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काशी विद्यापीठ के छात्रों को अब रिजल्ट के लिए नहीं लगाने होंगे चक्कर, विश्वविद्यालय डिजिलॉकर में उपलब्ध कराएगा मार्कशीट - 46th convocation Kashi Vidyapeeth

वाराणसी का काशी विद्यापीठ अपने छात्रों को इस बार मैनुअल मार्कशीट की जगह डिजिलॉकर में उपलब्ध कराएगा मार्कशीट. विश्वविद्यालय के कुलपति ने इसकी जानकारी दी है

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काशी विद्यापीठ में 25 सितंबर को 46 वां दीक्षांत समारोह (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 24, 2024, 10:15 PM IST

वाराणसी: बनारस स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में 25 सितंबर को 46 वां दीक्षांत समारोह मनाया जा रहा है. जिसमें विद्यार्थियों को उपाधियां दी जाएगी. इस बार के दीक्षांत समारोह में पहली बार महामहिम की ओर से विद्यार्थियों को ऑनलाइन सीधे डिजिलॉकर में मार्कशीट मिलने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. बता दें कि, अब तक विश्वविद्यालय की ओर से मैनुअल मार्कशीट और उपाधियां दी जाती थी, लेकिन पिछले साल जहां सिर्फ उपाधियां को ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया था, तो वहीं इस साल से मार्कशीट की सुविधा भी ऑनलाइन विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध रहेंगी.

बता दें कि, दीक्षांत समारोह में कुल 97,350 मेधावियों को उपाधियां बंटी जाएंगी. जिसमें स्नातक में कुल 18,196 डिग्रियां प्रदान की जाएगी. इनमें 41,474 छात्र और 36722 छात्राएं हैं. वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर 19,056 डिग्रियां दी जाएगी. यही नहीं इस बार 98 विद्यार्थियों को पीएचडी की भी उपाधि दी जाएगी. विद्यापीठ के कुलपति ने बताया कि, यदि गोल्ड मेडल की बात करें तो कुल 18 गोल्ड मेडल दिए जाएंगे, जिनमें सात स्नातक, 9 स्नाकोत्तर और दो उत्कृष्ट खिलाड़ियों की डिग्रियां होगी. राज्यपाल के जरिए ऑनलाइन डिग्रियां और मार्कशीट दी जाएंगी.

काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एके त्यागी (Video Credit; ETV Bharat)

नई सुविधा के बारे में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. एके त्यागी का कहना है कि, विश्वविद्यालय के प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में केंद्र हैं. जिस वजह से सिर्फ रिजल्ट के लिए विश्वविद्यालय आना कई बार विद्यार्थियों के लिए समस्या से भरा रहता है. इसी को देखते हुए इस सत्र से अंतिम वर्ष की मार्कशीट को ऑनलाइन करने की शुरुआत की गई है, जिसकी सौगात महामहिम की ओर से दीक्षांत के दिन विद्यार्थियों को मिलेगी. उन्होंने बताया कि बीते साल राष्ट्रपति के जरिए उपाधियां को ऑनलाइन डिजिलॉकर में उपलब्ध कराने की व्यवस्था का उद्घाटन हुआ था. इस साल हम इस नई सुविधा को भी शुरू करने जा रहे हैं.

दरअसल, डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार ने एक पहल की शुरुआत की, जिसके तहत पेपरलेस सिस्टम को और मजबूत बनाना है. जिससे लोगों को अपने दस्तावेज रखने के लिए परेशान नहीं होना हो. बता दें कि, इसमे आय, शैक्षिक प्रमाण पत्र,सरकार की ओर से जारी की गई आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र और अन्य अलग-अलग दस्तावेजों को रखा जा सकता है. डिजिलॉकर शुरू करने के लिए सामान्य व्यक्ति को अपने आधार नंबर के साथ आधिकारिक वेबसाइट http://digilocker.gov.in/ में पंजीकरण करना होगा. उसके बाद उन्हें एक खाता बनाना होगा. पंजीकरण के बाद वह अपने सभी दस्तावेजों को अपने डिजिलॉकर में अपडेट कर सकते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि, उनके सभी दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे और वह कहीं भी सहजता के साथ इसे डाउनलोड कर इसका लाभ उठा सकते हैं. इससे हर समय ओरिजिनल डॉक्यूमेंट लेकर घूमने की जरूरत नहीं होगी.


