पटना: बिहार में बारिश के साथ ही आम लोगों के लिए एक नई परेशानी सामने आ गई है. थोक मार्केट से लेकर खुदरा बाजार तक में सब्जियों के दाम दोगुना हो गए हैं. अब इसे लेकर तेजस्वी यादव भी महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष ने महंगाई को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं, उन्होंने सोशल मीडिया पर भी महंगाई की चर्चा की और कहा कि महंगाई की स्थिति ऐसी है की कोई भी सब्जी अब 45 रुपये किलो से नीचे नहीं मिल रही है.
महंगाई पर तेजस्वी यादव ने भी उठाए सवाल: आलू, प्याज, टमाटर, भिंडी, हरी मिर्च, गोभी, अदरक, शिमला मिर्च, तुरई, बैंगन, लौकी, धनिया, लहसुन इत्यादि के भाव आसमान छू रहे है. सब्जियों और खाद्य पदार्थों जैसे दाल, चावल, नमक, तेल और घी की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी ने आम आदमी की रसोई का पूरा बजट ही बिगाड़ दिया है. गरीब आदमी का जीना मुहाल हो गया है, लोगों की थाली से हरी सब्जी गायब हो गई है.
सब्जियों के दाम बढ़ने का कारण: मानसून के आते ही सब्जियों की कीमत में हर साल कुछ इजाफा हो जाता है लेकिन इस साल अन्य वर्षो के मुकाबले ज्यादा इजाफा हुआ है. सब्जियों में मूल्य वृद्धि का मुख्य कारण बिहार के अनेक जिलों में बाढ़ के आ जाने से सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है. राजधानी पटना के दियारा के इलाके से जहां सब्जी की खेती होती है वहां बाढ़ ने सब्जी के फसल को बर्बाद कर दिया है.
उत्तर बिहार में भी महंगाई ने निकाला दम: बता दें कि यही स्थिति उत्तर बिहार में भी है. मिथिलांचल सीमांचल और और चंपारण के इलाके में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. वहां पर सब्जियों की खेती बर्बाद हो होने से अब सब्जी के व्यापारी को महंगी कीमत पर सब्जी उपलब्ध हो रही है. बिहार के दूसरे जिलों से एवं पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से सब्जियों की खेप बिहार आ रही है. यही कारण है कि सब्जी की कीमत में अचानक वृद्धि देखने को मिल रही है.
मीठापुर सब्जी मंडी का भाव: मीठापुर सब्जी मंडी के थोक मार्केट में परवल- 30 रु केजी, खीरा -50 रु केजी, टमाटर - 70 रु केजी, शिमला मिर्च - 200 रु केजी, गाजर- 60 रु केजी, भिंडी - 35 रु केजी, कद्दू - 25 रु केजी बीन्स - 150 रु केजी, धनिया पत्ता - 200 रु केजी, हरी मिर्च - 160 रु केजी, करेला - 60 रु केजी, उजला आलू - 30 रु केजी, लाल आलू - 32 रु केजी, प्याज - 40 रु केजी, लहसुन - 200 रु केजी.
अंटा घाट सब्जी मंडी: पटना के अंटा घाट खुदरा सब्जी मंडी में परवल- 45 रु केजी, खीरा -60 रु केजी, टमाटर - 80 रु केजी, शिमला मिर्च - 250 रु केजी,
गाजर - 70 रु केजी, भिंडी - 60 रु केजी, कद्दू - 40 रु केजी, बीन्स - 200 रु केजी, धनिया पत्ता - 250 रु केजी, हरी मिर्च - 200 रु केजी, करेला - 70 रु केजी, उजला आलू - 33 रु केजी, लाल आलू - 35 रु केजी, प्याज - 45 रु केजी. लहसुन 250 रु केजी.
