देहरादूनः भारत सरकार वक्फ बोर्ड अधिनियम में बड़ा संशोधन करने जा रही है. केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद ही तमाम विपक्षी दल के नेताओं ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. वहीं, ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि भारत सरकार वक्फ बोर्ड में संशोधन करने का निर्णय लिया है, जो स्वागत योग्य है. इससे पहले भी तत्कालिन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने देशभर के वक्फ बोर्ड के अध्यक्षों के साथ बैठक कर इस मामले पर चर्चा की थी.
शाबाद शम्स का कहना है कि, वक्फ बोर्ड का काम है कि जो लोग दान करते हैं, उसका इस्तेमाल गरीबों और बेसहारा लोगों के उत्थान में किया जाए. लेकिन ऐसा होता आज तक दिखाई नहीं दिया. बल्कि वक्फ बोर्ड को चोर बाजारी का अड्डा बना दिया है. लोग सिर्फ वक्फ बोर्ड को लूटकर अपना घर भर रहे हैं. गरीबों के लिए दान में दी गई जमीनों पर लोगों ने कब्जा कर रिसॉर्ट बना दिए. रुड़की स्थित पिरान कलियर की भूमि पर लोगों ने कब्जा कर लिया. बावजूद, इसके सभी भ्रष्टाचारी एकजुट होकर ये कह रहे हैं कि वक्फ बोर्ड को मत छेड़ो.
बच्चों के हाथों में कटोरा: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने कहा, 'ये भारत की भूमि है. भारत के लोगों के लिए मदद के लिए वक्फ बोर्ड को इतनी संपत्ति दी गई है, ताकि सरकारों पर ज्यादा भार न पड़े और वक्फ बोर्ड के जरिए भी लोगों की मदद की जा सके'. उन्होंने कहा कि, वक्फ बोर्ड के पास हजारों करोड़ की संपत्ति है. लेकिन बच्चों के हाथों में कटोरा है. जबकि लोगों ने ये सोचकर अपनी संपत्तियों को वक्फ बोर्ड को दान दी थी कि इसका बेहतर इस्तेमाल होगा. ताकि गरीब और यतीन लोगों का वक्फ बोर्ड सहारा बन सके. लेकिन ऐसा नही हो रहा है. ऐसे में उन्हें अब उम्मीद है कि वक्फ बोर्ड में संशोधन के बाद आने वाला वक्त अच्छा होगा.
बोर्ड की संपत्तियों में भ्रष्टाचार: उत्तराखंड राज्य में मौजूद वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के सवाल पर अध्यक्ष शम्स ने कहा, 'पहले का तो पता नहीं, लेकिन वर्तमान समय में करीब 5000 (अचल) संपत्तिया दिखाई दे रही है. लेकिन जब उत्तराखंड अलग राज्य बना था, उस दौरान कितनी संपत्ति उत्तराखंड के हिस्से आई थी, उसका रिकॉर्ड गायब है. अधिकारी संपत्तियों को लेकर कोई ठीक जवाब नहीं दे रहे हैं. इसका मतलब है कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में भ्रष्टाचार हुआ है. जिसकी जांच होनी चाहिए. वक्फ बोर्ड से अताह संपत्तियां संभल नहीं रही है. लेकिन दूसरों की संपत्तियां पर नजर है'.
बोर्ड का जटिल कानून: साथ ही कहा कि वक्फ बोर्ड की जमीनें जहां-जहां पर है, जिन पर लोग कब्जा करके बैठे हैं. उन जमीनों को खाली कराने की कोशिश की जाती है. लेकिन इतना बड़ा कानून ये कहता है कि अगर कोई कब्जा करके बैठ जाता है तो उसे जल्दी से खाली नहीं करा सकते हैं. ऐसे में कब्जा हो चुकी जमीनें खाली कैसे होंगी? उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के पास कोई इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है. तमाम पद खाली हैं जिनपर नियुक्तियां होने की आवश्यकता है. बोर्ड के कार्यशैली में सुधार की जरूरत है.
बांग्लादेश मसला गंभीर विषय: बांग्लादेश में हो रहे हिंसा के सवाल पर शादाब शम्स ने कहा कि, बांग्लादेश में जो हालात हैं, वो अराजकता की तरफ जा रहा है. बांग्लादेश हमेशा से ही हमारा मित्र पड़ोसी देश रहा है. लेकिन उस देश में फैली अराजकता के चलते वहां की प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा देना और भारत आना पड़ा है. ये एक गंभीर विषय है. पूरा देश एक साथ खड़ा है. ऐसे में बंगलादेश के अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ये भी सुनने में आ रहा है कि ये प्रायोजित है जिसमें आईएसआई के साथ कई जमातें लगी हुई हैं. ऐसे में बहुत गंभीरता के साथ इस विषय को देखने की जरूरत है.
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