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बनारस में नाइट बाजार फेल, जानिए किस प्लानिंग से हुआ था शुरू और कैसे हुआ फ्लॉप - varanasi night market

वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के सामने नाइट बाजार का कॉन्सेप्ट शुरु हुआ था. लेकिन, अब यह नाइट बाजार स्मार्ट सिटी और नगर निगम के लिए ही गले की फांस बन गया है. यह कॉन्सेप्ट पूरी तरह से फेल साबित हुआ है. नगर निगम ना इसे हटा पा रहा है, ना अपडेट कर पा रहा है.

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बनारस में बना नाइट बाजार का कॉन्सेप्ट हुआ फेल (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 10, 2024, 11:39 AM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में 2014 के बाद कई ऐसे प्रोजेक्ट आए जो बनारस के लिए बिल्कुल नए थे. पहली बार उत्तर प्रदेश में एक ऐसे नाइट बाजार की परिकल्पना सार्थक होती दिखाई दी, जो अब तक सिर्फ मेट्रो सिटीज में ही दिखता था. गुजरात, मुंबई समेत कई अन्य बड़े शहरों में नाइट बाजार के कांसेप्ट को लेकर वाराणसी में भी 10 करोड़ की लागत से स्मार्ट सिटी ने कैंट रेलवे स्टेशन के सामने एक नाइट बाजार स्थापित किया. उम्मीद थी, कि पब्लिक यहां पहुंचेगी और नाइट बाजार का कॉन्सेप्ट लोगों को काफी सहूलियत देगा. बाजार शुरू तो हुआ, लेकिन अब यह नाइट बाजार स्मार्ट सिटी और नगर निगम के लिए ही गले की फांस बन गया है.

नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने दी जानकारी (video credit- Etv Bharat)

नाइट बाजार नगर निगम के गले की फांस बना: हालत यह है, कि दुकानों की निर्धारित सीमा तोड़ते हुए अतिक्रमण की जद बढ़ती जा रही है. गंदगी इतनी कि लोग परेशान हो गए हैं. यह नाइट बाजार खुला तो था सहूलियत के लिए, लेकिन अब यहां आने वाले लोगों के साथ ही इस ओर से गुजरने वाले लोगों के लिए मुसीबत का सबक बन गया है. जिसके बाद अब नगर निगम ना इसे हटा पा रहा है, ना अपडेट कर पा रहा है.

दरअसल, वाराणसी नगर निगम और स्मार्ट सिटी ने मिलकर लगभग 2 किलोमीटर के दायरे में कैंट रेलवे स्टेशन के सामने एक नाइट बाजार की परिकल्पना लगभग 2 साल पहले लंबे प्रयासों के बाद पूरी कर यहां बनाई गई थी. 100 से ज्यादा दुकानों को लॉटरी सिस्टम के जरिए अलॉट करके छोटे-छोटे वेंडर्स को स्ट्रीट फूड और कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर ठेला खोंमचा लगाने वाले दुकानदारों को अलॉट करके एक सार्थक प्रयास किया गया था. लेकिन, नगर निगम और स्मार्ट सिटी के सोते रवैया और पूरे प्रोजेक्ट पर ध्यान न दिए जाने का नतीजा यह हुआ, कि छोटे वेंडर्स की जगह बड़े-बड़े रेस्टोरेंट और मजबूत लोगों ने दुकानों का आवंटन करवा कर इस पूरे नाइट बाजार के कांसेप्ट को ही बदल कर रख दिया.

इसे भी पढ़े-ताजनगरी के पहले नाइट बाजार पर लगी रोक, व्यापारियों ने पार्किंग को लेकर मेयर से की थी शिकायत

नाइट बाजार में बड़े रेस्टोरेंट संचालित: जहां छोटी-छोटी गोमटी नुमा दुकानों का अलॉटमेंट यहां पर किया गया, तो दुकान मिलने के बाद इसकी दशा और दिशा दोनों बदल दी गई. हालात यह है, कि यहां पर नाइट बाजार के नाम पर छोटी-छोटी दुकानों की जगह बड़े-बड़े रेस्टोरेंट संचालित होने लगे है. पूरी पूरी जगह को घेर कर निर्धारित परिधि के बाहर तक दुकानदार पहुंचने लग गए. जिसकी वजह से अतिक्रमण का दायरा भी बढ़ता गया और इस रोड पर भीड़ होने के बाद लोगों की मुश्किलें भी परिधि बढ़ने से जाम की दिक्कतें तो बड़ी ही, साथ ही लोगों के आने-जाने का रास्ता भी ब्लॉक कर दिया गया.

