देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने उत्तरकाशी जिले में एक और टूरिस्ट डेस्टिनेशन को चिन्हित किया है. उत्तरकाशी के सरनौल, सुतुड़ी-सरूताल ट्रैक के लिए 74.20 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं. सरकार ने जिसे विकसित करने के लिए 40 लाख रुपए रिलीज कर दिए हैं. जिससे इस पर्यटक क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे.
पर्यटक स्थलों के लिए धनराशि जारी: गौर हो कि उत्तराखंड सरकार नए टूरिस्ट डेस्टिनेशनों को विकसित करने में जुटी है. उत्तरकाशी जिला पर्यटन के लिहाज से खास महत्व रखता है, यहां कई ऐसे पर्यटक स्थल है, जहां साल भर सैलानियों का तांता लगा रहा है. लेकिन सीमांत जिला होने के कारण यहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. लेकिन सरकार ने अब इस दिशा में कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं. उत्तराखंड सरकार ने सरनौल, सुतुड़ी-सरूताल ट्रैक के लिए 74.20 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं. साथ ही 40 लाख रुपए रिलीज कर दिए हैं. जिससे उत्तरकाशी जिले के ट्रैकिंग मार्ग की मरम्मत, रेन शेल्टर और कैम्पिंग शेड निर्माण किया जाएगा.
पर्यटन सर्किट के रूप में होगा विकसित: बता दें कि सरनौल से सरूताल 22 किमी ट्रैकिंग मार्ग का मरम्मत, रेन शेल्टर और कैम्पिंग शेड निर्माण के लिए शासन ने 74.20 लाख की धनराशि स्वीकृत की है. इस वित्तीय वर्ष में 40 लाख रुपए की धनराशि रिलीज भी कर दी गयी है. सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने निदेशक पर्यटन विभाग को पत्र प्रेषित कर 31 मार्च तक कार्य को पूर्ण करने के निर्देश जारी किए गए हैं. यमुनोत्री क्षेत्र स्थित विकासखंड नौगांव को मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित किया जाना है. इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा सभी औपचारिकताएं पूरी कर धन स्वीकृत किया गया है.
नैसर्गिक सुंदरता से लबरेज: पर्यटन सर्किट की स्वीकृति और धन रिलीज के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता और प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान व स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से सुतुड़ी-सरूताल ट्रैक को भारत के मानचित्र पर स्थान पाने में सफल होगा. चौहान ने कहा कि सुतुड़ी- सरूताल बुग्याल प्रकृति का आईना है. यहां प्रकृति ने नैसर्गिक सुंदरता बिखेरी है. बुग्याल में ब्रह्मकमल समेत अनेकों पुष्प व गगनचुंबी बर्फीली चोटियां मन को मोह लेती हैं. यही वजह है कि यहां बुग्याल प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है.
'ट्रैक ऑफ द ईयर' किया गया घोषित: सरनौल गांव से लगभग आठ किमी की दूरी पर सुतुड़ी है जो इस यात्रा का पहला पड़ाव है. यहां फाचुकांडी की तलहटी सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य विराजमान हैं. सुतुड़ी से सरूताल ट्रैक 17-18 किलोमीटर दूर है. इन दिनों सरूताल ताल के चारों तरफ अनेक प्रजाति के पुष्प खिले रहते हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करती हैं. चौहान ने बताया कि सरनौल सुतुडी सरूताल पर्यटन विकास समिति की 17 अगस्त 2024 की मांग पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज सरनौल सुतुड़ी सरूताल बुग्याल को 2 सितम्बर से 30 नवम्बर तक 'ट्रैक ऑफ द ईयर' घोषित किया था. उन्होंने बताया कि यहां ट्रैक उत्तराखंड के मानचित्र पर दर्शाया गया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार इसे भारत के मानचित्र पर दर्शाने का प्रयास कर रही है.
रोजगार के खुलेंगे अवसर: सुतुड़ी- सरूताल 'ट्रैक ऑफ द ईयर' घोषित होने से आने वाले समय में यहां देश -विदेश सैलानी सैलानी घूमने आएंगे. इससे इस क्षेत्र का ही नहीं बल्कि नौगांव, बड़कोट, ठकराल पट्टी के होटल, होम स्टे मालिकों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जब इस ट्रैक पर पर्यटक आएंगे तो स्थानीय लोगों के होमस्टे, होटल-ढाबे, घोड़े-खच्चर संचालक, वाहन स्वामियों, स्थानीय उत्पादन, दूध-घी, भेड़ पालकों को लाभ मिलेगा. जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के द्वारा खुलेंगे.
सीएम धामी ने की थी घोषणा: बता दें कि 10 सितंबर 2024 को सरनौल सुतुड़ी सरूताल विकास समिति के नेतृत्व में थान गांव से जमदग्नि ऋषि मुनि महाराज, सरनौल से रेणुका देवी की डोलियों के साथ चार सौ से अधिक लोगों ने इस यात्रा में शामिल हुए थे. वरिष्ठ भाजपा नेता और प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने जनवरी 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से सरूताल को पर्यटक स्थल घोषित करने की मांग की थी, जिससे बाद उन्होंने इसकी घोषणा की थी. वहीं जून 2023 में उत्तरकाशी भ्रमण आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी भाजपा नेता मनवीर सिंह चौहान की मांग पर सरूताल को पर्यटक स्थल घोषित करने की घोषणा की थी.
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