सभी लोगों को विभाग नोटिस के जरिए सूचना भी दे रहा है. डीटीओ सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित का कहना है कि हर 2 साल में यह टैक्स विभाग को वसूलना होता है. इसके लिए हम नोटिस भी दे रहे हैं. साथ ही ऐसे लोगों की सूची भी बनाई जा रही है, जिन्हें मोबाइल पर एसएमएस के जरिए भी सूचना दी जाएगी. दूसरी तरफ उन्होंने बताया कि इस कैटेगरी में रजिस्टर्ड वाहनों पर टैक्स बकाया होने पर 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पेनल्टी भी है.

कोटा : परिवहन विभाग ने भारत सीरीज (BH) रजिस्ट्रेशन नंबर जारी करना शुरू किया है. साल 2021 से यह सुविधा शुरू हुई थी. हालांकि, BH सीरीज में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है. वाहन को दोबारा बेचने पर उसी कैटेगरी में ही गाड़ी रजिस्टर्ड होती है. ऐसे में री-सेल करने पर उसी कैटेगरी का व्यक्ति नहीं मिलने पर गाड़ी बेचने में समस्या आ सकती है. कोटा के जिला परिवहन अधिकारी सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित का कहना है कि भारत सीरीज में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले वाहन चालकों को गाड़ी रीसेल करने के लिए उसी कैटेगरी के व्यक्ति को ही रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. अगर भारत सीरीज से स्टेट परिवहन सीरीज में रजिस्ट्रेशन कराना है तो उसे पूरा वन टाइम टैक्स जमा करना होगा.

यह है भारत सीरीज में रजिस्ट्रेशन के नियम : भारत सीरीज में नंबर रजिस्टर्ड करवाने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट का कर्मचारी होना जरूरी है. निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को चार राज्यों में जीएसटी पैड ऑफिस होने पर ही रजिस्ट्रेशन की अनुमति मिलती है. इसका फायदा यह है कि दूसरे राज्य में ट्रांसफर होने पर जाने पर नंबर का रजिस्ट्रेशन असाइनमेंट नहीं करना पड़ता है. केवल उस राज्य की सरकार को फॉर्म नंबर 33 भरकर देना होता है, जिसके बाद वह उस राज्य में वाहन को चला सकता है.

जिला परिवहन अधिकारी सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित (ETV Bharat kota)

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दोबारा रजिस्ट्रेशन पर लग रहा भारी भरकम शुल्क : कोटा जिले के निवासी अजय मीणा बैंक में कार्यरत हैं. वे पहले गुजरात में थे, लेकिन उनका स्थानांतरण मध्य प्रदेश हो गया. उन्होंने भारत सीरीज में अपनी कार का पंजीयन करवाया था. वे कार को बेचना चाह रहे हैं, लेकिन इस कैटेगरी का खरीददार मिलने पर ही वो कार को बेच सकते हैं. अजय मीणा का कहना है कि इस कारण वह अपनी कार को नहीं बेच पा रहे हैं. अगर वह कार को स्टेट सीरीज में रजिस्टर्ड करवा कर बेचते हैं तो इसमें रजिस्ट्रेशन और वन टाइम टैक्स का ही शुल्क 80 हजार के आसपास लग रहा है. खरीदार भी कार के पूरे दाम नहीं दे रहे हैं.

जमा करना होगा पूरा वन टाइम टैक्स : भारत सीरीज में महज 2.5 फ़ीसदी टैक्स ही वाहन खरीद पर लिया जाता है. इसके बाद हर 2 साल में वाहन स्वामी को टैक्स जमा करना पड़ता है. वह भी पहले साल में जमा कराया टैक्स ही है, जबकि राज्यों के परिवहन विभाग के जरिए होने वाले रजिस्ट्रेशन में वन टाइम टैक्स देना होता है. इसमें चार पहिया वाहन पर 8 से लेकर 12 फीसदी तक टैक्स लिया जाता है. हालांकि, यह एकमुश्त हो जाता है. दूसरी तरफ अगर भारत सीरीज से स्टेट परिवहन सीरीज में रजिस्ट्रेशन करना होता है तो उसे पूरा वन टाइम टैक्स जमा करना होगा.

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कोटा में भी सैकड़ों वाहन हुए डिफाल्टर : कोटा परिवहन विभाग के अधीन हाड़ौती में अब तक करीब 800 वाहन भारत सीरीज में रजिस्टर्ड हुए हैं. इनमें से 2022 में रजिस्टर्ड हुए 250 वाहनों में से अधिकांश का टैक्स बकाया है या डिफाल्टर होने की कगार पर है. इन सभी लोगों को विभाग नोटिस के जरिए सूचना भी दे रहा है. डीटीओ सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित का कहना है कि हर 2 साल में यह टैक्स विभाग को वसूलना होता है. इसके लिए हम नोटिस भी दे रहे हैं. साथ ही ऐसे लोगों की सूची भी बनाई जा रही है, जिन्हें मोबाइल पर एसएमएस के जरिए भी सूचना दी जाएगी. दूसरी तरफ उन्होंने बताया कि इस कैटेगरी में रजिस्टर्ड वाहनों पर टैक्स बकाया होने पर 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पेनल्टी भी है.

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