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जयपुर का वैष्णो देवी मंदिर: 45 मिनट का सफर, अब 5 मिनट में, रोप वे से मिली सुविधा, श्रद्धालु भी बढ़े - Vaishno Devi Temple of Jaipur

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 12, 2024, 12:12 PM IST

जयपुर के खोले के हनुमान मंदिर परिसर में पहाड़ की चोटी पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर में पिछले नौ माह से रोप वे का संचालन हो रहा है. इसके बाद से मंदिर का रास्ता भी सुगम हो गया.पहले जहां मंदिर तक जाने में 45 मिनट लगते थे, अब पांच मिनट में रोप वे से रास्ता पूरा हो जाता है.

VAISHNO DEVI TEMPLE OF JAIPUR
जयपुर का वैष्णो देवी मंदिर: 45 मिनट का सफर, अब 5 मिनट में (photo etv bharat jaipur)
जयपुर का वैष्णो देवी मंदिर: 45 मिनट का सफर, अब 5 मिनट में. (etv bharat jaipur)

जयपुर. शहर के प्रसिद्ध प्राचीन खोले के हनुमान जी मंदिर परिसर में जयपुर के पहले रोपवे की शुरुआत होने से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है. यहां पहाड़ी की चोटी पर प्राचीन वैष्णो देवी माता का मंदिर भी है. रोपवे बनने से श्रद्धालुओं के लिए यहां पहुंचना आसान हो गया. पहले सीढ़ियां चढ़कर जाने में 45 मिनट का समय लगता था, लेकिन अब रोपवे की के जरिए श्रद्धालु और पर्यटक सिर्फ 5 मिनट में वैष्णो माता के दरबार में पहुंच रहे हैं. रोपवे की सुविधा मिलने से माता के दरबार में श्रद्धालुओं की आवक बढ़ने लगी है. मान्यता है कि जो लोग जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी के दर्शन करने नहीं पहुंच पाते, वे इस प्राचीन वैष्णो देवी के मंदिर में धोक लगाने के लिए पहुंचते हैं. अभी गुप्त नवरात्रों में दिनभर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.

खोले के हनुमान मंदिर परिसर में पहाड़ी पर स्थित प्राचीन वैष्णो देवी माता मंदिर में जाने के लिए गत वर्ष सितंबर में राज्यपाल कलराज मिश्र ने रोपवे का शुभारंभ किया था. रोपवे की सुविधा शुरू होने के बाद वैष्णो देवी माता के मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं. पहले पहाड़ी पर सीढ़ियों के रास्ते से चढ़ने में करीब 45 मिनट का समय लगता था, जिससे बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगों को चढ़ने में काफी मुश्किल होती थी. अब रोपवे में बैठकर श्रद्धालु केवल 5 मिनट में माता के दरबार में पहुंच जाते हैं. यह रोप वे खोले के हनुमान जी मंदिर परिसर स्थित अन्नपूर्णा माता मंदिर से प्राचीन वैष्णो देवी माता मंदिर तक के लिए बना हुआ है और जयपुर का पहला रोपवे है.

पढ़ें: माता वैष्णो देवी के दरबार में प्रसाद के रूप में भक्तों को दिए जाएंगे पौधे

रोपवे कंपनी के सीईओ कैलाश खंडेलवाल ने बताया कि पहले महिला, बुजुर्ग, दिव्यांग और बच्चों को माता वैष्णो देवी के दर्शन करने में काफी मुश्किल होती थी. दिव्यांग, बुजुर्ग और बच्चे पहाड़ी पर नहीं पहुंच पाते थे. अब सभी श्रद्धालु रोपवे से केवल 5 मिनट में माता वैष्णो देवी के मंदिर में पहुंच जाते हैं. रोपवे में बैठकर पहाड़ियों के ऊपर चारों तरफ विहंगम दृश्य देखने को मिलता है. रोपवे का संचालन सुबह 8:00 से लेकर रात 8:00 तक होता है. रोजाना 800 से 1000 लोग रोपवे की यात्रा करते हैं. करीब 9 महीने से रोपवे का संचालन हो रहा है. अब तक करीब 2 लाख से ज्यादा लोग रोपवे की यात्रा कर चुके हैं.

वृद्धजनों और दिव्यांगजनों को 50% की छूट: रोपवे का किराया प्रति व्यक्ति 173 रुपए है. 70 वर्ष से ऊपर के वृद्धजनों और दिव्यांगों को 50 प्रतिशत छूट दी जाती है. रोपवे की सुविधा शुरू होने से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है.

