बेतियाः कांग्रेस के बागी नेता प्रवेश मिश्रा ने वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर चुनावी रोमांच बढ़ा दिया है. नामांकन दाखिल करने के बाद प्रवेश मिश्रा ने कहा कि वो क्षेत्र के विकास के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं और जनता जनार्दन का आशीर्वाद उनके साथ है.
'आरजेडी ने की कांग्रेस की हकमारीः' प्रवेश मिश्रा ने कहा कि "वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है, लेकिन सीट बंटवारे में कांग्रेस की हकमारी हुई है. जिसके कारण मैं निर्दलीय चुनाव लड़ रहा हूं. मैंने पार्टी नहीं बदली है और अभी भी कांग्रेस में ही हूं. मैं अपनी जनता और जन्मधरती के लिए किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार हूं."
'खास वर्ग-खास व्यक्ति के लिए छिना गया हक': प्रवेश मिश्रा ने कहा कि पिछले चुनाव में इस सीट से कांग्रेस 3 लाख 81 हजार वोट लाने में सफल हुई थी, उसके बावजूद कुछ खास वर्ग, खास व्यक्ति के लिए जानबूझकर मतदाताओं की हकमारी की गयी. ऐसी व्यवस्था की गयी कि जनता विकास के लिए तरसती रहे और सिर्फ जात-पात और दूसरे चक्कर में फंसी रहे.
'बेटे को किससे लड़ना है ?': प्रवेश मिश्रा ने कहा कि "मैं यहां का बेटा हूं और बेटे को किससे लड़ना है ? अपने घर के लोगों के पास तो जा ही रहा हूं. बाहरी लोग चरा अपना घर देखें जो वाल्मीकिनगर की धरती को चरागाह बनाना चाह रहे हैं. लेकिन वाल्मीकिनगर की धरती चरागाह नहीं बनेगा और जनता ऐसे लोगों को सबक सिखाएगी."
2020 के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी थे प्रवेश मिश्रा: बता दें कि 2020 में वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर प्रवेश मिश्रा ने NDA प्रत्याशी सुनील कुमार कुशवाहा को कड़ी टक्कर दी थी, हालांकि वो 22 हजार वोट से चुनाव हार गये थे. प्रवेश मिश्रा को उम्मीद थी कि इस बार भी उन्हें वाल्मीकिनगर से कांग्रेस का टिकट मिलेगा, लेकिन सीट बंटवारे में ये सीट आरजेडी के हिस्से में चली आई.
वाल्मीकिनगर में हो सकता है त्रिकोणीय मुकाबलाः 2020 के उपचुनाव में 3 लाख 81 हजार वोट लाकर अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज करानेवाले प्रवेश मिश्रा के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरने के बाद वाल्मीकिनगर में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. इस सीट से NDA की ओर से मौजूदा सांसद सुनील कुमार कुशवाहा मैदान में हैं तो महागठबंधन ने दीपक यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है.