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शृंगार गौरी के नियमित दर्शन समेत 7 मुकदमों की सुनवाई 21 दिसबंर को होगी - SHRINGAR GAURI GYANVAPI CASE

Shringar Gauri Gyanvapi Case : शृंगार गौरी में पूजन और विग्रहों की सुरक्षा के लिए 5 महिलाओं ने दायर की है याचिका.

शृंगार गौरी-ज्ञानवापी केस में सुनवाई.
शृंगार गौरी-ज्ञानवापी केस में सुनवाई. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 7, 2024, 11:38 AM IST

Updated : Dec 7, 2024, 9:03 PM IST

वाराणसी : ज्ञानवापी मामले से अलग शृंगार गौरी के नियमित दर्शन को लेकर चल रहे केस में शनिवार को जिला जज संजीव पांडेय की अदालत में सुनवाई हुई. जिसमें मुख्य मुकदमे के साथ सभी मुकदमों को क्लब करने को लेकर सुनवाई शुरू हुई, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के कारण, इस पर कोर्ट ने अगली तारीख 21 दिसंबर को सुनवाई के लिए तय की है. इस मामले से जुड़े वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी मामले के सभी मुकदमों को क्लब करने का मामला सुप्रीम कोर्ट में 17 दिसंबर को सुनवाई के लिए तय है. इसी को देखते हुए ज्ञानवापी प्रकरण की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को जिला जज की कोर्ट में होगी.
दरअसल जिला जज कोर्ट में 5 वादिनी महिलाओं की तरफ से याचिका दायर की गई है. दोनों पक्षों के वकील नियमित दर्शन समेत अन्य सात मर्ज मुकदमों की पैरवी करते हुए वे अपनी बात रखेंगे.शृंगार गौरी में नियमित दर्शन करने को लेकर राखी सिंह, सीता साहू, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास और रेखा पाठक की तरफ से याचिका दायर की गई थी. इस मामले में पहले एडवोकेट कमीशन की कार्रवाई पूरी की गई और उसके बाद आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की टीम ने सर्वे भी किया था. इसकी रिपोर्ट पेश की गई है. रिपोर्ट पेश होने के बाद अब तक इस मामले में कायदे से सुनवाई नहीं हो सकी है.
बता दें कि मुख्य वाद में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग के पूजा-पाठ, राज भोग और व्यास जी के तहखाना की मरम्मत को लेकर मर्ज किए गए मुकदमों की सुनवाई आगे बढ़ाई जा रही है. इस मामले में हिंदू पक्ष की तरफ से लगातार व्यास जी के तहखाने को जर्जर बताते हुए इसके मरम्मत की मांग भी की गई है. राखी सिंह की तरफ से दायर की गई याचिका में व्यास जी के तहखाने की जर्जर छत और वहां के खभों की मरम्मत की मांग की गई है.

अगस्त 2021 में दाखिल की गई थी याचिका : शृंगार गौरी में पूजन और विग्रहों की सुरक्षा के लिए राखी सिंह, सीता साहू, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से अगस्त 2021 में याचिका डाली गई थी. सिविल जज सीनियर डिविजन ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया था. सर्वे कराने का आदेश भी दिया था. सर्वे के बाद हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया कि वहां शिवलिंग मिला था. जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे खारिज कर दिया था. उनका कहना था कि वह एक एक फव्वारा है. इसके बाद हिंदू पक्ष ने विवादित स्थल को सील करने की मांग की थी. सेशन कोर्ट ने इसके आदेश भी दे दिए थे. इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट चला गया था.

इस मामले में काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने भी कोर्ट से अनुरोध किया है कि इसकी मरम्मत कराई जाए क्योंकि यहां पर पूजा-पाठ करने वाले पुजारी पर खतरा हो सकता है. इसके अलावा याचिका में अन्य तहखानों के सर्वे की भी मांग की गई है. इसके अतिरिक्त जो स्थान छूटे हैं, वहां का भी सर्वे पूरा हो इसकी डिमांड की गई है. राखी सिंह के वकील सौरभ तिवारी ने कोर्ट में ज्ञानवापी परिसर में बंद तहखानों के सर्वे को जरूरी बताया है.

इन सात मुकदमों की हो रही सुनवाई

1-वाद नंबर 839/2021, न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन), वाराणसी, वादी लार्ड श्री आदि विशेश्वर, शीतला मंदिर महंत श्री शिवप्रसाद पाण्डेय आदि.

2-वाद नंबर 840/2021, न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन), वाराणसी, वादी श्री नंदी महाराज व श्री सितेन्द चौधरी आदि.

3-वाद नंबर 350/2021, न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन), वाराणसी, वादी मां शृंगार गौरी, रंजना अग्निहोत्री आदि.

4- वाद नंबर 245/2021 न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन), वाराणसी, वादी सत्यम त्रिपाठी आदि.

5-वाद नंबर 358/2021, न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन), वाराणसी, वादी मां गंगा व सुरेश चौव्हाण आदि.

6-वाद नंबर 761/2021, न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन), वाराणसी वादिनी साध्वी पूर्णम्बा व देवी शरदम्बा.

7- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का मुकदमा सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी कोर्ट में है. जिसमें कथित ज्ञानवापी मस्जिद में कमीशन के सर्वेक्षण के दौरान शिवलिंग प्रकट हुआ था. इसमें निरंतर पूजा का अधिकार मांगा गया.

यह भी पढ़ें : श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी केस में फैसला, जानें कब क्या हुआ

यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी केस में कोर्ट का फैसला, जारी रहेगी श्रृंगार गौरी पूजा मामले की सुनवाई

वाराणसी : ज्ञानवापी मामले से अलग शृंगार गौरी के नियमित दर्शन को लेकर चल रहे केस में शनिवार को जिला जज संजीव पांडेय की अदालत में सुनवाई हुई. जिसमें मुख्य मुकदमे के साथ सभी मुकदमों को क्लब करने को लेकर सुनवाई शुरू हुई, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के कारण, इस पर कोर्ट ने अगली तारीख 21 दिसंबर को सुनवाई के लिए तय की है. इस मामले से जुड़े वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी मामले के सभी मुकदमों को क्लब करने का मामला सुप्रीम कोर्ट में 17 दिसंबर को सुनवाई के लिए तय है. इसी को देखते हुए ज्ञानवापी प्रकरण की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को जिला जज की कोर्ट में होगी.
दरअसल जिला जज कोर्ट में 5 वादिनी महिलाओं की तरफ से याचिका दायर की गई है. दोनों पक्षों के वकील नियमित दर्शन समेत अन्य सात मर्ज मुकदमों की पैरवी करते हुए वे अपनी बात रखेंगे.शृंगार गौरी में नियमित दर्शन करने को लेकर राखी सिंह, सीता साहू, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास और रेखा पाठक की तरफ से याचिका दायर की गई थी. इस मामले में पहले एडवोकेट कमीशन की कार्रवाई पूरी की गई और उसके बाद आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की टीम ने सर्वे भी किया था. इसकी रिपोर्ट पेश की गई है. रिपोर्ट पेश होने के बाद अब तक इस मामले में कायदे से सुनवाई नहीं हो सकी है.
बता दें कि मुख्य वाद में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग के पूजा-पाठ, राज भोग और व्यास जी के तहखाना की मरम्मत को लेकर मर्ज किए गए मुकदमों की सुनवाई आगे बढ़ाई जा रही है. इस मामले में हिंदू पक्ष की तरफ से लगातार व्यास जी के तहखाने को जर्जर बताते हुए इसके मरम्मत की मांग भी की गई है. राखी सिंह की तरफ से दायर की गई याचिका में व्यास जी के तहखाने की जर्जर छत और वहां के खभों की मरम्मत की मांग की गई है.

अगस्त 2021 में दाखिल की गई थी याचिका : शृंगार गौरी में पूजन और विग्रहों की सुरक्षा के लिए राखी सिंह, सीता साहू, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से अगस्त 2021 में याचिका डाली गई थी. सिविल जज सीनियर डिविजन ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया था. सर्वे कराने का आदेश भी दिया था. सर्वे के बाद हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया कि वहां शिवलिंग मिला था. जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे खारिज कर दिया था. उनका कहना था कि वह एक एक फव्वारा है. इसके बाद हिंदू पक्ष ने विवादित स्थल को सील करने की मांग की थी. सेशन कोर्ट ने इसके आदेश भी दे दिए थे. इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट चला गया था.

इस मामले में काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने भी कोर्ट से अनुरोध किया है कि इसकी मरम्मत कराई जाए क्योंकि यहां पर पूजा-पाठ करने वाले पुजारी पर खतरा हो सकता है. इसके अलावा याचिका में अन्य तहखानों के सर्वे की भी मांग की गई है. इसके अतिरिक्त जो स्थान छूटे हैं, वहां का भी सर्वे पूरा हो इसकी डिमांड की गई है. राखी सिंह के वकील सौरभ तिवारी ने कोर्ट में ज्ञानवापी परिसर में बंद तहखानों के सर्वे को जरूरी बताया है.

इन सात मुकदमों की हो रही सुनवाई

1-वाद नंबर 839/2021, न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन), वाराणसी, वादी लार्ड श्री आदि विशेश्वर, शीतला मंदिर महंत श्री शिवप्रसाद पाण्डेय आदि.

2-वाद नंबर 840/2021, न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन), वाराणसी, वादी श्री नंदी महाराज व श्री सितेन्द चौधरी आदि.

3-वाद नंबर 350/2021, न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन), वाराणसी, वादी मां शृंगार गौरी, रंजना अग्निहोत्री आदि.

4- वाद नंबर 245/2021 न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन), वाराणसी, वादी सत्यम त्रिपाठी आदि.

5-वाद नंबर 358/2021, न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन), वाराणसी, वादी मां गंगा व सुरेश चौव्हाण आदि.

6-वाद नंबर 761/2021, न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन), वाराणसी वादिनी साध्वी पूर्णम्बा व देवी शरदम्बा.

7- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का मुकदमा सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी कोर्ट में है. जिसमें कथित ज्ञानवापी मस्जिद में कमीशन के सर्वेक्षण के दौरान शिवलिंग प्रकट हुआ था. इसमें निरंतर पूजा का अधिकार मांगा गया.

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Last Updated : Dec 7, 2024, 9:03 PM IST
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