बोरिंग रोड सब्जी मंडी: वहीं बोरिंग रोड सब्जी मंडी के खुदरा मार्केट में परवल - 50 रु केजी, खीरा - 60- 70 रु केजी, टमाटर - 80 - 90 रु केजी, शिमला मिर्च- 300 रु केजी, गाजर - 80 रु केजी, भिंडी - 70 रु केजी, नेनुआ - 50 रु केजी, कद्दू - 50 रु केजी, बीन्स - 250 रु केजी, धनिया पत्ता - 300 रु केजी, हरी, मिर्च - 250 रु केजी, करेला - 80 रु केजी, उजला आलू - 35 रु केजी, लाल आलू - 38 रु केजी, प्याज - 50 रु केजी, लहसुन 300 रु केजी.
महंगाई से ग्राहक है परेशान: अचानक सब्जियों की कीमत में हुई वृद्धि से उपभोक्ताओं की थाली पर असर पड़ा है. जो लोग सब्जी किलो में खरीदते थे अब पांव में खरीदने लगे हैं. शिक्षक सोहेल अहमद का कहना है कि "महंगाई के कारण सब्जी की खपत कम हो गई है. जो सब्जी पहले 20-25 रुपए किलो मिलती थी वह अब 60 70 रुपए किलो मिलने लगी है और दूसरी बात है की सब्जी भी अब मार्केट में काम आ रही है. बारिश और बाढ़ का प्रभाव सब्जी मार्केट पर दिखने लगा है."
हरी सब्जी की कीमत में लगी आग: सोहेल अहमद का कहना है कि लोग चावल दाल के साथ कम मात्रा में सब्जी का उपयोग करने लगे हैं. सिर्फ सब्जी ही नहीं खाने-पीने की अन्य चीजों में भी बहुत हो गई है, जिसका असर लोगों की पॉकेट पर पड़ रहा है. राकेश कुमार का कहना है कि पहले डेढ़ सौ रुपए में पूरा झूला सब्जी से भर जाता था अब 500 रुपये में थैली भी नहीं भर रही है. आलू-प्याज की अपेक्षा हरी सब्जी की कीमत आसमान छू रही है.
"जिस तरीके से सब्जी की कीमत बढ़ रही है बहुत जल्द सब्जी की कीमत 100 रुपये के आसपास पहुंच जाएगी. पिछले एक हफ्ते में सब्जी की कीमत अचानक बढ़ोतरी हुई है. परवल, बैगन, कद्दू और हरी मिर्च की कीमत दोगुना से ज्यादा हो गई है."-राकेश कुमार, ग्राहक
क्या कहते हैं सब्जी व्यापारी: सब्जी के व्यापारी दीपक कुमार का कहना है कि बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति बन गई है. यही कारण है कि लोकल टमाटर हो या अन्य सब्जी बाहर से मंगवाना पड़ रहा है. थोक भाव में टमाटर 60 रुपये किलो बिक रहा है. टमाटर अब बेंगलुरु से मंगवाना पड़ रहा है. यही हाल भिंडी परवल या अन्य सब्जियों का भी है.
"बारिश के कारण हर चीज महंगी हो गई है. कद्दू हो परवल हो भिंडी हो सबकी कीमत में बढ़ोतरी हो गई है. यहां के व्यापारियों को छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल से सब्जी मंगवानी पड़ रही है. यही कारण है कि थोक मंडी में भी सब्जी की कीमत बढ़ गई है."- राजकुमार, सब्जी व्यापारी
महंगाई पर रोक कब?: देश में महंगाई को लेकर सियासत हो रही है. सिर्फ सब्जियां ही नहीं खाने-पीने की अन्य सामग्रियों के दाम में भी बहुत बढ़ोतरी हुई है. आम आदमी परेशान है कि इस महंगाई में परिवार का गुजारा कैसे करें. राजनीतिक पार्टी सियासत कर रही है लेकिन सवाल यह उठता है कि इस बेतहाशा बढ़ती महंगाई पर आखिर रोक कब लगेगी.
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