जो वैष्णो देवी नहीं जा पाते, वे लगाते हैं यहां ढोक: पहाड़ी पर माता वैष्णो देवी का चमत्कारी मंदिर है, जहां पर काफी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. ऐसा माना जाता है कि जो लोग जम्मू में माता वैष्णो देवी के दर्शन करने नहीं पहुंच पाते, वह खोले के हनुमान मंदिर परिसर स्थित प्राचीन माता वैष्णो देवी के मंदिर में दर्शन लाभ प्राप्त सकते हैं.

रोपवे से नजर आता है विहंगम दृश्य: रोपवे कंपनी के सीईओ कैलाश खंडेलवाल ने बताया कि पांच टावरों पर 413 मीटर लंबाई के रोपवे में 12 ट्रॉलियों का संचालन किया जा रहा है. प्रत्येक ट्रॉली में 6 लोगों के बैठने की क्षमता है. एक राउंड में 72 यात्री सफर कर सकते हैं. रोपवे की शुरुआत होने से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है. रोपवे में ऑटोमेटिक और पैनोरमिक केबिन बनाए गए हैं, जहां से पर्यटक और श्रद्धालु जयपुर शहर और जंगल के विहंगम दृश्य को देख कर रोमांचित हो जाते हैं.

यह भी पढ़ें: 8 करोड़ से निर्मित रोपवे जीण माता के लक्खी मेले में हो सकता है शुरू, 4 मिनट में पहुंचेंगे काजल शिखर

देश के विभिन्न प्रदेशों से पहुंचते हैं श्रद्धालु: राजस्थान ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न प्रदेशों से श्रद्धालु जयपुर के खोले के हनुमान मंदिर परिसर स्थित प्राचीन वैष्णो देवी माता के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. पहले जो श्रद्धालु कई महीनों में माता के दर्शन करने पहुंचते थे, वे भी अब रोपवे के माध्यम से हर महीने एक से दो बार माता के दरबार में धोक लगाने पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं ने कहा कि रोपवे से यात्रा करने पर प्रकृति का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है. चारों तरफ पहाड़ियों के बीच हरियाली नजर आती है. रोपवे शुरू होने से अब समय की भी बचत होती है.

पहले सैकड़ों सीढ़ियां चढ़कर पहुंचना पड़ता था: श्री नरवर आश्रम सेवा समिति खोले के हनुमान जी प्रन्यास के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि भक्त सैंकड़ों सीढ़ियां चढ़कर खोल के हनुमान जी मंदिर की पहाड़ियों पर बने वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन करने पहुंचते थे, लेकिन अब रोपवे के जरिए केवल 5 मिनट में वैष्णो देवी मंदिर पहुंच रहे है. अभी गुप्त नवरात्र चल रहे हैं. गुप्त नवरात्रों में काफी संख्या में दूर-दूर से भक्तों माता के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं.

जयपुर का वैष्णो देवी मंदिर: 45 मिनट का सफर, अब 5 मिनट में. (etv bharat jaipur)

जयपुर. शहर के प्रसिद्ध प्राचीन खोले के हनुमान जी मंदिर परिसर में जयपुर के पहले रोपवे की शुरुआत होने से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है. यहां पहाड़ी की चोटी पर प्राचीन वैष्णो देवी माता का मंदिर भी है. रोपवे बनने से श्रद्धालुओं के लिए यहां पहुंचना आसान हो गया. पहले सीढ़ियां चढ़कर जाने में 45 मिनट का समय लगता था, लेकिन अब रोपवे की के जरिए श्रद्धालु और पर्यटक सिर्फ 5 मिनट में वैष्णो माता के दरबार में पहुंच रहे हैं. रोपवे की सुविधा मिलने से माता के दरबार में श्रद्धालुओं की आवक बढ़ने लगी है. मान्यता है कि जो लोग जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी के दर्शन करने नहीं पहुंच पाते, वे इस प्राचीन वैष्णो देवी के मंदिर में धोक लगाने के लिए पहुंचते हैं. अभी गुप्त नवरात्रों में दिनभर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.

खोले के हनुमान मंदिर परिसर में पहाड़ी पर स्थित प्राचीन वैष्णो देवी माता मंदिर में जाने के लिए गत वर्ष सितंबर में राज्यपाल कलराज मिश्र ने रोपवे का शुभारंभ किया था. रोपवे की सुविधा शुरू होने के बाद वैष्णो देवी माता के मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं. पहले पहाड़ी पर सीढ़ियों के रास्ते से चढ़ने में करीब 45 मिनट का समय लगता था, जिससे बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगों को चढ़ने में काफी मुश्किल होती थी. अब रोपवे में बैठकर श्रद्धालु केवल 5 मिनट में माता के दरबार में पहुंच जाते हैं. यह रोप वे खोले के हनुमान जी मंदिर परिसर स्थित अन्नपूर्णा माता मंदिर से प्राचीन वैष्णो देवी माता मंदिर तक के लिए बना हुआ है और जयपुर का पहला रोपवे है.

