लखनऊ: देश की पहली हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत उत्तर प्रदेश के विभिन्न मंडलों से कई राज्यों के बीच संचालित हो रही हैं. ये ट्रेनें यात्रियों को खूब पसंद आ रही हैं. लखनऊ से देहरादून, गोरखपुर से अयोध्या होते हुए प्रयागराज, अयोध्या से आनंद विहार और बनारस से दिल्ली के बीच वंदे भारत ट्रेन का जाल बिछ गया है और लगातार वंदे भारत ट्रेनों की संख्या में इजाफा हो रहा है. यात्री इस ट्रेन से यात्रा करने के बाद खूब तारीफ भी कर रहे हैं. अब वंदे भारत ट्रेनों की तरह ही वंदे भारत मेट्रो ट्रेन चलाने का भी रेलवे प्लान कर रहा है. कम दूरी के लिए विभिन्न शहरों के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन का संचालन कराए जाने पर मंथन हो रहा है. मेट्रो ट्रेनें चलेंगी तो यात्रियों की यात्रा कम समय में पूरी होगी, साथ ही उन्हें लग्जरी ट्रेन की सुविधा भी मिलेगी. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चलाने की योजना पर भी मंथन तेज हो गया है.
इन शहरों के बीच चलेगी वंदे मेट्रो ट्रेन
रेलवे के सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में लखनऊ-अयोध्या, लखनऊ-कानपुर, अलीगढ़-आगरा, अलीगढ़-ग्रेटर नोएडा, प्रयागराज-वाराणसी, अयोध्या-गोरखपुर, आगरा-इटावा, मुरादाबाद-बरेली, हापुड़-मुरादाबाद रूट पर वंदे मेट्रो को दौड़ाने की योजना है. हालांकि अभी रेलवे के अधिकारी खुलकर कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं, लेकिन उनका यह जरूर कहना है कि वंदे भारत मेट्रो ट्रेन का संचालन होगा. इससे निश्चित तौर पर यात्रियों को सफर में काफी सहूलियत मिलेगी. वंदे मेट्रो ट्रेन तेजी से दौड़ेगी तो यात्रियों को यात्रा में बहुत कम समय लगेगा. इससे उनके समय की भी बचत होगी.
वंदे भारत स्लीपर की भी जल्द हो सकती है लॉन्चिंग
वंदे भारत ट्रेन के अलावा अमृत भारत ट्रेन की लॉन्चिंग हो चुकी है और अब तैयारी है वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की. जल्द ही भारतीय रेलवे वंदे भारत स्लीपर की भी लॉन्चिंग करने की तैयारी कर रहा है. वंदे भारत स्लीपर का संचालन लखनऊ के ऐशबाग रेलवे स्टेशन से होते हुए गोरखपुर से आगरा तक का प्रस्ताव दिया जा चुका है. इस ट्रेन को दिल्ली तक भी चलाया जा सकता है. स्लीपर वंदे भारत का नंबर 22583 अप और 22584 डाउन हो सकता है. यह ट्रेन गोरखपुर से शुरू होकर बाराबंकी के रास्ते ऐशबाग, कानपुर सेंट्रल होते हुए आगरा फोर्ट तक चलाने का प्लान है. इसके अलावा अयोध्या और मुंबई के लिए भी वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का संचालन कराने की योजना है. स्लीपर वंदे भारत में 15 कोच लगाए जाएंगे. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन शुरू करने के पीछे रेलवे का तर्क है कि लंबे रूट पर यात्रियों का सफर आसान हो जाएगा. वह सोते हुए आराम से सफर पूरा कर सकेंगे.
अभी 3 वंदे भारत एक्सप्रेस का हो रहा संचालन
वर्तमान में लखनऊ से होकर और कनेक्ट करती हुई तीन वंदे भारत एक्सप्रेस संचालित हो रहीं हैं. गोरखपुर से प्रयागराज 22549/22550 वंदे भारत, अयोध्या से दिल्ली तक 22425/22426 वंदे भारत और लखनऊ से देहरादून 22545/22546 वंदे भारत का संचालन हो रहा है. इन ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी वर्तमान में 100 फीसदी से ऊपर चल रही है. रेलवे प्रशासन लखनऊ से दो और वंदे भारत चलाने पर मंथन कर रहा है. सूत्रों का दावा है कि लगभग अनुमति मिल चुकी है. लखनऊ दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस को बरेली के रास्ते संचालित किया जा सकता है तो लखनऊ से टनकपुर की वंदे भारत को पीलीभीत के रूट पर चलाने की योजना है. लखनऊ से टनकपुर की वंदे भारत एक्सप्रेस का ट्रॉयल जुलाई में ही किए जाने की संभावना है.
