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वैशाख पूर्णिमा व्रत और बुद्ध पूर्णिमा का जानिए दिन और मुहूर्त - Purnima vrat - PURNIMA VRAT

Vaisakha Purnima, Buddha Purnima, Full Moon Day 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा और वैशाख पूर्णिमा का व्रत किया जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु की पूरे नियम के अनुसार पूजा करने और दान करने से विशेष फल मिलता है.गरीबी दूर होती है. MAY FESTIVALS 2024

Vaisakha Purnima
वैशाख पूर्णिमा (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 22, 2024, 8:47 AM IST

Updated : May 22, 2024, 9:17 AM IST

वैशाख पूर्णिमा पर पूजा विधि (ETV Bharat Chhattisgarh)

रायपुर: साल 2024 में गुरुवार 23 मई के दिन वैशाख पूर्णिमा का व्रत मनाया जाएगा. आज ही के दिन बुद्ध पूर्णिमा भी मनाई जाएगी. यह बहुत धर्म का महत्वपूर्ण त्यौहार है. जिसे बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है. वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जानते हैं. बुद्ध पूर्णिमा 23 मई गुरुवार के दिन मनाया जाएगा. बुद्ध पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 22 मई को शाम 5:57 से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 23 मई गुरुवार के दिन शाम को 6:40 पर होगी. ऐसे में वैशाख पूर्णिमा 23 मई को ही होगी और बुद्ध पूर्णिमा भी इसी दिन मनाई जाएगी.

स्नान दान पूर्णिमा: महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया "महीने की शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है. आखिरी तिथि वैशाख की पूर्णिमा 23 मई गुरुवार को होगी, जिसे वैशाखी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के अवतार कूर्म का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को कूर्म जयंती के नाम से भी जानते हैं."

वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान दान व्रत किया जाता है. इस दिन भक्त भगवान विष्णु के शालिग्राम प्रतिमा या घर में रखें लड्डू गोपाल के विग्रह का विशेष रूप से पूजन और आराधना किया जाता है. इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा और आराधना भी की जाती है. पुण्यदायिनी नदियों में स्नान करने का भी बड़ा महत्व बताया गया है.- पंडित मनोज शुक्ला, पुजारी, महामाया मंदिर

भगवान विष्णु के माने जाते हैं अवतार: बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण त्यौहार है. जिसे बुद्ध जयंती के नाम से भी जानते हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस शुभ दिन पर ही गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था और उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. उनके जीवन में तीन महत्वपूर्ण घटनाएं रही, जिसमें पहले उनका जन्म, दूसरा ज्ञान और तीसरा मोक्ष. यह सभी एक ही तिथि पर आते हैं. हिंदू धर्म के अनुसार गौतम बुद्ध, भगवान विष्णु के नवें अवतार माने जाते हैं. इस दिन भगवान बुद्ध के अलावा भगवान विष्णु और भगवान चंद्र देव की पूजा की जाती है. हिंदू और बौद्ध धर्म के लोग इस दिन को बड़े धूमधाम से मानते हैं.

बुद्ध पूर्णिमा के दिन पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व माना गया है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्ध्य देकर बहते हुए पानी में तिल प्रवाहित करना चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना चाहिए. इस दिन दान दक्षिणा का भी विशेष महत्व रहता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रदर्शन के बिना व्रत पूरा नहीं होता इसलिए इस दिन चंद्रदेव के दर्शन जरूर करना चाहिए. बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की उपासना करने से आर्थिक तंगी दूर होती है. इस दिन दान करने से भी पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

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रायपुर: साल 2024 में गुरुवार 23 मई के दिन वैशाख पूर्णिमा का व्रत मनाया जाएगा. आज ही के दिन बुद्ध पूर्णिमा भी मनाई जाएगी. यह बहुत धर्म का महत्वपूर्ण त्यौहार है. जिसे बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है. वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जानते हैं. बुद्ध पूर्णिमा 23 मई गुरुवार के दिन मनाया जाएगा. बुद्ध पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 22 मई को शाम 5:57 से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 23 मई गुरुवार के दिन शाम को 6:40 पर होगी. ऐसे में वैशाख पूर्णिमा 23 मई को ही होगी और बुद्ध पूर्णिमा भी इसी दिन मनाई जाएगी.

स्नान दान पूर्णिमा: महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया "महीने की शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है. आखिरी तिथि वैशाख की पूर्णिमा 23 मई गुरुवार को होगी, जिसे वैशाखी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के अवतार कूर्म का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को कूर्म जयंती के नाम से भी जानते हैं."

वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान दान व्रत किया जाता है. इस दिन भक्त भगवान विष्णु के शालिग्राम प्रतिमा या घर में रखें लड्डू गोपाल के विग्रह का विशेष रूप से पूजन और आराधना किया जाता है. इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा और आराधना भी की जाती है. पुण्यदायिनी नदियों में स्नान करने का भी बड़ा महत्व बताया गया है.- पंडित मनोज शुक्ला, पुजारी, महामाया मंदिर

भगवान विष्णु के माने जाते हैं अवतार: बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण त्यौहार है. जिसे बुद्ध जयंती के नाम से भी जानते हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस शुभ दिन पर ही गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था और उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. उनके जीवन में तीन महत्वपूर्ण घटनाएं रही, जिसमें पहले उनका जन्म, दूसरा ज्ञान और तीसरा मोक्ष. यह सभी एक ही तिथि पर आते हैं. हिंदू धर्म के अनुसार गौतम बुद्ध, भगवान विष्णु के नवें अवतार माने जाते हैं. इस दिन भगवान बुद्ध के अलावा भगवान विष्णु और भगवान चंद्र देव की पूजा की जाती है. हिंदू और बौद्ध धर्म के लोग इस दिन को बड़े धूमधाम से मानते हैं.

बुद्ध पूर्णिमा के दिन पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व माना गया है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्ध्य देकर बहते हुए पानी में तिल प्रवाहित करना चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना चाहिए. इस दिन दान दक्षिणा का भी विशेष महत्व रहता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रदर्शन के बिना व्रत पूरा नहीं होता इसलिए इस दिन चंद्रदेव के दर्शन जरूर करना चाहिए. बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की उपासना करने से आर्थिक तंगी दूर होती है. इस दिन दान करने से भी पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

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Last Updated : May 22, 2024, 9:17 AM IST
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