पढ़ें: माता वैष्णो देवी के दरबार में प्रसाद के रूप में भक्तों को दिए जाएंगे पौधे

रोपवे कंपनी के सीईओ कैलाश खंडेलवाल ने बताया कि पहले महिला, बुजुर्ग, दिव्यांग और बच्चों को माता वैष्णो देवी के दर्शन करने में काफी मुश्किल होती थी. दिव्यांग, बुजुर्ग और बच्चे पहाड़ी पर नहीं पहुंच पाते थे. अब सभी श्रद्धालु रोपवे से केवल 5 मिनट में माता वैष्णो देवी के मंदिर में पहुंच जाते हैं. रोपवे में बैठकर पहाड़ियों के ऊपर चारों तरफ विहंगम दृश्य देखने को मिलता है. रोपवे का संचालन सुबह 8:00 से लेकर रात 8:00 तक होता है. रोजाना 800 से 1000 लोग रोपवे की यात्रा करते हैं. करीब 9 महीने से रोपवे का संचालन हो रहा है. अब तक करीब 2 लाख से ज्यादा लोग रोपवे की यात्रा कर चुके हैं.

वृद्धजनों और दिव्यांगजनों को 50% की छूट: रोपवे का किराया प्रति व्यक्ति 173 रुपए है. 70 वर्ष से ऊपर के वृद्धजनों और दिव्यांगों को 50 प्रतिशत छूट दी जाती है. रोपवे की सुविधा शुरू होने से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है.

जो वैष्णो देवी नहीं जा पाते, वे लगाते हैं यहां ढोक: पहाड़ी पर माता वैष्णो देवी का चमत्कारी मंदिर है, जहां पर काफी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. ऐसा माना जाता है कि जो लोग जम्मू में माता वैष्णो देवी के दर्शन करने नहीं पहुंच पाते, वह खोले के हनुमान मंदिर परिसर स्थित प्राचीन माता वैष्णो देवी के मंदिर में दर्शन लाभ प्राप्त सकते हैं.

रोपवे से नजर आता है विहंगम दृश्य: रोपवे कंपनी के सीईओ कैलाश खंडेलवाल ने बताया कि पांच टावरों पर 413 मीटर लंबाई के रोपवे में 12 ट्रॉलियों का संचालन किया जा रहा है. प्रत्येक ट्रॉली में 6 लोगों के बैठने की क्षमता है. एक राउंड में 72 यात्री सफर कर सकते हैं. रोपवे की शुरुआत होने से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है. रोपवे में ऑटोमेटिक और पैनोरमिक केबिन बनाए गए हैं, जहां से पर्यटक और श्रद्धालु जयपुर शहर और जंगल के विहंगम दृश्य को देख कर रोमांचित हो जाते हैं.

यह भी पढ़ें: 8 करोड़ से निर्मित रोपवे जीण माता के लक्खी मेले में हो सकता है शुरू, 4 मिनट में पहुंचेंगे काजल शिखर

देश के विभिन्न प्रदेशों से पहुंचते हैं श्रद्धालु: राजस्थान ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न प्रदेशों से श्रद्धालु जयपुर के खोले के हनुमान मंदिर परिसर स्थित प्राचीन वैष्णो देवी माता के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. पहले जो श्रद्धालु कई महीनों में माता के दर्शन करने पहुंचते थे, वे भी अब रोपवे के माध्यम से हर महीने एक से दो बार माता के दरबार में धोक लगाने पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं ने कहा कि रोपवे से यात्रा करने पर प्रकृति का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है. चारों तरफ पहाड़ियों के बीच हरियाली नजर आती है. रोपवे शुरू होने से अब समय की भी बचत होती है.

पहले सैकड़ों सीढ़ियां चढ़कर पहुंचना पड़ता था: श्री नरवर आश्रम सेवा समिति खोले के हनुमान जी प्रन्यास के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि भक्त सैंकड़ों सीढ़ियां चढ़कर खोल के हनुमान जी मंदिर की पहाड़ियों पर बने वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन करने पहुंचते थे, लेकिन अब रोपवे के जरिए केवल 5 मिनट में वैष्णो देवी मंदिर पहुंच रहे है. अभी गुप्त नवरात्र चल रहे हैं. गुप्त नवरात्रों में काफी संख्या में दूर-दूर से भक्तों माता के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं.

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