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दीपावली से पहले ना हो जाए बत्ती गुल, विद्युत एकता मंच ने हड़ताल की दी चेतावनी

मागों को लेकर उत्तराखंड विद्युत संविदा एकता मंच ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी. जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Vidyut Ekta Manch issued strike warning
विद्युत एकता मंच ने दी हड़ताल की चेतावनी (Concept Image)

देहरादून: उत्तराखंड में दीपावली से ठीक पहले एक बार फिर विद्युत कर्मचारी हड़ताल पर जा सकते हैं. विद्युत कर्मचारी की हड़ताल से दीपावली पर जगमग रहने वाले घर बाजार और दफ्तर अंधेरे में डूब सकते हैं. विद्युत संविदा एकता मंच ने एक बार फिर सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया तो वो अगले हफ्ते से हड़ताल पर जाने के लिए विवश होंगे. इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

सरकार की तरफ से नहीं लिया गया फैसला: विद्युत संविदा एकता मंच के संयोजक विनोद कवि द्वारा जारी किए गए बयान में कहा है कि सोमवार को उनके पदाधिकारी की एक बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक के बाद अब यह निर्णय लिया गया है कि दीपावली से पहले सभी संविदा कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि पूर्व में हुई सचिव के साथ बैठक के बाद भी जो निर्णय गए थे, उस पर अब तक कोई भी फैसला सरकार की तरफ से नहीं लिया गया है.

सरकार मांगों पर गंभीर नहीं: कई ऐसे विभाग हैं जहां पर 5 साल काम करने के बाद ही नियमितीकरण हो जाता है. लेकिन व 15 साल से विभाग को सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन अब तक इस बारे में किसी ने कोई भी फैसला नहीं लिया है. अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों पर विचार कर मुहर लगाई जाएगी. लेकिन अब तक कोई भी फैसला नहीं लिया गया है. कहा कि सरकार हमारी मांगों को लेकर गंभीर नहीं हैं.

शासन प्रशासन तक पहुंचाई कार्य बहिष्कार की चेतावनी: बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सरकार अगर जल्द ही नियमितीकरण और महंगाई भत्ते को मंजूरी नहीं देती है और समान वेतन समान काम को लागू नहीं करती है तो वो हड़ताल करने को मजबूर होंगे. कहा कि दीपावली से पहले कार्य बहिष्कार की चेतावनी शासन प्रशासन तक पहुंचा दी गई है.

निगम भी करेगा हड़ताल: सिर्फ विद्युत संविदा एकता मंच के कर्मचारी ही नहीं, बल्कि राज्य निगम अधिकारी कर्मचारी महासंघ ने भी 21अक्टूबर से कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है. अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर महासंघ ने कहा है कि नियमितीकरण और अन्य मांगों को लेकर जल्द ही वह सचिवालय कूच करेंगे. क्योंकि बार-बार आश्वासन के बाद भी उनकी मांग को नहीं माना गया है. संघ के महासचिव बीएस रावत ने कहा है कि 16 अक्टूबर को परिवहन आयुक्त कार्यालय में जो धरना कर्मचारी देंगे, उनका वो समर्थन करेंगे.

पढ़ें-ऊर्जा निगम के संविदा कर्मचारियों का दो दिवसीय आंदोलन, प्रदेशभर में आंशिक रूप से काम बाधित

देहरादून: उत्तराखंड में दीपावली से ठीक पहले एक बार फिर विद्युत कर्मचारी हड़ताल पर जा सकते हैं. विद्युत कर्मचारी की हड़ताल से दीपावली पर जगमग रहने वाले घर बाजार और दफ्तर अंधेरे में डूब सकते हैं. विद्युत संविदा एकता मंच ने एक बार फिर सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया तो वो अगले हफ्ते से हड़ताल पर जाने के लिए विवश होंगे. इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

सरकार की तरफ से नहीं लिया गया फैसला: विद्युत संविदा एकता मंच के संयोजक विनोद कवि द्वारा जारी किए गए बयान में कहा है कि सोमवार को उनके पदाधिकारी की एक बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक के बाद अब यह निर्णय लिया गया है कि दीपावली से पहले सभी संविदा कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि पूर्व में हुई सचिव के साथ बैठक के बाद भी जो निर्णय गए थे, उस पर अब तक कोई भी फैसला सरकार की तरफ से नहीं लिया गया है.

सरकार मांगों पर गंभीर नहीं: कई ऐसे विभाग हैं जहां पर 5 साल काम करने के बाद ही नियमितीकरण हो जाता है. लेकिन व 15 साल से विभाग को सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन अब तक इस बारे में किसी ने कोई भी फैसला नहीं लिया है. अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों पर विचार कर मुहर लगाई जाएगी. लेकिन अब तक कोई भी फैसला नहीं लिया गया है. कहा कि सरकार हमारी मांगों को लेकर गंभीर नहीं हैं.

शासन प्रशासन तक पहुंचाई कार्य बहिष्कार की चेतावनी: बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सरकार अगर जल्द ही नियमितीकरण और महंगाई भत्ते को मंजूरी नहीं देती है और समान वेतन समान काम को लागू नहीं करती है तो वो हड़ताल करने को मजबूर होंगे. कहा कि दीपावली से पहले कार्य बहिष्कार की चेतावनी शासन प्रशासन तक पहुंचा दी गई है.

निगम भी करेगा हड़ताल: सिर्फ विद्युत संविदा एकता मंच के कर्मचारी ही नहीं, बल्कि राज्य निगम अधिकारी कर्मचारी महासंघ ने भी 21अक्टूबर से कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है. अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर महासंघ ने कहा है कि नियमितीकरण और अन्य मांगों को लेकर जल्द ही वह सचिवालय कूच करेंगे. क्योंकि बार-बार आश्वासन के बाद भी उनकी मांग को नहीं माना गया है. संघ के महासचिव बीएस रावत ने कहा है कि 16 अक्टूबर को परिवहन आयुक्त कार्यालय में जो धरना कर्मचारी देंगे, उनका वो समर्थन करेंगे.

पढ़ें-ऊर्जा निगम के संविदा कर्मचारियों का दो दिवसीय आंदोलन, प्रदेशभर में आंशिक रूप से काम बाधित

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