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काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद; दिवंगत महंत की पत्नी अनशन पर बैंठी, मनाने में प्रशासन के छूटे पसीने - Kashi Vishwanath Temple Controversy

काशी विश्वनाथ मंदिर से निकाली जाने वाली परंपरागत शोभायात्रा पर रोक को लेकर दिवंगत महंत डॉ. कुलपति तिवारी की पत्नी मोहिनी देवी सोमवार को अनशन पर बैठ गईं. मोहनी देवी ने इस घटनाक्रम को काशी के अपमान से जोड़ा है. Shobha Yatra in Varanasi

Kashi Vishwanath Temple Controversy
Kashi Vishwanath Temple Controversy (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 19, 2024, 8:04 PM IST

Updated : Aug 19, 2024, 9:50 PM IST

शोभा यात्रा निकालने के बाबत जानकारी देते पंडित वाचस्पति तिवारी. (Video Credit : ETV Bharat)

वाराणसी : भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी में परंपराओं को लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर और पूर्व महंत परिवार के आपसी विवाद से हरियाली शृंगार और झूला शृंगार की परंपरा पर ब्रेक लग गया है. इसको लेकर सोमवार को दिनभर कई घटनाक्रम हुए. इस दौरान दिवंगत महंत डॉ. कुलपति तिवारी की दृष्टिबाधित पत्नी मोहिनी देवी अनशन पर बैठ गईं. वहीं डॉ. कुलपति तिवारी के पुत्र पंडित वाचस्पति तिवारी ने पुलिस द्वारा पालकी शोभा यात्रा रोकने के नोटिस के चलते महंत आवास टेढ़ीनीम पर ही सांकेतिक झुलनोत्सव कर परंपरा का निर्वाह किया.

दिवंगत महंत की पत्नी ने शुरू किया अनशन.
दिवंगत महंत की पत्नी ने शुरू किया अनशन. (Photo Credit: ETV Bharat)

दरअसल शोभा यात्रा के माध्यम से रजत प्रतिमा महंत आवास से मंदिर तक ले जाने की परंपरा है. इस बार महंत परिवार के दो भाइयों के बीच चल रहे कोर्ट केस की वजह से मंदिर प्रशासन ने खुद ही परंपरा का निर्वहन करने की घोषणा की है. इसके बावजूद महंत परिवार के वाचस्पति तिवारी ने खुद परंपरा निर्वहन की जिद ठान ली है. इसके बाद मंदिर प्रशासन के आपत्ति के बाद महंत आवास के बाहर फोर्स की तैनाती कर दी गई है. इसके अलावा कई अधिकारियों ने भी महंत आवास के बाहर डेरा जमा लिया है. संबंधित थानेदार की तरफ से नोटिस जारी कर महंत परिवार से शोभायात्रा और प्रतिमा बाहर न निकलने की अपील की गई.

अनशन पर बैठीं महंत की पत्नी से मिलने पहुंचीं डीसीपी प्रज्ञा पाठक.
अनशन पर बैठीं महंत की पत्नी से मिलने पहुंचीं डीसीपी प्रज्ञा पाठक. (Photo Credit: ETV Bharat)

जिला प्रशासन और काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन की कार्रवाई से नाराज दिवंगत महंत डॉ. कुलपति तिवारी की पत्नी मोहिनी देवी सोमवार को अनशन पर बैठ गईं. परिवार के सदस्य उन्हें पूरे दिन समझाते रहे, लेकिन उन्होंने अन्न-जल ग्रहण नहीं किया. इस बात की जानकारी एसीपी दशाश्वमेध प्रज्ञा पाठक को हुई तो वह सायंकाल करीब साढ़े पांच बजे महंत आवास पहुंचीं. उन्होंने मोहिनी देवी को समझाने का प्रयास किया. इस दौरान मोहिनी देवी ने डॉ. कुलपति तिवारी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भेजे गए शोक संवेदना पत्र दिखाते हुए एसीपी से कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री जी कहते हैं मेरे पति को विश्वनाथ मंदिर की परंपराओं का संवाहक बताते हैं और दूसरी तरफ वाराणसी के जिला प्रशासन ने हमारे परिवार की परंपरा पर कब्जा कर लिया. यह दोहरी नीति दिखा कर आखिर वर्तमान सरकार क्या साबित करना चाहती है. एसीपी प्रज्ञा पाठक ने उनकी बात शासन पहुंचाने का आश्वासन दिया और अनशन समाप्त करने की अपील की. इसके बाद मोहिनी देवी ने जूस ग्रहण किया. साथ ही शर्त रख दी की एक सप्ताह के भीतर महंत परिवार की परंपरा की बहाली का पत्र शासन की ओर से उन्हें नहीं मिला तो वह अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ जाएंगी.