यूपी के इन जिलों के बीच वंदे भारत मेट्रो ट्रेन चलाने का प्लान, वंदे भारत स्लीपर चलाने पर भी मंथन तेज - Vande Bharat Train - VANDE BHARAT TRAIN
उत्तर प्रदेश में कम दूरियों के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस की तरह वंद भारत मेट्रो ट्रेन चलाने की योजना रेलवे बना रहा है. आइए जानते हैं किन-किन शहरों के बीच यह ट्रेन चलाने की योजना है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jun 14, 2024, 10:29 PM IST
लखनऊ: देश की पहली हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत उत्तर प्रदेश के विभिन्न मंडलों से कई राज्यों के बीच संचालित हो रही हैं. ये ट्रेनें यात्रियों को खूब पसंद आ रही हैं. लखनऊ से देहरादून, गोरखपुर से अयोध्या होते हुए प्रयागराज, अयोध्या से आनंद विहार और बनारस से दिल्ली के बीच वंदे भारत ट्रेन का जाल बिछ गया है और लगातार वंदे भारत ट्रेनों की संख्या में इजाफा हो रहा है. यात्री इस ट्रेन से यात्रा करने के बाद खूब तारीफ भी कर रहे हैं. अब वंदे भारत ट्रेनों की तरह ही वंदे भारत मेट्रो ट्रेन चलाने का भी रेलवे प्लान कर रहा है. कम दूरी के लिए विभिन्न शहरों के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन का संचालन कराए जाने पर मंथन हो रहा है. मेट्रो ट्रेनें चलेंगी तो यात्रियों की यात्रा कम समय में पूरी होगी, साथ ही उन्हें लग्जरी ट्रेन की सुविधा भी मिलेगी. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चलाने की योजना पर भी मंथन तेज हो गया है.
इन शहरों के बीच चलेगी वंदे मेट्रो ट्रेन
रेलवे के सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में लखनऊ-अयोध्या, लखनऊ-कानपुर, अलीगढ़-आगरा, अलीगढ़-ग्रेटर नोएडा, प्रयागराज-वाराणसी, अयोध्या-गोरखपुर, आगरा-इटावा, मुरादाबाद-बरेली, हापुड़-मुरादाबाद रूट पर वंदे मेट्रो को दौड़ाने की योजना है. हालांकि अभी रेलवे के अधिकारी खुलकर कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं, लेकिन उनका यह जरूर कहना है कि वंदे भारत मेट्रो ट्रेन का संचालन होगा. इससे निश्चित तौर पर यात्रियों को सफर में काफी सहूलियत मिलेगी. वंदे मेट्रो ट्रेन तेजी से दौड़ेगी तो यात्रियों को यात्रा में बहुत कम समय लगेगा. इससे उनके समय की भी बचत होगी.
वंदे भारत स्लीपर की भी जल्द हो सकती है लॉन्चिंग
वंदे भारत ट्रेन के अलावा अमृत भारत ट्रेन की लॉन्चिंग हो चुकी है और अब तैयारी है वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की. जल्द ही भारतीय रेलवे वंदे भारत स्लीपर की भी लॉन्चिंग करने की तैयारी कर रहा है. वंदे भारत स्लीपर का संचालन लखनऊ के ऐशबाग रेलवे स्टेशन से होते हुए गोरखपुर से आगरा तक का प्रस्ताव दिया जा चुका है. इस ट्रेन को दिल्ली तक भी चलाया जा सकता है. स्लीपर वंदे भारत का नंबर 22583 अप और 22584 डाउन हो सकता है. यह ट्रेन गोरखपुर से शुरू होकर बाराबंकी के रास्ते ऐशबाग, कानपुर सेंट्रल होते हुए आगरा फोर्ट तक चलाने का प्लान है. इसके अलावा अयोध्या और मुंबई के लिए भी वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का संचालन कराने की योजना है. स्लीपर वंदे भारत में 15 कोच लगाए जाएंगे. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन शुरू करने के पीछे रेलवे का तर्क है कि लंबे रूट पर यात्रियों का सफर आसान हो जाएगा. वह सोते हुए आराम से सफर पूरा कर सकेंगे.
अभी 3 वंदे भारत एक्सप्रेस का हो रहा संचालन
वर्तमान में लखनऊ से होकर और कनेक्ट करती हुई तीन वंदे भारत एक्सप्रेस संचालित हो रहीं हैं. गोरखपुर से प्रयागराज 22549/22550 वंदे भारत, अयोध्या से दिल्ली तक 22425/22426 वंदे भारत और लखनऊ से देहरादून 22545/22546 वंदे भारत का संचालन हो रहा है. इन ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी वर्तमान में 100 फीसदी से ऊपर चल रही है. रेलवे प्रशासन लखनऊ से दो और वंदे भारत चलाने पर मंथन कर रहा है. सूत्रों का दावा है कि लगभग अनुमति मिल चुकी है. लखनऊ दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस को बरेली के रास्ते संचालित किया जा सकता है तो लखनऊ से टनकपुर की वंदे भारत को पीलीभीत के रूट पर चलाने की योजना है. लखनऊ से टनकपुर की वंदे भारत एक्सप्रेस का ट्रॉयल जुलाई में ही किए जाने की संभावना है.