भोपाल: एमपी बीजेपी में सत्ता के बाद अब संगठन में भी बड़े बदलाव की आहट है और सवाल उठ रहा है कि वीडी शर्मा की जगह कौन लेगा. हालांकि इस बार बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए 'एक अनार सौ बीमार' के हालात हैं. विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से हाशिए पर चल रहे नरोत्तम मिश्रा से लेकर भूपेन्द्र सिंह और पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया तक के नाम इस रेस में है. आदिवासी को नेतृत्व दिया गया तो फग्गन सिंह कुलस्ते का चेहरा फिर एक बार सुर्खियो में है. चर्चा ये भी है कि आधी आबादी से भी इस बार किसी चेहरे को कमान सौंपी जा सकती है. अभी कयासों की दौड़ है और नए चेहरे की तलाश को लेकर ये चुनौती भी है कि क्या वो वीडी शर्मा के तय बैचमार्क्स तक पहुचं पाएंगे.
सत्ता के बाद संगठन में बदलाव, वीडी शर्मा के बाद कौन
माना जा रहा है कि सत्ता में पिछले वर्ग को प्रतिनिधित्व देने के बाद बीजेपी अब संगठन में किसी आदिवासी चेहरे को मौका दे सकती है. अगर ऐसा हुआ तो पूर्व केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के नाम मजबूत माना जाएगा. अगर सवर्ण से ही ये खाली स्थान भरा जाता है तो डॉ. नरोत्तम मिश्रा से लेकर डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया तक के नाम हैं. प्रदेश अध्यक्ष के लिए चर्चा भूपेन्द्र सिंह के नाम की भी है. उधर पिछड़ा वर्ग से ही राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार भी प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष पद के दावेदारों की सूची में टॉप फाइव में अपना नाम बनाए हुए हैं.
पार्टी को प्रदेश अध्यक्ष के लिए एक्टिव चेहरे की तलाश
राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं, ''प्रदेश अध्यक्ष के चेहरे के चुनाव में पार्टी कई फैक्टर देखेगी. बेशक अभी चुनाव नहीं हैं, लेकिन बीजेपी में लगातार गतिविधियां चलती रहती हैं. पार्टी को बहुत एक्टिव चेहरे की तलाश होगी. वीडी शर्मा की प्रदेश अध्यक्ष रहते जो पारी रही है वो उल्लेखनीय है. चाहे फिर विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत हो या फिर लोकसभा चुनाव में 29 सीटों पर खिला कमल या फिर सदस्यता अभियान में रिकार्ड. वीडी शर्मा ने एक बैंच मार्क तय कर दिया है. जाहिर है अगर बदलाव होता है तो नए प्रदेश अध्यक्ष के सामने परफार्मेंस प्रेशर रहेगा. वीडी के जरिए पार्टी ने उनके चुनावी मैदान बुंदेलखंड और इधर ग्वालियर चंबल को साधा. अब देखना होगा कि संगठन में किस क्षेत्र को पार्टी आगे बढ़ाती है.''
बीजेपी का लोकतंत्र, ऐसे होते हैं चुनाव
बीजेपी में आंतरिक लोकतंत्र जो है उसके मुताबिक, चुनाव की लंबी प्रक्रिया है. जिसमें पहले सक्रिय सदस्यता का अभियान चलता है. पार्टी में ये अभियान दीपावली के आस पास पूरा हो रहा है. इस महीने के आखिर तक ये अभियान खत्म हो जाएगा. इसके बाद फिर नए सिरे से बूथ कमेटी गठित होगी. फिर मंडल के अध्यक्ष चुने जाएंगे. फिर इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए पहले प्रदेश भर के जिलो में अध्यक्ष का चुनाव और फिर आखिर में प्रदेश अध्यक्ष चुना जाएगा.
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संगठन चुनाव की टीम में हर क्षेत्र से नेता
बीजेपी ने चुनाव के लिए जो अधिकारी नियुक्ति किए हैं उनमें लगभग हर क्षेत्र को मौका दिया गया है. चुनाव अधिकारी ग्वालियर क्षेत्र के वरिष्ठ नेता विवेक शेजवलकर को बनाया है. इनके साथ मालवा इलाके से जीतू जिराती, अर्चना चिटनीस, उधर बुंदेलखंड से रजनीश अग्रवाल के अलावा प्रभु लाला जाटव को सह चुनाव अधिकारी के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है.