वाराणसी: धर्मनगरी वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भीड़ दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. सावन में भक्तों की भीड़ का रिकॉर्ड इस बार मार्च 2024 की भीड़ ने तोड़ दिया. 95 लाख से भी ज्यादा भक्तों ने 1 महीने में बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया है. एक तरफ भीड़ बना रही है तो दूसरी तरफ मंदिर की इनकम भी बढ़ रही है, लेकिन लगातार बढ़ रही बाहारियों के भीड़ की वजह से लोकल लोगों के सामने एक बड़ी मुसीबत हो गई है.
खास तौर पर जो नियमित दर्शनार्थी थे, उनके सामने एक बड़ी दिक्कत है, क्योंकि बढ़ रही भीड़ के कारण स्थानीय लोग भी नियमित दर्शनार्थी के तौर पर दर्शन पूजन नहीं कर पा रहे हैं और तमाम दिक्कतों का उन्हें सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर लगातार मंदिर प्रशासन सही है डिमांड की जा रही थी कि लोकल लोगों के लिए दर्शन पूजन की एक अलग व्यवस्था की जाए. इसके बाद अब मंदिर प्रशासन ने इस प्लान पर काम शुरू कर दिया है और माना जा रहा है, जल्द ही लोकल निवासियों को बाबा विश्वनाथ के सुगम दर्शन बिना किसी पास और बिना किसी झंझट के मिल सकेंगे.
इस पूरे प्लान के बारे में कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भीड़ बहुत तेजी से बढ़ रही है. आम दिनों में भी भीड़ है 5 लाख से ज्यादा होने लगी है जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को दर्शन पूजन में दिक्कत आ रही है. इसे लेकर स्थानीय लोग लंबे वक्त से एक ऐसा रास्ता निकालने की मांग कर रहे हैं. जिससे उन्हें बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने में दिक्कत ना हो, क्योंकि बहुत बड़ी संख्या नियमित दर्शनार्थियों की है, जो प्रतिदिन बाबा का दर्शन करते हैं. ऐसे में बढ़ रही भीड़ की वजह से नियमित दर्शनार्थियों को दर्शन करने में दिक्कत आ रही है.
इसे लेकर मंदिर प्रशासन और मंदिर न्यास ने सर्वे शुरू किया है. यह सर्वे बनारस के अलग-अलग मंदिरों के अलावा देश के बड़े मंदिरों में भी किया जा रहा है. इसके लिए न्यास की टीम हाल ही में देश के कुछ बड़े मंदिरों में गई थी. जिसमें महाकाल मंदिर के अलावा दक्षिण भारत के मंदिर और शिरडी साईंनाथ मंदिर भी शामिल है. इन मंदिरों में भी जबरदस्त भीड़ के बीच स्थानीय लोगों को कैसे दर्शन कराया जाता है, उसके लिए क्या व्यवस्था है? इन सारी चीजों की स्टडी की जा रही है. 10 से 15 दिनों में या स्टडी पूरी हो जाएगी.
कमिश्नर कौशल राज शर्मा का कहना है इसके लिए हमने जो प्लान तैयार किया है उसके लिए चार अलग-अलग गेट में से किसी एक गेट पर एक टाइम स्लॉट निर्धारित किया जाएगा. इस टाइम स्लॉट में स्थानीय लोग दर्शन पूजन करने के लिए आ सकते हैं और अगर उनके यहां कोई मेहमान आया है और उसे भी वह दर्शन करना चाहते हैं तो बिना किसी पास या बिना किसी झंझट के वह अपने साथ रिश्तेदारों को लेकर आ सकते हैं और वह भी आराम से दर्शन कर सकते हैं. इसके लिए अभी कौन सा गेट निश्चित होगा यह फाइनल नहीं किया गया है, लेकिन जहां पर भीड़ कम रहती है.
उसे गेट से आम लोगों की जगह स्थानीय लोगों को एंट्री दी जाएगी. सुगम दर्शन हो सके इसके लिए एक निर्धारित वक्त में उन्हें जाने की अनुमति दी जाएगी. स्थानीय लोगों की पहचान के लिए उनके आधार कार्ड या स्थानीय पते की जांच भी की जाएगी, ताकि अन्य लोग इस सुविधा का लाभ बेवजह ना ले सके कमिश्नर कौशल राज शर्मा का गाना है कि इसे लेकर चल रही स्टडी जल्द पूरी हो जाएगी और मंदिर प्रशासन इस सुविधा को आने वाले 20 से 25 दिनों में लागू भी कर देगा.
चढ़ावे की धनराशि का टूटा रिकार्ड: श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या के साथ चढ़ावे की धनराशि ने रिकार्ड तोड़ा है और मंदिर की आय 2022-23 के सापेक्ष 2023-24 में 42.43 प्रतिशत बढ़ी है. साथ ही मंदिर के व्यय में भी 2022-23 की अपेक्षा 40.38 प्रतिशत वृद्धि हुई. मंदिर प्रशासन की और से जारी आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष की तुलना में 42.43 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कुल आय 83.34 करोड़ रुपये रही तो व्यय 25.32 करोड़ रुपये हुए.
मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र के अनुसार मंदिर के व्यय में बढ़ोतरी मुख्यतः मंदिर न्यास द्वारा प्रारंभ की गई नई कल्याणकारी योजनाओं के कारण हुई है. आय बढ़ने के साथ अन्य सामाजिक कार्य आरंभ करने की योजना है. मंदिर में सफाई व्यवस्था मेट्रो और एयरपोर्ट की तर्ज पर ठीक रखने की है. इसके लिए समय-समय पर निरीक्षण कर किसी भी एक स्थान पर गंदगी दिखने पर पांच हजार रुपये प्रति स्थल का दंड कंपनी को भरना होगा. कंपनी पर 31 मार्च को 2.70 लाख और एक अप्रैल को 2.05 लाख रुपये का दंड लगाया गया है, यदि कहीं बेलपत्र, बोतल या कागज की गिलास भी गिरी दिखे तो अगले क्षण ही वहां से उठकर यथास्थान पहुंचना चाहिए.