वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में बयान को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी के खिलाफ दी गई एप्लीकेशन को लेकर कोर्ट में सुनवाई आज नहीं हो सकी. किसी सीनियर वकील के निधन की वजह से कंडोलेंस होने के कारण सुनवाई नहीं हो पाई.
अब 27 मई की अगली तिथि निर्धारित की गई है. ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में चार वादी महिलाओं के मुख्य मुकदमे जिसमें नियमित दर्शन की मांग की गई है उस पर भी सुनवाई आगे नहीं बढ़ी. इस मामले में अब 18 मई को अगली सुनवाई होगी.
ज्ञानवापी मामले में पिछले दिनों अलग-अलग न्यायालय में चल रहे सात मुकदमों को एक साथ मर्ज करके जिला जज न्यायालय में शुरू की गई. सुनवाई के संदर्भ में आज समेकित सभी मुकदमों पर जिला जज सुनवाई करेंगे. 21 अप्रैल को नए जिला जज के तौर पर वाराणसी में संजीव पांडेय ने कार्यभार संभाला था. उक्त सुनवाई की तिथि पर उन्होंने पूरे मामलों की जानकारी लेने के बाद इस पर सुनवाई के लिए 3 मई की तिथि निर्धारित की थी.
मुख्य मुकदमा जिसमें, श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन से लेकर अन्य कई अलग-अलग मामले जो इसी से जुड़े हैं. उस पर आज सुनवाई होनी थी. इसके अलावा वाराणसी के अन्य कोर्ट में अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से ज्ञानवापी को लेकर दिए गए बयान पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग पर भी सुनवाई होनी थी. इसके अलावा दो अन्य मुकदमों की सुनवाई भी आज कोर्ट में सुनवाई होनी थी.
वाराणसी के जिला जज संजीव पांडेय ने 31 जनवरी को अजय कृष्ण विश्वेश के कार्यकाल के खत्म होने के बाद पिछले महीने अप्रैल में कार्यभार संभाला था. कार्यभार संभालने के एक दिन बाद ही ज्ञानवापी प्रकरण पर 21 अप्रैल को सुनवाई करते हुए उन्होंने इस मुकदमे की पूरी जानकारी लेने के बाद 3 मई को अगली सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की थी.
जिसमें, लक्ष्मी देवी समेत अन्य चार वादी महिलाओं और राखी सिंह के मुख्य मुकदमे जिसमें श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन की मांग की गई है. इसके अलावा श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मामले से जुड़े हुए अन्य छोटे-छोटे मुकदमों को समेकित करते हुए सभी पर एक साथ सुनवाई की जा रही है. जिस पर आज जिला जज सुनवाई को आगे बढ़ाएंगे.
इसके अलावा राम प्रसाद सिंह की तरफ से व्यास जी के तहखाना की मरम्मत की मांग को लेकर भी कोर्ट सुनवाई करेगा. इस मामले में राखी सिंह की तरफ से भी मुस्लिम समुदाय का प्रवेश छत पर रोकने और तहखाना की जर्जर दीवारों और छत की मरम्मत की मांग भी की गई है. जिसमें, विश्वनाथ मंदिर प्रशासन भी वादी है. इस मामले में भी सुनवाई होनी थी.
इसके अलावा एक अन्य कोर्ट में सीनियर एडवोकेट हरिशंकर पांडेय की तरफ से अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई थी, जो प्रार्थना पत्र खारिज हो गया था. जिस पर फिर से विचार करके मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है. इस पर सुनवाई जारी है.
इस प्रकरण में भी आज कोर्ट सुनवाई होनी थी. इस मामले में अखिलेश यादव और रासबुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग को फव्वारा कहा था, जिस पर धार्मिक भावनाएं आहत करने को लेकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है.