इतना ही नहीं, यहां पर संचालित होने वाली दुकानों की वजह से इतनी जबरदस्त गंदगी है, कि पर्यटक बाहर आने के बाद सबसे पहले बनारस के बारे में क्या सोचेंगे यह भी महत्वपूर्ण है. कहा गया है, कि फर्स्ट इंप्रेशन इस द लास्ट इंप्रेशन और जब स्टेशन पर उतरने के बाद पहले ही इंप्रेशन बनारस का इतना खराब होगा, तो आगे किस तरह से सोच कर पर्यटक शहर में घूमेगा, यह महत्वपूर्ण है.

एक साल में ही फेल हुआ नाइट बाजार: 2023 जनवरी में शुरू हुए इस नाइट बाजार को 1 साल से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन यह कॉन्सेप्ट पूरी तरह से फेल साबित हो रहा है. नाइट बाजार रात में खोलने की प्लानिंग के साथ शुरू हुआ, लेकिन अब पूरा दिन या संचालित होता है. जिसके कारण यहां पर स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. स्थानीय अधिकारी और नगर निगम के अधिकारी भी ना इस संदर्भ में कोई एक्शन ले पा रहे हैं ना ही कोई कार्रवाई कर रहे हैं.

हालांकि जब इस बारे में म्युनिसिपल कमिश्नर अक्षत वर्मा से बातचीत की गई तो उनका कहना था, कि नाइट बाजार कांसेप्ट को लेकर हम मंथन कर रहे हैं. जितने भी दुकानदार हैं, उनके साथ लगातार मीटिंग हो रही है. हमने अभी बड़ा जुर्माना लगाकर साफ सफाई के लिए लोगों को अवेयर करने का काम किया है, जो घर-घर कूड़े का उठान करने वाली एजेंसी है, उससे टाइअप करवा कर एक निश्चित धनराशि के जरिए वहां साफ सफाई की व्यवस्था करने की प्लानिंग की गई है. इसके अलावा यह भी देखा गया है, कि कई दुकानें ऐसी हैं जो निर्धारित स्ट्रक्चर से काफी बदल चुकी हैं. उनका दायरा भी काफी ज्यादा बढ़ गया है. ऐसी दुकानों को चिन्हित किया जा रहा है और उन पर भी एक्शन लिया जाएगा.

एक नजर में नाइट बाजार: जनवरी 2023 से लहरतारा-चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे नाइट बाजार गुलजार हुआ.100 से ज्यादा दुकानों का संचालन हो रहा है.यह दुकान स्ट्रीट फूड वेंडर्स और ठेले वालों को कम बजट में अलॉट की गई थी. स्मार्ट सिटी ने निर्माण पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च किए थे. फ्लाईओवर के नीचे 1.9 किलोमीटर की जगह पर नाइट बाजार बना है. यह फ्लाईओवर शहर के महत्वपूर्ण स्थलों जैसे वाराणसी कैंट स्टेशन, बस स्टेशन से होकर गुजरता है.

यह भी पढ़े-पीएम ने किया था उद्घाटन, कागजी कार्रवाई में फंसा बनारस का नाइट बाजार

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में 2014 के बाद कई ऐसे प्रोजेक्ट आए जो बनारस के लिए बिल्कुल नए थे. पहली बार उत्तर प्रदेश में एक ऐसे नाइट बाजार की परिकल्पना सार्थक होती दिखाई दी, जो अब तक सिर्फ मेट्रो सिटीज में ही दिखता था. गुजरात, मुंबई समेत कई अन्य बड़े शहरों में नाइट बाजार के कांसेप्ट को लेकर वाराणसी में भी 10 करोड़ की लागत से स्मार्ट सिटी ने कैंट रेलवे स्टेशन के सामने एक नाइट बाजार स्थापित किया. उम्मीद थी, कि पब्लिक यहां पहुंचेगी और नाइट बाजार का कॉन्सेप्ट लोगों को काफी सहूलियत देगा. बाजार शुरू तो हुआ, लेकिन अब यह नाइट बाजार स्मार्ट सिटी और नगर निगम के लिए ही गले की फांस बन गया है.

नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने दी जानकारी (video credit- Etv Bharat)

नाइट बाजार नगर निगम के गले की फांस बना: हालत यह है, कि दुकानों की निर्धारित सीमा तोड़ते हुए अतिक्रमण की जद बढ़ती जा रही है. गंदगी इतनी कि लोग परेशान हो गए हैं. यह नाइट बाजार खुला तो था सहूलियत के लिए, लेकिन अब यहां आने वाले लोगों के साथ ही इस ओर से गुजरने वाले लोगों के लिए मुसीबत का सबक बन गया है. जिसके बाद अब नगर निगम ना इसे हटा पा रहा है, ना अपडेट कर पा रहा है.

