जोधपुर. भीषण गर्मी के दौर में हर तरफ से आम आदमी को परेशानी झेलनी पड़ रही है. बढ़ती महंगाई में इन दिनों सब्जियों के भाव भी आसमान छू रहे हैं. वजह है गर्मी में माल की बर्बादी और कम उत्पादन और कम आवक. गर्मी के चलते भदवासियां मंडी में जोधपुर के आसपास के क्षेत्र से आने वाली सब्जियों की आवक कम हो गई है.
भदवासियां मंडी में हरि पत्तेदार सब्जियां ही आ रही हैं. इसके अलावा ज्यादातर सब्जियां राज्य के दूसरे हिस्सों के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र से आ रही हैं. इनमें अधिकांश कोल्ड स्टोरेज का भी माल आ रहा है. जो गर्मी में बहुत तेजी से खराब हो जाता है. जिसके चलते होलसेल में सस्ती होने के बावजूद रिटेलर को महंगी बेचनी पड़ रही है. जोधपुर फ्रूट एवं वेजीटेबल यूनियन के अशोक कुमार बताते हैं कि गर्मी में भावों में तेजी रहती है. रिटेलर को बहुत ज्यादा परेशानी होती है. उसका 10 से 20 फीसदी माल गर्मी में खराब हो जाता है. उसकी रिकवरी उसे करनी होती है, जिससे ग्राहकों को सब्जियां महंगी मिल रही हैं.
रिटेल में भाव दोगुने हो गए: भदवासियां मंडी के होलसेल व्यापारी नानक राम ने बताया कि हमारे यहां भावों में ज्यादा तेजी नहीं है. लेकिन गर्मी के चलते रिटेलर को ज्यादा करनी मेहनत पड़ती है. इसके अलावा शाम होते-होते सब्जियां खराब हो जाती हैं. तो वह अपना नुकसान भी इसी से निकालता है. रेस्टोरेंट संचालक ऋषि गहलोत का कहना है कि हम होलसेल में सब्जियां लाते हैं. वहां पर 10 से 20 रुपए किलो भाव बढ़ गए हैं. लेकिन कोल्ड स्टोरेज की सब्जियां सही नहीं हैं. भाव की बात करें, तो रिटेल में टमाटर 50 रुपए, करेला 60, लौकी 50, पालक 80, गंवार फली 80 से 100, गोभी 60, काचरा 60, प्याज 30 और आलू 20 रुपए प्रति किलो के भाव हैं. इनमें भी गली मोहल्ले में आने वाले ठेले पर 10 से 20 रुपए अधिक भाव हैं.
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कोल्ड सटोरेज की सब्जियां आ रही: भदवासियां मंडी के व्यापारी बताते हैं कि गर्मी में सभी जगह पर ताजा सब्जियों की आवक कम हो रही है. ऐसे में जिन लोगों ने कोल्ड स्टोरेज में पहले खरीद कर माल भर रखा है, वह अब बाहर आ रहा है. इनमें खास तौर से टमाटर, मिर्ची, लोकी, करेले सहित अन्य हैं. रिटेलर इनको धूप में खड़े होकर बेचते हैं, तो यह अंदर से खराब होने लगती हैं. यह बाहर से फ्रेश दिखती हैं, लेकिन काटने पर अंदर पता चलता है कि यह कोल्ड स्टोरेज में रखा हुआ माल है. इसके अलावा इन दिनों इंजेक्शन लगाकर पकाकर बाजार में बाहर से माल आ रहा है. जो बहुत जल्दी खराब होता है.
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मानसून के बाद ही राहत: होलसेलर व्यापारियों का कहना है कि हमारे आसपास सब्जियां इन दिनों नहीं होती हैं. ऐसे में ज्यादातर बाहर के माल पर ही मंडी आवक टिकी हुई है. बाहर से आने वाली सब्जियां जोधपुर पहुंचने तक गर्मी में खराब होने लगती हैं. जिसके चलते उनकी लागत बढ़ जाती है. व्यापारियों ने बताया कि जब तक मानूसन सक्रिय होकर लोकल सप्लाई शुरू नहीं हो जाती, तब तक इससे राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. अभी एक माह में दाम और बढ़ सकते हैं.