यह भी पढ़ें: महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह; राज्यपाल ने 83 मेधावी छात्र-छात्राओं को दिया गोल्ड मेडल, प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित

वाराणसी: बनारस स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में 25 सितंबर को 46 वां दीक्षांत समारोह मनाया जा रहा है. जिसमें विद्यार्थियों को उपाधियां दी जाएगी. इस बार के दीक्षांत समारोह में पहली बार महामहिम की ओर से विद्यार्थियों को ऑनलाइन सीधे डिजिलॉकर में मार्कशीट मिलने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. बता दें कि, अब तक विश्वविद्यालय की ओर से मैनुअल मार्कशीट और उपाधियां दी जाती थी, लेकिन पिछले साल जहां सिर्फ उपाधियां को ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया था, तो वहीं इस साल से मार्कशीट की सुविधा भी ऑनलाइन विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध रहेंगी.

बता दें कि, दीक्षांत समारोह में कुल 97,350 मेधावियों को उपाधियां बंटी जाएंगी. जिसमें स्नातक में कुल 18,196 डिग्रियां प्रदान की जाएगी. इनमें 41,474 छात्र और 36722 छात्राएं हैं. वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर 19,056 डिग्रियां दी जाएगी. यही नहीं इस बार 98 विद्यार्थियों को पीएचडी की भी उपाधि दी जाएगी. विद्यापीठ के कुलपति ने बताया कि, यदि गोल्ड मेडल की बात करें तो कुल 18 गोल्ड मेडल दिए जाएंगे, जिनमें सात स्नातक, 9 स्नाकोत्तर और दो उत्कृष्ट खिलाड़ियों की डिग्रियां होगी. राज्यपाल के जरिए ऑनलाइन डिग्रियां और मार्कशीट दी जाएंगी.

काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एके त्यागी (Video Credit; ETV Bharat)

नई सुविधा के बारे में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. एके त्यागी का कहना है कि, विश्वविद्यालय के प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में केंद्र हैं. जिस वजह से सिर्फ रिजल्ट के लिए विश्वविद्यालय आना कई बार विद्यार्थियों के लिए समस्या से भरा रहता है. इसी को देखते हुए इस सत्र से अंतिम वर्ष की मार्कशीट को ऑनलाइन करने की शुरुआत की गई है, जिसकी सौगात महामहिम की ओर से दीक्षांत के दिन विद्यार्थियों को मिलेगी. उन्होंने बताया कि बीते साल राष्ट्रपति के जरिए उपाधियां को ऑनलाइन डिजिलॉकर में उपलब्ध कराने की व्यवस्था का उद्घाटन हुआ था. इस साल हम इस नई सुविधा को भी शुरू करने जा रहे हैं.

दरअसल, डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार ने एक पहल की शुरुआत की, जिसके तहत पेपरलेस सिस्टम को और मजबूत बनाना है. जिससे लोगों को अपने दस्तावेज रखने के लिए परेशान नहीं होना हो. बता दें कि, इसमे आय, शैक्षिक प्रमाण पत्र,सरकार की ओर से जारी की गई आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र और अन्य अलग-अलग दस्तावेजों को रखा जा सकता है. डिजिलॉकर शुरू करने के लिए सामान्य व्यक्ति को अपने आधार नंबर के साथ आधिकारिक वेबसाइट http://digilocker.gov.in/ में पंजीकरण करना होगा. उसके बाद उन्हें एक खाता बनाना होगा. पंजीकरण के बाद वह अपने सभी दस्तावेजों को अपने डिजिलॉकर में अपडेट कर सकते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि, उनके सभी दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे और वह कहीं भी सहजता के साथ इसे डाउनलोड कर इसका लाभ उठा सकते हैं. इससे हर समय ओरिजिनल डॉक्यूमेंट लेकर घूमने की जरूरत नहीं होगी.


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