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उत्तरकाशी मस्जिद विवाद: जांच समिति करेगी दस्तावेजों की जांच, 5 दिसंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई

व्यस्तता के कारण जांच समिति मस्जिद के दस्तवेजों की नहीं कर पाई है जांच, समिति के अध्यक्ष एसडीएम भटवाड़ी ने दिए थे नोटिस.

UTTARKASHI MOSQUE CONTROVERSY
उत्तरकाशी मस्जिद विवाद (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 9 hours ago

उत्तरकाशी: शहर के भटवाड़ी रोड स्थित मस्जिद के विवाद के बाद अतिक्रमण जांच समिति जल्द ही मस्जिद पक्ष के दस्तावेजों की जांच करेगी. समिति ने कुछ दिनों पूर्व मस्जिदों के दस्तावेजों पर शक जताते हुए खातेदारों को नोटिस दिए थे. जिसके बाद खातेदारों व उनके आश्रितों ने समिति को संयुक्त जवाब सहित दस्तावेजों की प्रतिलिपियां दी हैं. इस मामले में अल्पसंख्यक सेवा समिति जहां इस मामले पर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुकी है.

इसके अलावा डीएम मेहरबान सिंह बिष्ट के निर्देश पर गठित अतिक्रमण जांच समिति भी मस्जिद से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर रही है. कुछ दिनों पूर्व इस समिति के अध्यक्ष एसडीएम भटवाड़ी मुकेश चंद रमोला ने मस्जिद के दस्तावेतों पर शक जताते हुए मस्जिद की जमीन के खातेदार करीब 9 लोगों को नोटिस जारी किए थे. इनमें तीन खातेदार ऐसे भी थे, जिनका निधन हुए 8 साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन जीवित खातेदारों व उनके आश्रितों ने प्रशासन को संयुक्त जवाब और दस्तावेज की प्रतिलिपियां सौंपी हैं.

अभी तक महापंचायत के सहित अन्य कार्यों में व्यवस्तता के चलते यह समिति अब तक इन दस्तावेजों की जांच नहीं कर पायी है. अब जल्द ही समिति के इन दस्तावेजों की जांच शुरू करने की बात सामने आयी है. बता दें, डीएम के निर्देश पर 3 सितंबर को अतिक्रमण की जांच के लिए गठित इस समिति में एसडीएम भड़वाटी मुकेश चंद रमोला अध्यक्ष हैं जबकि मुख्य पशु चिकित्साधिकारी पालिका के अधिशासी अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल हैं. व्यस्तता के चलते जांच नहीं पूरी नहीं हो पाई है.

गौर हो कि, बीते रविवार (1 दिसंबर) को उत्तरकाशी के इसी मस्जिद विवाद को लेकर हिंदू संगठनों की ओर से महापंचायत का आयोजन किया गया था. शांतिपूर्ण संपन्न हुए इस कार्यक्रम में बीजेपी के फायर ब्रांड नेता व विधायक टी राजा भी पहुंचे थे और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से मांग की थी कि वो मस्जिद और मजारों का सर्वे करवाएं. उन्होंने धामी से योगी आदित्यनाथ से सलाह लेने को भी कहा था. इसके साथ ही विश्व हिंदू परिषद ने एक बार फिर से महापंचायत की बात कही थी.

वहीं, इसी मामले को लेकर दूसरा पक्ष हाईकोर्ट पहुंचा है. मामले की अगली सुनवाई आगामी 5 दिसंबर को होनी है. दरअसल, उत्तरकाशी की अल्पसंख्यक सेवा समिति ने कोर्ट में याचिका दायक कर कहा है कि मस्जिद का निर्माण 1969 में हुआ और 1986 में वक्फ कमिश्नर निरीक्षण के बाद मस्जिद की वैधता सही पाई थी. याचिका में कहा गया था कि मस्जिद को ध्वस्त करने की धमकी देने से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, इसलिए मस्जिद की सुरक्षा की मांग की गई है.

उत्तरकाशी महापंचायत से जुड़ी खबरें--

उत्तरकाशी: शहर के भटवाड़ी रोड स्थित मस्जिद के विवाद के बाद अतिक्रमण जांच समिति जल्द ही मस्जिद पक्ष के दस्तावेजों की जांच करेगी. समिति ने कुछ दिनों पूर्व मस्जिदों के दस्तावेजों पर शक जताते हुए खातेदारों को नोटिस दिए थे. जिसके बाद खातेदारों व उनके आश्रितों ने समिति को संयुक्त जवाब सहित दस्तावेजों की प्रतिलिपियां दी हैं. इस मामले में अल्पसंख्यक सेवा समिति जहां इस मामले पर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुकी है.

इसके अलावा डीएम मेहरबान सिंह बिष्ट के निर्देश पर गठित अतिक्रमण जांच समिति भी मस्जिद से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर रही है. कुछ दिनों पूर्व इस समिति के अध्यक्ष एसडीएम भटवाड़ी मुकेश चंद रमोला ने मस्जिद के दस्तावेतों पर शक जताते हुए मस्जिद की जमीन के खातेदार करीब 9 लोगों को नोटिस जारी किए थे. इनमें तीन खातेदार ऐसे भी थे, जिनका निधन हुए 8 साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन जीवित खातेदारों व उनके आश्रितों ने प्रशासन को संयुक्त जवाब और दस्तावेज की प्रतिलिपियां सौंपी हैं.

अभी तक महापंचायत के सहित अन्य कार्यों में व्यवस्तता के चलते यह समिति अब तक इन दस्तावेजों की जांच नहीं कर पायी है. अब जल्द ही समिति के इन दस्तावेजों की जांच शुरू करने की बात सामने आयी है. बता दें, डीएम के निर्देश पर 3 सितंबर को अतिक्रमण की जांच के लिए गठित इस समिति में एसडीएम भड़वाटी मुकेश चंद रमोला अध्यक्ष हैं जबकि मुख्य पशु चिकित्साधिकारी पालिका के अधिशासी अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल हैं. व्यस्तता के चलते जांच नहीं पूरी नहीं हो पाई है.

गौर हो कि, बीते रविवार (1 दिसंबर) को उत्तरकाशी के इसी मस्जिद विवाद को लेकर हिंदू संगठनों की ओर से महापंचायत का आयोजन किया गया था. शांतिपूर्ण संपन्न हुए इस कार्यक्रम में बीजेपी के फायर ब्रांड नेता व विधायक टी राजा भी पहुंचे थे और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से मांग की थी कि वो मस्जिद और मजारों का सर्वे करवाएं. उन्होंने धामी से योगी आदित्यनाथ से सलाह लेने को भी कहा था. इसके साथ ही विश्व हिंदू परिषद ने एक बार फिर से महापंचायत की बात कही थी.

वहीं, इसी मामले को लेकर दूसरा पक्ष हाईकोर्ट पहुंचा है. मामले की अगली सुनवाई आगामी 5 दिसंबर को होनी है. दरअसल, उत्तरकाशी की अल्पसंख्यक सेवा समिति ने कोर्ट में याचिका दायक कर कहा है कि मस्जिद का निर्माण 1969 में हुआ और 1986 में वक्फ कमिश्नर निरीक्षण के बाद मस्जिद की वैधता सही पाई थी. याचिका में कहा गया था कि मस्जिद को ध्वस्त करने की धमकी देने से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, इसलिए मस्जिद की सुरक्षा की मांग की गई है.

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