वाराणसी: समय के साथ सड़कों पर वाहनों का बढ़ रहा लोड और लोगों की बदल रही लाइफस्टाइल की वजह से अब पैदल चलने से दूर हो रहे हैं. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि सड़कों पर पैदल चलने की जगह बची ही नहीं है. ना कोई फुटपाथ है, ना कोई वाकिंग ट्रैक, जिसकी वजह से लोगों को पैदल चलने में दिक्कत होती है और लोग पैदल चलने से बचते भी हैं.
लेकिन, अब वाराणसी विकास प्राधिकरण शहर के कुछ इलाकों में वाकिंग ट्रैक बनाकर लोगों की इस खत्म हो रही आदत को एक बार फिर से डेवलप करने की कोशिश करेगा. सबसे बड़ी बात यह है कि शहर के उन इलाकों को भी चिह्नित किया गया है, जहां पर लोगों का पैदल ज्यादा आना-जाना होता है.
इस बारे में वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने बताया कि वाराणसी विकास प्राधिकरण शहर में कुछ नए काम करवाने जा रहा है. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है वाकिंग ट्रैक का काम.
लोग अब छोटे-छोटे कामों के लिए अपनी गाड़ियों पर पूरी तरह से निर्भर हो गए हैं, लोग पैदल चलने से बचते हैं. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि सड़क पर पैदल चलने के लिए कोई जगह है ही नहीं. इसके लिए एक सर्वे करवाया गया था जिसमें यह बातें सामने आई हैं कि शहर के कुछ ऐसे हिस्से हैं जहां पर लोग पैदल ज्यादा चलते हैं, लेकिन इन दोनों पर पैदल चलने की जगह न होने की वजह से लोग परेशान होते हैं.
ऐसे में वाराणसी विकास प्राधिकरण शहर में लगभग शुरुआत में अलग-अलग हिस्सों में 2- 2 किलोमीटर की वाकिंग ट्रैक बनवाने जा रहा है. इसकी शुरुआत वाराणसी के सेंट्रल जेल रोड से होगी. उन्होंने बताया कि सेंट्रल जेल रोड एक बेहतर हाउसिंग सोसायटी के रूप में डेवलप हो रहा है. यहां पर कई बड़ी हाउसिंग सोसाइटीज आ चुकी हैं और कई आने वाली है.
इस वजह से एक अच्छी लोकैलिटी के रूप में इसे चिह्नित करते हुए यहां पर वाकिंग ट्रैक बनाया जाएगा, ताकि लोगों को पैदल चलने की जगह मिल सके. इसके अलावा रामनगर में किले से लेकर चौक एरिया तक का एक वाकिंग ट्रैक तैयार होगा.
अस्सी घाट से लेकर रविदास पार्क तक एक नया वाकिंग ट्रैक बनाया जाएगा. इसके अतिरिक्त पांडेपुर पर नए मेडिकल कॉलेज को लेकर जो जगह प्रस्तावित है. वहां पर भी वाकिंग ट्रैक बनाने का काम किया जाएगा, क्योंकि यहां पर मेडिकल कॉलेज बनने के बाद भीड़ भी बढ़ेगी और लोगों के अंदर पैदल चलने की आदत डेवलप करने के लिए यह काम किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि जितने भी वाकिंग ट्रैक बनेंगे उनको मेडिकेटेड पौधों से कवर किया जाएगा, ताकि पैदल चलते समय लोगों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा सके. यह नए वाकिंग ट्रैक ट्रेल के तौर पर शुरू किए जाएंगे, लोगों के रेस्पांस के हिसाब से शहर के और हिस्सों में भी इस पर काम किया जाएगा.
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