वैशाली: बिहार के वैशाली में एक वृद्धि व्यक्ति की मौत हो गई. उनकी मौत का आरोप पुलिस पर लगा है. जबकि पुलिस का कहना है कि उक्त वृद्धि व्यक्ति की मौत हार्ट अटैक से हुई है. इस मामले से आक्रोशित होकर मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों ने सड़क जामकर जमकर हंगामा किया. बाद में पुलिस ने किसी तरह समझा बुझाकर जाम हटवाया.
सदर थाना क्षेत्र का मामला: दरअसल, पूरा मामला वैशाली के हाजीपुर स्थित सदर थाना क्षेत्र के चंद्रालय का है. जहां एक वृद्ध की मौत के बाद पुलिस के खिलाफ लोगों का आक्रोश भड़क गया और आक्रोशितों ने शव को हाजीपुर लालगंज पथ एसएच 74 पर राख जाम कर दिया, जिसके कारण इस पथ पर आवागमन ठप हो गया और वाहनों की लंबी कतार लग गई. वहीं, परिजनों ने 60 वर्षीय मोती पासवान की मौत का आरोप पुलिस पर लगाया है.
पुलिस ने दिया धक्का: परिजनों ने आरोप लगाया है कि मोती पासवान के घर उसके बेटे रोहित के बारे में पुलिस देर रात जांच करने आई थी, जिसका विरोध करने पर मोती पासवान को सदर थाना की पुलिस ने धक्का दे दिया जिसमें नीचे गिरकर उनकी मौत हो गई. बताया जा रहा कि रोहित कुछ दिन पहले ही जेल से छूटकर आया था. लूट और हत्या मामले में पुलिस लगातार छापेमारी करने उसकी खोजबीन में लगी थी. इसी को लेकर पुलिस मोती पासवान के पानापुर स्थित घर पर गई थी, तभी यह हादसा हो गया.
पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग: इधर परिजनों और स्थानिय लोगों ने वरीय पुलिस पदाधिकारी को बुलाने और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर काफी देर तक सड़क जाम रखा. हालांकि बाद में मौके पर पहुंची पुलिस के आश्वासन पर लोगों ने सड़क जाम हटाया और यातायात बहाल किया.
"रात के लगभग 1 बजे पुलिस हमारे घर आई और मुझे और पिताजी को खींच कर ले जाने लगी. इस दौरान विरोध करने पर पुलिस ने पिताजी को धक्का दे दिया, जिससे वह गिर गए और चोट लगने से उनकी मौत हो गई. मौत के बाद हमारे भाई को पकड़ कर ले जाने लगे. लेकिन पिता की मौत की बात पता लगते ही पुलिस भाई को छोड़कर भाग गई. पुलिस ने गलत किया है. हमें न्याय चाहिए. हमने अपनी बात रखने के लिए सड़क जाम किया." - मनोज पासवान, मृतक का पुत्र
"आरोप निराधार है. मोती पासवान की मौत हार्ट अटैक से होने की सूचना मिली है. वह पहले से बीमार थे. पुलिस दोहरी लूट कांड के मामले में आरोपियों की तलाश कर रही थी. पुलिस पर दबाव बनाने के लिए सड़क जाम किया गया था, जिनको समझा बुझा कर हटवा दिया गया है." - अरविंद प्रसाद, थानाध्यक्ष, सदर
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