वाराणसी: जिले के अंतिम चरण में लोकसभा चुनाव-2014 के लिए मतदान किया जाना है. एक जून को इस सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही INDI गठबंधन और अन्य विपक्षी दलों के प्रत्याशियों के लिए वोट डाले जाएंगे. मगर इस बार काशी में चुनाव प्रचार का मेन फोकस यहां की आधी आबादी है. पक्ष-विपक्ष सभी महिलाओं को वोटिंग के लिए आगे लाने में जुटे हुए हैं. एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मातृ शक्ति सम्मेलन कर 25000 महिलाओं से संवाद कर रहे हैं, तो दूसरी ओर विपक्षी पार्टी महिलाओं की टोली बनाकर आधी आबादी को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रही है.
विपक्ष के पास महिलाओं के प्रति अपराध का मुद्दा: INDI गठबंधन से जुड़ी सपा नेता रीबू श्रीवास्तव का कहना है, कि बनारस की धरती पर प्रधानमंत्री को हराया गया है. एक बार फिर से हराने का काम किया जाएगा. जनता यहां पर चुनाव लड़ रही है. INDI गठबंधन के प्रत्याशी को पूरे प्रदेश में जनता मजबूती के साथ चुनाव लड़ा रही है. बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का नारा देकर आने वाली सरकार में अत्याचार और अपराध बढ़ रहे हैं.
महंगाई और नौकरी भी एक बड़ा मुद्दा: उनका कहना है कि आज मणिपुर की हाथरथ और उन्नाव की घटना को महिलाएं नहीं भूली हैं. जिस तरह से बेटियों ने अपने मेडल को गंगा में बहाया, प्रधानमंत्री ने उनसे बात नहीं की. उनके सांसद पर आरोप लगे उसे भी सभी ने देखा है. महिलाएं महंगाई से परेशान हैं. वे अपने बच्चों को खाना नहीं खिला पा रही हैं. नौकरी के मामले में मां-बाप अपने बच्चों को शिक्षा दिला रहे हैं. लेकिन, डिग्री मिलने के बाद उनके बच्चों को नौकरियां नहीं मिल रही हैं, जिन्होंने भाजपा को वोट दिया भी होगा. आज वो INDI गठबंधन के साथ है. यह जुमलेबाज सरकार है.
बनारस में 8 लाख से अधिक महिला वोटर: वाराणसी में कुल वोटरों की संख्या की बात करें तो 19,62,699 वोटर काशी में हैं. इनमें से 8,97,343 महिला वोटर हैं, 10,65,343 पुरुष वोटर हैं, जबकि 135 अन्य वोटर शामिल हैं. वहीं बात अगर विधानसभा के हिसाब से करें तो रोहनिया में 1,86,379 वोटर, वाराणसी उत्तरी में 1,96,760 वोटर, वाराणसी दक्षिणी में 1,41,099 वोटर, कैंट में 2,09,958 वोटर, सेवापुरी में 1,63,025 वोटर महिलाएं हैं. कैंट में सर्वाधिक महिला वोटर हैं. ऐसे में इनकी भागीदारी भी काफी अच्छी खासी है. मगर वोटिंग प्रतिशत देखें तो लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट पर सबसे कम महिलाओं ने मतदान किया था. सबसे अधिक आजमगढ़ में 61.52 और चंदौली में 61.64 प्रतिशत मतदान महिलाओं ने किया था.
भाजपा के पास इन मुद्दों का है खजाना: राजनीतिक विश्लेषक रवि प्रकाश पांडेय कहते हैं कि, वाराणसी की महिलाओं की बात करें तो उनके पास चुनावी मुद्दे ले जाने के लिए भारतीय जनता पार्टी से पास बहुत से हैं. इनमें से कुछ मुद्दे ऐसे हैं, जिन्होंने साल 2019 की जीत दिलाई थी. वहीं, उज्ज्वला योजना, हर घर नल जल योजना, लखपति दीदी, जनधन योजना, फ्री राशन जैसी योजनाएं भाजपा के खाते में हैं. इन योजनाओं ने सीधे या फिर इनडायरेक्ट महिलाओं को लाभ पहुंचाने का काम किया है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में इन मुद्दों को गिनाने के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं को हक और पहचना दिलाने के मुद्दे को भी उठा सकते हैं.
यह भी पढ़े-संगम के परेड मैदान में आज तीसरी बार जनसभा करेंगे पीएम मोदी, वाराणसी में 25 हजार महिलाओं से करेंगे संवाद - Lok Sabha Election 2024