अनशन पर बैठीं महंत की पत्नी को समझातीं डीसीपी प्रज्ञा पाठक.
अनशन पर बैठीं महंत की पत्नी को समझातीं डीसीपी प्रज्ञा पाठक. (Photo Credit: ETV Bharat)

वहीं पुलिस द्वारा पालकी शोभा यात्रा रोकने के नोटिस के चलते वहीं डॉ. कुलपति तिवारी के पुत्र पंडित वाचस्पति तिवारी ने महंत आवास टेढ़ीनीम पर ही सांकेतिक झुलनोत्सव कर परंपरा का निर्वाह किया. पंडित वाचस्पति तिवारी का कहना है कि जिस मुकदमे को आधार बनाकर जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई की है वह मुकदमा कई वर्ष पुराना है. यदि ऐसा ही था तो पहले ही परंपरा पर रोक क्यों नहीं लगाई गई. वाचस्पति तिवारी का कहना है कि 358 साल इस पुरानी परंपरा को मंदिर प्रशासन तोड़ रहा है.

पुलिस की ओर से जारी नोटिस.
पुलिस की ओर से जारी नोटिस. (Photo Credit: ETV Bharat)

बहरहाल मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि महंत परिवार के दो भाइयों के बीच का विवाद कोर्ट में है. जिसमें मंदिर प्रबंधन नहीं पड़ना चाहता. इस वजह से वह प्रतिमा का पूजन पाठ करके शृंगार संपन्न कराएगा. इसी के तहत श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सोमवार को चल रजत प्रतिमा की पूजा के बाद झूला उत्सव की तैयारी शुरू कर दी गई. मंदिर प्रांगण में श्री विश्वनाथ जी की पंच बदन प्रतिमा को पंचगव्य स्नान कराया गया. इस दौरान शंख वादन और डमरू वादन भी हुआ. साथ ही बाबा की प्रतिमा की आरती की गई. फिलहाल इस मामले के बाद अब मंदिर प्रशासन और महंत परिवार के बीच तनातनी बढ़ गई है.

वाराणसी कमिश्नर का बयान.
वाराणसी कमिश्नर का बयान. (Photo Credit: ETV Bharat)

महंत परिवार ने आवास पर की सांकेतिक पूजा

आवास पर सांकेतिक पूजा करते महंत परिवार के सदस्य.
मंदिर परिसर में नई प्रतिमा के साथ निकली पालकी यात्रा . (Photo Credit: ETV Bharat)

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत परिवार के बीच चल प्रतिमा को लेकर हुए विवाद के चलते मंदिर प्रशासन ने नई प्रतिमा के साथ मंदिर परिसर में ही पालकी यात्रा निकालकर बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में झूला शृंगार संपन्न किया और बाबा विश्वनाथ की चल रजत प्रतिमा का भक्तों ने दर्शन किया. उधर महंत परिवार में दिवंगत महंत पंडित कुलपति तिवारी के बेटे वाचस्पति तिवारी ने घर पर ही पालकी पूजन और प्रतिमा का पूजन करके अपना विरोध दर्ज करवाया.

यह भी पढ़ें : काशी विश्वनाथ मंदिर में आज निभाई जाने वाली इस प्राचीन परंपरा को लेकर अलग-अलग मत, जानिए - Kashi Vishwanath temple

यह भी पढ़ें : विश्वनाथ मंदिर में शनिवार को स्पर्श दर्शन रहेगा बंद, सुगम दर्शन के टिकट भी नहीं होगे जारी - Srikashi Vishwanath Temple

शोभा यात्रा निकालने के बाबत जानकारी देते पंडित वाचस्पति तिवारी. (Video Credit : ETV Bharat)

वाराणसी : भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी में परंपराओं को लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर और पूर्व महंत परिवार के आपसी विवाद से हरियाली शृंगार और झूला शृंगार की परंपरा पर ब्रेक लग गया है. इसको लेकर सोमवार को दिनभर कई घटनाक्रम हुए. इस दौरान दिवंगत महंत डॉ. कुलपति तिवारी की दृष्टिबाधित पत्नी मोहिनी देवी अनशन पर बैठ गईं. वहीं डॉ. कुलपति तिवारी के पुत्र पंडित वाचस्पति तिवारी ने पुलिस द्वारा पालकी शोभा यात्रा रोकने के नोटिस के चलते महंत आवास टेढ़ीनीम पर ही सांकेतिक झुलनोत्सव कर परंपरा का निर्वाह किया.

दिवंगत महंत की पत्नी ने शुरू किया अनशन.
दिवंगत महंत की पत्नी ने शुरू किया अनशन. (Photo Credit: ETV Bharat)

दरअसल शोभा यात्रा के माध्यम से रजत प्रतिमा महंत आवास से मंदिर तक ले जाने की परंपरा है. इस बार महंत परिवार के दो भाइयों के बीच चल रहे कोर्ट केस की वजह से मंदिर प्रशासन ने खुद ही परंपरा का निर्वहन करने की घोषणा की है. इसके बावजूद महंत परिवार के वाचस्पति तिवारी ने खुद परंपरा निर्वहन की जिद ठान ली है. इसके बाद मंदिर प्रशासन के आपत्ति के बाद महंत आवास के बाहर फोर्स की तैनाती कर दी गई है. इसके अलावा कई अधिकारियों ने भी महंत आवास के बाहर डेरा जमा लिया है. संबंधित थानेदार की तरफ से नोटिस जारी कर महंत परिवार से शोभायात्रा और प्रतिमा बाहर न निकलने की अपील की गई.

