देहरादून: उत्तराखंड के आईटी सिस्टम पर साइबर अटैक के बाद न केवल सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े अधिकारी अलर्ट हो गए हैं बल्कि पुलिस विभाग ने भी साइबर क्राइम से जुड़े मामलों पर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. इसी कड़ी में उत्तराखंड पुलिस ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए पांच राज्यों से सूचनाओं और सुझाव मांगे हैं. पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने जिन पांच राज्यों से सुझाव और सूचनाओं मांगी है उनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश शामिल है.
उत्तराखंड के आईटी सेक्टर पर बड़ा साइबर हमला होने के बाद कई दिनों तक कामकाज ठप रहा. अब भी कुछ वेबसाइट और एप्लीकेशन ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं. स्थिति यह है कि साइबर अटैक होने के बाद सर्वर को पूरी तरह से बंद कर दिया गया. इसके बाद सभी एप्लीकेशंस भी बंद कर दी गई. जाहिर है कि इस स्थिति के कारण राज्य का पूरा काम ठप हो गया. ऑनलाइन फाइलें और दूसरी सभी एक्टिविटीज पूरी तरह से थम गई. यहां तक की ऑनलाइन FIR और चौकी थानों से जुड़े कामकाज भी पूरी तरह से बाधित हो गए. बड़ी बात यह है कि साइबर अटैक करने वालों ने इसके बाद फिरौती भी मांगी. जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी है.
उत्तराखंड में पैदा हुई इस स्थिति के बाद अब उत्तराखंड सूचना एवं प्रौद्योगिकी डिपार्टमेंट के अलावा पुलिस विभाग भी सक्रिय हो गया है. उसने ऐसे मामलों से बचने के लिए दूसरे कई राज्यों से सुझाव मांगे हैं. उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक अभिनव कुमार ने इस संदर्भ में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशकों को पत्र लिखकर विभिन्न सुझाव और जानकारियां मांगी हैं.
इसके तहत साइबर अपराधों से जुड़ी विस्तृत जानकारी और विवरण मांगा गया है. इन प्रदेशों में हुए साइबर अपराधों की भी जानकारियां मांगी गई हैं. जिससे इन अपराधों का तुलनात्मक विश्लेषण किया जा सके. पुलिस स्टेशन जिला और राज्य स्तर के साइबर अपराधों के नियंत्रण के लिए बनाए गए तंत्र की जानकारी भी मांगी गई है. इतना ही नहीं तकनीकी संसाधनों के बारे में भी सूचनाओं मांगी गई है. जिससे इसी आधार पर उत्तराखंड को भी सशक्त किया जा सके.
राज्य में विभिन्न साइबर अपराधों को लेकर तैयार किए गए प्रोटोकॉल और विभिन्न विशेष व्यवस्थाओं की जानकारी भी मांगी गई है. इसके अलावा प्रबंधन टीम और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ ही राष्ट्रीय एजेंसी के साथ साझेदारी का विवरण भी मांगा गया है.
उत्तराखंड राज्य साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहा है. इसके लिए विभिन्न राज्यों से तुलनात्मक विश्लेषण भी किया जाएगा. साथ ही तकनीकी प्रबंधन और विशेषज्ञता के बारे में भी जानकारी ली जाएगी.
अभिनव कुमार, पुलिस महानिदेशक
पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने इकॉनामिक ऑफेंस विंग के लंबित चल रहे अभियोग को लेकर भी समीक्षा की. समीक्षा के दौरान सीबीसीआईडी के सेक्टर देहरादून और हल्द्वानी के क्षेत्राधिकारियों ने सेक्टर के लिहाज से लंबित मामलों पर जानकारी दी. पुलिस महानिदेशक ने निर्देश दिए की लंबित विवेचनाओं का शीघ्र निस्तारण किया जाए और वांछित चल रहे अभियुक्तों पर इनाम घोषित किया जाए.
साइबर अटैक होने के बाद राज्य का आईटी तंत्र भी अब खुद को अपडेट करने में जुट गया है. इस दौरान कुछ नए कड़े प्रोटोकॉल भी तैयार किए जाएंगे. जिससे गुजर कर ही तमाम एप्लीकेशंस या वेबसाइट सरकारी सिस्टम पर चल पाएगी. इस दौरान विभागों को सिक्योरिटी ऑडिट का सर्टिफिकेट भी जारी होगा. इसके बिना कोई वेबसाइट संचालित नहीं होगी. बड़ी बात यह है कि जिन कंप्यूटर पर ई ऑफिस का काम होगा उसमें सोशल मीडिया से जुड़ी एप्लीकेशंस नहीं चल पाएंगी. आईटी विभाग ने यह निर्णय सुरक्षा को लेकर एहतियातन लिया है. साइबर सुरक्षा से जुड़े हुए सभी नियमों को सभी विभागों को फॉलो करना होगा. इसके लिए जल्द ही एक SOP भी तैयार की जाएगी.
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