दरअसल, वाराणसी नगर निगम और स्मार्ट सिटी ने मिलकर लगभग 2 किलोमीटर के दायरे में कैंट रेलवे स्टेशन के सामने एक नाइट बाजार की परिकल्पना लगभग 2 साल पहले लंबे प्रयासों के बाद पूरी कर यहां बनाई गई थी. 100 से ज्यादा दुकानों को लॉटरी सिस्टम के जरिए अलॉट करके छोटे-छोटे वेंडर्स को स्ट्रीट फूड और कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर ठेला खोंमचा लगाने वाले दुकानदारों को अलॉट करके एक सार्थक प्रयास किया गया था. लेकिन, नगर निगम और स्मार्ट सिटी के सोते रवैया और पूरे प्रोजेक्ट पर ध्यान न दिए जाने का नतीजा यह हुआ, कि छोटे वेंडर्स की जगह बड़े-बड़े रेस्टोरेंट और मजबूत लोगों ने दुकानों का आवंटन करवा कर इस पूरे नाइट बाजार के कांसेप्ट को ही बदल कर रख दिया.

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नाइट बाजार में बड़े रेस्टोरेंट संचालित: जहां छोटी-छोटी गोमटी नुमा दुकानों का अलॉटमेंट यहां पर किया गया, तो दुकान मिलने के बाद इसकी दशा और दिशा दोनों बदल दी गई. हालात यह है, कि यहां पर नाइट बाजार के नाम पर छोटी-छोटी दुकानों की जगह बड़े-बड़े रेस्टोरेंट संचालित होने लगे है. पूरी पूरी जगह को घेर कर निर्धारित परिधि के बाहर तक दुकानदार पहुंचने लग गए. जिसकी वजह से अतिक्रमण का दायरा भी बढ़ता गया और इस रोड पर भीड़ होने के बाद लोगों की मुश्किलें भी परिधि बढ़ने से जाम की दिक्कतें तो बड़ी ही, साथ ही लोगों के आने-जाने का रास्ता भी ब्लॉक कर दिया गया.

इतना ही नहीं, यहां पर संचालित होने वाली दुकानों की वजह से इतनी जबरदस्त गंदगी है, कि पर्यटक बाहर आने के बाद सबसे पहले बनारस के बारे में क्या सोचेंगे यह भी महत्वपूर्ण है. कहा गया है, कि फर्स्ट इंप्रेशन इस द लास्ट इंप्रेशन और जब स्टेशन पर उतरने के बाद पहले ही इंप्रेशन बनारस का इतना खराब होगा, तो आगे किस तरह से सोच कर पर्यटक शहर में घूमेगा, यह महत्वपूर्ण है.

एक साल में ही फेल हुआ नाइट बाजार: 2023 जनवरी में शुरू हुए इस नाइट बाजार को 1 साल से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन यह कॉन्सेप्ट पूरी तरह से फेल साबित हो रहा है. नाइट बाजार रात में खोलने की प्लानिंग के साथ शुरू हुआ, लेकिन अब पूरा दिन या संचालित होता है. जिसके कारण यहां पर स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. स्थानीय अधिकारी और नगर निगम के अधिकारी भी ना इस संदर्भ में कोई एक्शन ले पा रहे हैं ना ही कोई कार्रवाई कर रहे हैं.

हालांकि जब इस बारे में म्युनिसिपल कमिश्नर अक्षत वर्मा से बातचीत की गई तो उनका कहना था, कि नाइट बाजार कांसेप्ट को लेकर हम मंथन कर रहे हैं. जितने भी दुकानदार हैं, उनके साथ लगातार मीटिंग हो रही है. हमने अभी बड़ा जुर्माना लगाकर साफ सफाई के लिए लोगों को अवेयर करने का काम किया है, जो घर-घर कूड़े का उठान करने वाली एजेंसी है, उससे टाइअप करवा कर एक निश्चित धनराशि के जरिए वहां साफ सफाई की व्यवस्था करने की प्लानिंग की गई है. इसके अलावा यह भी देखा गया है, कि कई दुकानें ऐसी हैं जो निर्धारित स्ट्रक्चर से काफी बदल चुकी हैं. उनका दायरा भी काफी ज्यादा बढ़ गया है. ऐसी दुकानों को चिन्हित किया जा रहा है और उन पर भी एक्शन लिया जाएगा.

एक नजर में नाइट बाजार: जनवरी 2023 से लहरतारा-चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे नाइट बाजार गुलजार हुआ.100 से ज्यादा दुकानों का संचालन हो रहा है.यह दुकान स्ट्रीट फूड वेंडर्स और ठेले वालों को कम बजट में अलॉट की गई थी. स्मार्ट सिटी ने निर्माण पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च किए थे. फ्लाईओवर के नीचे 1.9 किलोमीटर की जगह पर नाइट बाजार बना है. यह फ्लाईओवर शहर के महत्वपूर्ण स्थलों जैसे वाराणसी कैंट स्टेशन, बस स्टेशन से होकर गुजरता है.

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