वाराणसी: जल्द ही अब काशी और चंदौली को रिंग रोड के जरिए जोड़ा जाएगा. रिंग रोड के जरिए जल्द ही इसकी सौगात भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों काशी और चंदौली के लोगों को मिलेगी. 950 करोड़ रुपए की लागत से 2019-20 में शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट को अक्टूबर में आम लोगों के लिए खोलने की तैयारी की जा रही है जबकि आधा हिस्सा फरवरी के महीने में भी खोला जाएगा यानी दो हिस्से में इस पूरे रिंग रोड प्रोजेक्ट को आम लोगों के लिए खोला जाएगा इसके बाद लोगों को चंदौली जाने के लिए वाराणसी शहर से होकर नहीं गुजरना होगा वाराणसी के संदहा हाईवे से रिंग रोड कनेक्ट होने के बाद लोगों का रास्ता भी छोटा होगा और समय की भी बचत होगी.
इस वजह से हुई देरी: रिंग रोड फेज -2 का कार्य चल रहा था, लेकिन गंगा में जल बढ़ाव और बरसात की वजह से रिंग रोड का कार्य रुक गया. हालांकि गंगा का बढ़ाव और बरसात रुकेने के बाद कार्य शुरू हो जाएगा और रिंग रोड का कार्य तेजी से चलेगा, जो फरवरी महीने तक बनकर तैयार हो जाएगा और प्रधानमंत्री के हाथों इसका शिलान्यास भी होगा. वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज ने बताया कि रिंग रोड फेज 2 और प्रोजेक्ट रिंग रोड का सेकंड पार्ट है, जो संदहा से लेकर एनएच 2 कहलाता था वहां तक कोलकाता हाईवे तक हमारा सेगमेंट बचा हुआ है. केवल वही पूरा होना बाकी है, उसमें भी मुख्य रूप से गंगा नदी के ऊपर जो ब्रिज बन रहा है चंदौली में उसी की देरी की वजह से वह रोड अब तक चालू नहीं हो पाई है. यह टारगेट जून में था, लेकिन बाढ़ के पानी का असर ऊपर उठने से की वजह से इसमें लेट हुई है इसके अलावा पुल की डिजाइन के परीक्षण दोबारा करने के साथ ही जो पुल का टेस्ट है वह भी एक साथ हो जाएगा.
कब खुलेगी हाईवे साइडः उन्होंने बताया कि अक्टूबर नवंबर में इसकी एक साइड खोलने के लिए और फरवरी के महीने तक दोनों साइड खोलने का कार्य हो जाएगा. यह प्रोजेक्ट 6 लेन का है तीन लेन एक साथ अक्टूबर में और जो तीन लेन बाकी रहेगी. वह फरवरी में खोला जाएगा और इसी के साथ ट्रैफिक शुरू हो जाए ऐसा टारगेट रखा गया है.
दो पार्ट में रोड खुलेगी: उनका कहना है कि इसमें रोड की कनेक्टिविटी पुल की दोनों साइड से है. वह लगभग पूरा हो चुका है. कमिश्नर काउंसिल राज शर्मा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को दो पार्ट में खोलने हैं के लिए प्रयास किया जा रहा है इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि प्रधानमंत्री ने इसका शिलान्यास भी किया गया था बीच में कंपनी चेंज करने की वजह से बाद में पुल के पिलर की डिजाइन चेंज करने की वजह से इसमें 2 साल अतिरिक्त लगे हैं, नहीं तो यह कार्य बहुत पहले पूरा हो जाना चाहिए था. अब लगभग समय आ गया है कि जल्द ही इसको पूरा कराया जाएगा. अक्टूबर में इसको चालू करके फरवरी में इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा.
किन-किन शहरों और राज्य के लोगों को मिलेगी राहतः चंदौली से वाराणसी को जोड़ने वाली रिंग रोड फेज टू का कार्य पूरा होने से चंदौली के विकास को गति मिलेगी. चंदौली के अलावा भदोही, जौनपुर, गाजीपुर सहित अन्य जिलों व बिहार के लोगों को सहूलियत होगी. वाराणसी के संदहा से चंदौली के रेवसा तक इस रिंगरोड की लंबाई 27 किलोमीटर है. सड़क निर्माण का कार्य लगभग 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है. 956 करोड़ से यह परियोजना पूरी हो रही है.
बनारस से बिहार की दूरी कितनी: अभी वाराणसी से बिहार बार्डर तक की दूरी करीब 220 किलोमीटर है. सड़क के रास्ते यह दूरी तय करने में अभी 5 घंटे लगते हैं. यह रोड तैयार होते ही यह समय घटकर 3 घंटे के आसपास आ जाएगा. इससे लोगों का काफी समय बचेगा और दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी.
बनारस-बिहार में ट्रैफिक लोड घटेगा: वर्ष 2019-20 में शुरू हुए उक्त परियोजना को 2022 तक पूरा करना था, लेकिन समय विस्तार कर इसकी अवधि 2024 फरवरी तक निर्धारित की गई थी. परियोजना के पूर्ण होते ही वाराणसी से चंदौली आवागमन में सहूलियत होगी और ट्रैफिक का दबाव भी कम हो जाएगा. चंदौली के लोगों को बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचने में समय की बचत होगी तो वहीं आजमगढ़ गाजीपुर के लोगों को बिहार जाने के लिए भी शहर में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. बिहार जाने के लिए शहर को पार करके कोलकाता टू दिल्ली हाईवे पकड़ना पड़ता था. अब दूरी भी कम हो जाएगी तो वहीं ट्रैफिक से भी निजात मिलेगी.