देहरादून: नैनीताल जिले के हल्द्वानी में गुरुवार शाम को सरकारी जमीन पर बने अवैध मदरसा और नमाज स्थल तोड़े जाने के बाद जिस तरह के हालत बने, उसका अंदाजा पुलिस को पहले से ही था. बताया तो यहां तक जा रहा है कि इंटेलिजेंस ने भी पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण इनपुट दिए थे, लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस उसे समय रहते भांप नहीं पाये. जिसका परिणाम ये हुआ कि गुरुवार रात तक हल्द्वानी में हालात बेकाबू हो गए थे और पूरा शहर जल उठा. उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता आईजी नीलेश भरणे ने खुद इसकी पुष्टि की है.
उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता और आईजी नीलेश भरणे ने शांति व्यवस्था कायम होने के बाद इस पर अलग से जांच होने की भी बात कही है. हल्द्वानी का वनभूलपूरा इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया है. हल्द्वानी में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए आसपास के जिलों से भी पुलिस को बुलाया गया है. साथ ही PAC को भी तनाव वाले क्षेत्र में तैनात किया गया हैं.
पुलिस की मानें तो अब तक इस घटना में 2 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. इतना ही नहीं इस घटना में सैकड़ों लोगों के घायल होने की भी खबर है. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है और देहरादून से भी तमाम बड़े अधिकारी हल्द्वानी पहुंचे हैं.
इस बीच सबसे बड़ी खबर इस बात को लेकर सामने आई है कि हल्द्वानी के वनभूलपूरा में अवैध निर्माण को लेकर जो कार्रवाई की जा रही थी, उसमें किसी बड़ी घटना के होने की सूचना पुलिस के पास थी. खुद पुलिस विभाग के प्रवक्ता नीलेश भरणे ने इस बात की पुष्टि की है, क्योंकि इस क्षेत्र में पहले भी इस तरह की घटना हो चुकी है. लिहाजा पुलिस को इस बात का अंदाजा था कि यहां किसी बड़ी घटना को भी अंजाम दिया जा सकता है.
बताया जा रहा है कि पुलिस को इस तरह के इनपुट एक हफ्ते पहले ही मिल गए थे. इसीलिए पुलिस ने यहां पर पहले फ्लैग मार्च और कुछ बैठकें भी की थी. खास बात यह है कि इतनी जानकारी के बावजूद भी पुलिस क्षेत्र के माहौल को नहीं समझ पाई और उपद्रवियों ने एक बड़ी घटना को अंजाम दे दिया.
इस घटना के बाद चेकिंग अभियान तेज कर दिया गया है और न केवल घटना वाली जगह बल्कि आसपास के इलाकों में भी पुलिस नजर बनाए हुए है. मामले पर खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी नजर बनाए हुए हैं और उपद्रव करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश जारी कर दिए गए. इससे पहले क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया था और किसी को भी घर से न निकलने की हिदायत दी गई थी.
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