अनशन पर बैठीं महंत की पत्नी से मिलने पहुंचीं डीसीपी प्रज्ञा पाठक.
अनशन पर बैठीं महंत की पत्नी से मिलने पहुंचीं डीसीपी प्रज्ञा पाठक. (Photo Credit: ETV Bharat)

जिला प्रशासन और काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन की कार्रवाई से नाराज दिवंगत महंत डॉ. कुलपति तिवारी की पत्नी मोहिनी देवी सोमवार को अनशन पर बैठ गईं. परिवार के सदस्य उन्हें पूरे दिन समझाते रहे, लेकिन उन्होंने अन्न-जल ग्रहण नहीं किया. इस बात की जानकारी एसीपी दशाश्वमेध प्रज्ञा पाठक को हुई तो वह सायंकाल करीब साढ़े पांच बजे महंत आवास पहुंचीं. उन्होंने मोहिनी देवी को समझाने का प्रयास किया. इस दौरान मोहिनी देवी ने डॉ. कुलपति तिवारी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भेजे गए शोक संवेदना पत्र दिखाते हुए एसीपी से कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री जी कहते हैं मेरे पति को विश्वनाथ मंदिर की परंपराओं का संवाहक बताते हैं और दूसरी तरफ वाराणसी के जिला प्रशासन ने हमारे परिवार की परंपरा पर कब्जा कर लिया. यह दोहरी नीति दिखा कर आखिर वर्तमान सरकार क्या साबित करना चाहती है. एसीपी प्रज्ञा पाठक ने उनकी बात शासन पहुंचाने का आश्वासन दिया और अनशन समाप्त करने की अपील की. इसके बाद मोहिनी देवी ने जूस ग्रहण किया. साथ ही शर्त रख दी की एक सप्ताह के भीतर महंत परिवार की परंपरा की बहाली का पत्र शासन की ओर से उन्हें नहीं मिला तो वह अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ जाएंगी.

अनशन पर बैठीं महंत की पत्नी को समझातीं डीसीपी प्रज्ञा पाठक.
अनशन पर बैठीं महंत की पत्नी को समझातीं डीसीपी प्रज्ञा पाठक. (Photo Credit: ETV Bharat)

वहीं पुलिस द्वारा पालकी शोभा यात्रा रोकने के नोटिस के चलते वहीं डॉ. कुलपति तिवारी के पुत्र पंडित वाचस्पति तिवारी ने महंत आवास टेढ़ीनीम पर ही सांकेतिक झुलनोत्सव कर परंपरा का निर्वाह किया. पंडित वाचस्पति तिवारी का कहना है कि जिस मुकदमे को आधार बनाकर जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई की है वह मुकदमा कई वर्ष पुराना है. यदि ऐसा ही था तो पहले ही परंपरा पर रोक क्यों नहीं लगाई गई. वाचस्पति तिवारी का कहना है कि 358 साल इस पुरानी परंपरा को मंदिर प्रशासन तोड़ रहा है.

पुलिस की ओर से जारी नोटिस.
पुलिस की ओर से जारी नोटिस. (Photo Credit: ETV Bharat)

बहरहाल मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि महंत परिवार के दो भाइयों के बीच का विवाद कोर्ट में है. जिसमें मंदिर प्रबंधन नहीं पड़ना चाहता. इस वजह से वह प्रतिमा का पूजन पाठ करके शृंगार संपन्न कराएगा. इसी के तहत श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सोमवार को चल रजत प्रतिमा की पूजा के बाद झूला उत्सव की तैयारी शुरू कर दी गई. मंदिर प्रांगण में श्री विश्वनाथ जी की पंच बदन प्रतिमा को पंचगव्य स्नान कराया गया. इस दौरान शंख वादन और डमरू वादन भी हुआ. साथ ही बाबा की प्रतिमा की आरती की गई. फिलहाल इस मामले के बाद अब मंदिर प्रशासन और महंत परिवार के बीच तनातनी बढ़ गई है.

वाराणसी कमिश्नर का बयान.
वाराणसी कमिश्नर का बयान. (Photo Credit: ETV Bharat)

महंत परिवार ने आवास पर की सांकेतिक पूजा

आवास पर सांकेतिक पूजा करते महंत परिवार के सदस्य.
मंदिर परिसर में नई प्रतिमा के साथ निकली पालकी यात्रा . (Photo Credit: ETV Bharat)

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत परिवार के बीच चल प्रतिमा को लेकर हुए विवाद के चलते मंदिर प्रशासन ने नई प्रतिमा के साथ मंदिर परिसर में ही पालकी यात्रा निकालकर बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में झूला शृंगार संपन्न किया और बाबा विश्वनाथ की चल रजत प्रतिमा का भक्तों ने दर्शन किया. उधर महंत परिवार में दिवंगत महंत पंडित कुलपति तिवारी के बेटे वाचस्पति तिवारी ने घर पर ही पालकी पूजन और प्रतिमा का पूजन करके अपना विरोध दर्ज करवाया.

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Last Updated : Aug 19, 2024, 9:50 PM IST
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