देहरादून: जल्द नए साल का आगाज होने वाला है और साल 2024 समाप्त होने वाला है. इस साल प्रदेश में कई तमाम आपराधिक घटनाएं घटी, जो प्रदेश में सुर्खियों में बनी रही. कई घटनाओं का पुलिस ने खुलासा किया तो कई घटनाएं पुलिस जांच में दबी की दबी रह गई. प्रदेश के कुछ ऐसी आपराधिक घटनाओं के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, जो साल 2024 में सुर्खियां में रही.
आईएसबीटी नाबालिग रेप केस: देहरादून के आईएसबीटी में मुरादाबाद की एक किशोरी से बस में सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इस घटना के राजधानी देहरादून के महिला सुरक्षा के दावों पर सवाल उठा दिए थे. वहीं देहरादून आईएसबीटी में तैनात सुरक्षाकर्मी की सूचना पर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की टीम ने बदहवास हालत में मिली किशोरी को मौके से रेस्क्यू किया था. जिसके बाद कमेटी ने किशोरी की काउंसलिंग कराई, जिसके बाद घटना का खुलासा किया था. वहीं किशोरी के मानसिक रूप से अस्वस्थ होने की बात भी सामने आई थी. उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश तक चली जांच के बाद पुलिस ने इस मामले को सुलझा लिया. लेकिन इस घटना ने परिवहन विभाग और आईएसबीटी की सुरक्षा पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए थे. ये घटना पूरे प्रदेश में चर्चा की विषय रही.
दरोगा की बेटी की हत्या: देहरादून में एक और आपराधी घटना बेहद चर्चा में रही. यह घटना साल 2024 के मई महीने में घटी. देहरादून के रायवाला थाना क्षेत्र में 6 तारीख को एक युवती की लाश मिलती है, जिसके शरीर और गले पर निशान मिलते हैं. सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल की जानकारी जुटाई तो मालूम होता है कि मृतक के पिता उत्तराखंड पुलिस में दरोगा के पद पर तैनात हैं. इस घटना को अंजाम किसी और ने नहीं बल्कि उसी के एक दोस्त ने दिया था. युवक ने पहले युवती को मौत के घाट उतारा और उसकी लाश को जंगल के किनारे फेंक दिया था और उसके बाद खुद युवक ने आत्महत्या कर ली थी. दोनों की पहचान उनके कपड़ों से हुई थी. हालांकि इस मामले में आरोपी ने क्यों आत्महत्या की, इसका खुलासा नहीं हो पाया. लेकिन हत्या का तरीका और यह वारदात भी प्रदेश में खूब चर्चा में रही.
पहली बार गए गुप्ता बंधू गए जेल: हत्या और आत्महत्या के बीच राजधानी देहरादून की एक और आत्महत्या बेहद सुर्खियों में रही. देहरादून के रहने वाले सतेंद्र सिंह साहनी ने इसी साल अपनी बेटी के घर पर आत्महत्या कर ली थी. जिसका आरोप कई लोगों पर लगाया था. वहीं प्रॉपर्टी से संबंधित इस विवाद के बाद पुलिस ने दक्षिण अफ्रीका के जाने-माने कारोबारी और सहारनपुर के निवासी गुप्ता बंधुओं को गिरफ्तार किया था. गुप्ता बंधुओं के परिवार के दो सदस्यों की गिरफ्तारी राज्य में खूब चर्चा का विषय रही. देहरादून से लेकर दिल्ली तक इस मामले में पुलिस की तारीफ तो हुई, साथ ही ऐसा पहली बार हुआ जब किसी अपराध में राजधानी देहरादून पुलिस ने इनको गिरफ्तार किया. हालांकि अब दोनों ही जमानत पर बाहर हैं.
देहरादून में नाले में मिले तीन शव: राजधानी देहरादून में एक और घटना जून महीने में उस वक्त घटी थी, जब पटेलनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक नाले में तीन शव मिले. बदबू आने पर स्थानीय निवासियों ने पुलिस को सूचना दी और पुलिस ने मौके पर जाकर छानबीन की तो नाले से दो शव बरामद हुए. इस घटनाक्रम के बाद पुलिस जांच कर ही रही थी कि अगले दिन ठीक उसी जगह पर एक और बॉडी के मिलने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था. लेकिन जांच में यह साफ हो गया था कि तीनों शव एक ही परिवार के सदस्यों के हैं. पुलिस ने उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक लगभग 50 से अधिक कैमरे की रिकॉर्डिंग व आती जाती गाड़ियों पर नजर रखी और उसके बाद इस मामले का खुलासा भी देहरादून पुलिस किया.
पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए कहा था कि यह हत्या प्रेम प्रसंग के चलते हुई है. पुलिस ने बिजनौर के रहने वाले हसीन को जब हिरासत में लिया तो उसने पूछताछ में पूरा घटनाक्रम खोल दिया. उसने बताया कि महिला लगातार उससे शादी करने का दबाव बना रही थी. जिसके बाद वह बिजनौर से देहरादून दोनों बच्चों को लेकर आ गई थी. लिहाजा उसने महिला से पीछा छुड़ाने के लिए उसकी मासूम दो बच्चियों को भी मौत के घाट उतार दिया और अपनी प्रेमिका को भी रास्ते से हटा दिया. हत्या करने के बाद उसने पटेल नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक पेट्रोल पंप के पीछे सूखे नाले में बॉडी को फेंक दिया था.
पैसे के लिए दोस्त की हत्या: नवंबर महीने में भी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कई घटनाएं घटी, जिनमें से दो प्रमुख घटनाएं थी. पहली घटना 30 नवंबर को उसे वक्त घटी जब पटेल नगर थाना क्षेत्र के यमुनोत्री एनक्लेव में संदीप परिस्थितियों में एक प्रॉफिट डॉलर की हत्या का मामला सामने आया. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब मृतक की शिनाख्त की तो मालूम हुआ कि मृतक उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का निवासी है, जिसका नाम मंजेश कंबोज है. पुलिस ने इस मामले में जांच की तो मालूम हुआ कि दो दोस्तों ने पैसों की वजह से प्रॉपर्टी डीलर की जूते के फीते से गला घोंटकर हत्या कर दी थी. इस मामले में पुलिस ने सोनीपत के रहने वाले अर्जुन और सचिन को गिरफ्तार कर लिया था दोनों ने पैसों की वजह से मंजेश को मार दिया और उनकी नजर मंजेश के पैसों पर थी.
ओएनजीसी के पूर्व अधिकारी की हत्या: साल जाते-जाते राजधानी में दिसंबर में एक और घटना घटी जीएमएस रोड पर स्थित ओएनजीसी के पूर्व अधिकारी की पैसों के लालच में निर्मम हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले लोगों ने मृतक अधिकारी से एटीएम का पासवर्ड मांगा था और एटीएम का पासवर्ड ना देने की वजह से हत्यारों ने उनकी हत्या कर दी. हालांकि पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. इस हत्याकांड के बाद पुलिस की पूछताछ में पता लगा था पैसों की वजह से बुजुर्ग पूर्व अधिकारी की हत्या की गई थी.
हरिद्वार ज्वेलरी शोरूम डकैती: हरिद्वार के बड़े ज्वेलरी शोरूम में दोपहर दिन दहाड़े डकैती की घटना ने पुलिस के सुरक्षा के दावों की कलई खोलकर रख दी. डकैत लगभग 5 करोड़ रुपए की डकैती को अंजाम देकर हथियार लहराते हुए शहर से निकले थे. इस घटना के बाद हरिद्वार पुलिस की चारों तरफ आलोचना हुई थी. मुख्यमंत्री से लेकर उत्तराखंड के पुलिस प्रमुख ने इस घटना पर अपनी चिंता जाहिर की थी और पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे थे. उत्तराखंड में अलग-अलग आपराधी घटनाओं के बीच इस घटना ने सभी घटनाओं को छोटा कर दिया था और सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया था. अगस्त महीने में घटी इस घटना के बाद पुलिस ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में आरोपियों की तलाश में खूब छापेमारी की और पुलिस को कामयाबी भी मिली. इस मामले में पुलिस ने हालांकि पूरी रिकवरी तो नहीं की, लेकिन आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा और एक आरोपी पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुआ.
नानकमत्ता गुरुद्वारा के गुरुद्वारा प्रमुख की हत्या: नानकमत्ता गुरुद्वारा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह को दो बाइक सवार युवकों ने गुरुद्वारे के अंदर ही घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी थी और इसके बाद आसानी से वह वहां से फरार हो गए थे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस घटना के बाद गुरुद्वारा पहुंचकर भावुक हुए थे. 28 मार्च को घटी इस घटना के बाद पुलिस ने 11 टीम में गठित की थी. हालांकि पुलिस ने अप्रैल के महीने में हरिद्वार में एक एनकाउंटर में इस घटना के मुख्य आरोपी को मुठभेड़ में मार गिराया था.इस घटना में पुलिस द्वारा बताया गया कि चेकिंग के दौरान भगवानपुर इलाके में जब मोटरसाइकिल सवार को रोका गया तो वह भागने लगा और पुलिस ने पीछा किया तो फायर झोंक दी. जवाबी कार्रवाई में बाइक सवार आरोपी ढेर हो गया. जिसकी पहचान पंजाब के अमरजीत उर्फ बिट्टू के रूप में हुई थी. जिसके ऊपर अलग-अलग राज्यों में कई मुकदमे दर्ज थे, जबकि उत्तराखंड पुलिस ने आरोपी के ऊपर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था.
