जयपुरः बीते चार दिन से चल रही सफाईकर्मियों की हड़ताल से शहर में कचरा ही फैला नजर आ रहा है. सफाईकर्मी भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र पर निगम के अधिकारियों के साइन नहीं करने से खफा वाल्मिकी समाज ने झाड़ू छोड़ रखी है. वहीं, अगले महीने 9 से 11 दिसंबर तक होने वाले राइजिंग राजस्थान इनवेस्टर समिट में जुटने वाले सैकड़ों मेहमानों की अगवानी के लिए शहर का रूप निखारा जा रहा है, लेकिन सफाईकर्मियों की हड़ताल से अब तक की गई तैयारियों पर पानी फिरता दिख रहा है. ऐसे में अब मंत्री और विधायक स्तर पर बातचीत कर इस हड़ताल को खत्म कराने के प्रयास भी किए जा रहे हैं.
देश-दुनिया में जयपुर का नाम खूबसूरत शहरों में आता है. पर्यटक यहां की कला, संस्कृति और मेहमानवाजी से जुड़ी यादों को सहेज कर ले जाते हैं. अभी अगले महीने 9 से 11 दिसंबर तक होने वाले राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टर समिट में जुटने वाले मेहमानों के लिए पिंकसिटी को सजाया जा रहा है. इस बीच वाल्मिकी समाज के सफाईकर्मियों की हड़ताल ने तैयारियों में खलल डाल दी है. चार दिन से सफाईकर्मियों ने झाड़ू डाउन करते हुए, डोर टू डोर कचरा संग्रहण के हूपरों को भी रोक दिया है.
अनुभव प्रमाण पत्र पर साइन नहींः हालांकि, इस बार हड़ताल का व्यापक असर देखने को नहीं मिल रहा, लेकिन सफाईकर्मियों की हड़ताल के कारण कुछ जगह शहर की सड़कों पर कचरा नजर आने लगा हैं. ऐसे में हड़ताल लंबी चलती है तो हालात बिगड़ सकते हैं. संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के निवर्तमान अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने कहना है कि आवेदन की अंतिम तिथि खत्म हो चुकी हैं, लेकिन संसोधन के लिए 5 दिसंबर तक का समय है. अनुभव प्रमाण पत्रों में शिथिलिता को लेकर मांग की जा रही है. सीएसआई और ठेकेदार की ओर से वेरिफाई करने के बाद भी निगम के अधिकारी अनुभव प्रमाण-पत्र पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं.
कमिश्नर बोले- निकाला जा रहा समाधानः उधर, हेरिटेज निगम के कमिश्नर अरुण हसीजा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान और स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर शहर की सौंदर्यीकरण का प्रयास किया जा रहा है. सफाई कर्मचारियों को समस्या ये है कि नियमों के तहत बीट्स पर काम कर चुके कर्मचारियों से ईएसआई-पीएफ के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं. दस्तावेजों के अभाव में उनके अनुभव प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं, इसका समाधान निकाला जा रहा है, बातचीत की जा रही है. उन्होंने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा. कांट्रेक्चुअल लेबर और मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों से सफाई कराई जा रही है. कचरा संग्रहण करने के लिए प्राइवेट वेंडर है, उनका काम भी जारी है.
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उन्होंने कहा कि निगम के कर्मचारियों का भर्ती से कोई लेना-देना नहीं है. कर्मचारियों की यूनियन कर्मचारी के हितों की रक्षा करने के लिए होती है. इसमें कर्मचारियों का कोई हित जुड़ा नहीं है. यह तो एक सीधी भर्ती है, जो आवेदन करेंगे उसके हिसाब से उनका चयन संवैधानिक प्रक्रिया के तहत विभाग की मशीनरी करेगी. जिस तरह निगम के कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर रहे हैं, उस हिसाब से जो भी कानून है वो अपना काम करेगा.
उधर, गैर वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल का बहिष्कार किया है और वो काम पर रहे हैं. कर्मचारी नेता राकेश मीणा ने बताया कि ग्रेटर निगम और हेरिटेज निगम के गैर वाल्मीकि कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हुए हैं.