हरिद्वार जिम ट्रेनर की मौत: उत्तराखंड के रुड़की क्षेत्र की अगस्त महीने में घटी इस घटना के बारे में जो जानकारी उस वक्त सामने आई थी, उसमें रुड़की के ही रहने वाले एक जिम ट्रेनर वसीम की तालाब में डूबने से मौत हो गई थी. तालाब से जब उसकी बॉडी सुबह निकाली गई तो उसके शरीर पर चोट के निशान थे परिवार और स्थानीय लोगों ने यह आरोप लगाया था कि उसके हाथ पैर बांधकर उसकी पिटाई की गई और उसके बाद पुलिस ने ही उसे तालाब में फेंक दिया था. इतना ही नहीं उसके ऊपर गोली भी चलाई गई थी. इस घटना के बाद देश के कई बड़े नेताओं ने सवाल खड़े किए थे. पुलिस ने मृतक पर आरोप लगा था कि वसीम प्रतिबंध मांस की सप्लाई कर रहा था और पुलिस से बचने के लिए वो तालाब में गिर गया था. इस घटना के बाद आसपास के क्षेत्र में कई दिनों तक पुलिस की तैनाती रही.
हरिद्वार जेल से हुए अपराधी फरार: हरिद्वार में रामलीला का आयोजन हो रहा था, तभी हरिद्वार जेल से दो खूंखार अपराधी फरार हो गए. अधिकारियों ने बताया था कि कैदी पंकज, निवासी गोलभट्टा रुड़की और रामकुमार, निवासी उज्जारी ढिबा, धौनीपुर, गोंडा (यूपी) वानर सेना का रोल कर रहे थे, जो सीढ़ियां लगाने के बाद दीवार फांदकर फरार हो गए थे. जिसके बाद पुलिस ने एक आरोपी रामकुमार को हरियाणा के यमुनानगर में चाकू के साथ घूमते हुए गिरफ्तार किया था.
डबल मर्डर में मचा हड़कंप: हरिद्वार के टिहरी विस्थापित क्षेत्र में डबल मर्डर की घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था. इस घटना में हरिद्वार के ही रहने वाले राजीव अरोड़ा ने पहले तो घर में मौजूद अपनी पत्नी सुनीता और अपनी सास शकुंतला देवी को मौत के घाट उतारा और फिर खुद आत्महत्या कर ली. एक घर से तीन बॉडी मिलने के बाद पुलिस ने जांच की तो कोई सही-सही कारण इसलिए भी सामने नहीं आ पाए, क्योंकि घटना को अंजाम देने वाली की मौत हो गई थी. लेकिन दिल्ली से हरिद्वार पहुंचे राजीव ने आखिरकार इस घटना को अंजाम क्यों दिया, यह सवाल आज भी बरकरार है.
नर्स की रेप के बाद हत्या: उधम सिंह नगर जनपद क्षेत्र में एक नर्स से दुष्कर्म और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई. जानकारी के अनुसार उधम सिंह नगर में काम करने वाली एक नर्स का जब कुछ समय तक पता नहीं लगा तो पुलिस ने शिकायत पत्र के आधार पर जब जांच शुरू की. पुलिस जांच में पाया गया कि नर्स 30 जुलाई की रात को अपने काम को खत्म करके घर जाती दिखाई दी, तभी वह एक ऑटो में बैठकर आगे की तरफ बढ़ती है. लेकिन उसके बाद उसका कुछ पता नहीं लगता 30 जुलाई की इस घटना के बाद 8 अगस्त को महिला का शव मिलता है. जबकि आरोपी को पुलिस 14 अगस्त को गिरफ्तार कर लेती है. आरोपी की गिरफ्तारी एक मोबाइल के इस्तेमाल की वजह से होती है. जब आरोपी मृतक नर्स का मोबाइल इस्तेमाल करता है और पुलिस के हत्थे चढ़ जाता है. इस मामले में पुलिस को एसआईटी गठित करके जांच करनी पड़ी थी. वहीं आरोपी सलाखों के पीछे हैं.
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