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उत्तराखंड में 2 महीने के लिए चल रहा है ऑपरेशन स्माइल, 9 साल में पुलिस को मिल चुके 4,611 गुमशुदा - Uttarakhand Police Operation Smile - UTTARAKHAND POLICE OPERATION SMILE

Police operation smile to find missing persons in Uttarakhand उत्तराखंड में पिछले 10 साल से ऑपरेशन स्माइल चलाया जा रहा है. ऑपरेशन स्माइल के तहत गुमशुदा लोगों को तलाश किया जाता है. इस साल भी उत्तराखंड पुलिस का 1 मई से 2 महीने के लिए ऑपरेशन स्माइल जारी है. 2015 से 2023 तक उत्तराखंड पुलिस ऑपरेशन स्माइल के तहत साढ़े चार हजार से ज्यादा गुमशुदाओं को ढूंढ चुकी है.

OPERATION SMILE
ऑपरेशन स्माइल (Photo- Uttarakhand Police)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 8, 2024, 6:43 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस द्वारा 01 मई से दो महीने का ऑपरेशन स्माइल चलाया जा रहा है. इस अभियान में गुमशुदा बच्चों के साथ-साथ गुमशुदा पुरुषों और महिलाओं को भी तलाश किया जा रहा है. साल 2015 से चलाये जा रहे इस अभियान में 2023 तक 2,486 बच्चे, 1,207 महिलाएं और 918 पुरुष कुल 4,611 गुमशुदाओं को तलाशा जा चुका है.

इस अभियान की नोडल अधिकारी कमलेश उपाध्याय, पुलिस अधीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखंड हैं. जनपदों में पुलिस उपाधीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. जनपद देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में 05-05 तलाशी टीम बनाई गई हैं. बाकी जनपदों में 01-01 तलाशी टीम बनाई गई हैं. यहां की प्रत्येक टीम में उपनिरीक्षक-1, कांस्टेबल-4 रखे गए हैं. प्रत्येक तलाशी टीम में बच्चों सहित महिलाओं से पूछताछ के लिए एक महिला पुलिस कर्मी भी अनिवार्य रूप से नियुक्त की गयी है. साथ ही प्रत्येक टीमों की सहायता के लिए तलाशी टीमों के अतिरिक्त 01-01 विधिक और टेक्निकल टीम का भी गठन किया गया है. अभियान के लिए अन्य सम्बन्धित विभागों, संस्थाओं जैसे सीडब्लूसी, समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, अभियोजन, श्रम विभाग, आश्रय गृह, एनजीओ और चाइल्ड हेल्प लाइन का सहयोग भी लिया जा रहा है.

एपी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सभी एसएसपी और एसपी के साथ ऑपरेशन स्माइल की समीक्षा की गई. एडीजीपी अपराध एवं कानून व्यवस्था ने अभियान को सफल बनाये जाने के लिए निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि साल 2000 से समस्त गुमशुदाओं को तलाश करने के लिए सर्वसम्भव प्रयास किये जायें. गुमशुदाओं का मिलान प्रदेश और सीमावर्ती राज्यों में बरामद लावारिस शवों से भी अनिवार्य रूप से किया जाये. ऑपरेशन स्माइल में नियुक्त टीमों द्वारा अपने जनपदों के अलावा अन्य जनपदों के गुमशुदाओं को भी तलाश किये जाने का पूरा प्रयास किया जाये.

एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर ने इसके साथ ही कहा कि गुमशुदाओं के मिलने पर उनकी सुपुर्दगी और पुनर्वास के सम्बन्ध में नियम अनुसार कार्रवाई की जाए. बच्चों और महिलाओं से नियम के अनुसार पूछताछ की जाए. मिल गए बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के सम्बन्ध में किसी अपराध के घटित होने की जानकारी मिलने पर नियम अनुसार कठोर कार्रवाई की जाए.

एपी अंशुमान ने बताया कि जनपद और अन्य राज्यों के ऐसे स्थान जहां गुमशुदाओं के मिलने की सम्भावना अधिक है, जैसे शेल्टर होम्स, नारी निकेतन, वृद्धाआश्रम, संप्रेक्षण गृह, विशेष गृह, ढाबे, कारखाने, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थान, आश्रम और धर्मशाला आदि में विशेष रूप से गुमशुदाओं को तलाश किया जायेगा.
ये भी पढ़ें: ऑपरेशन स्माइल: पुलिस लौटा रही अपनों से बिछड़े लोगों के चेहरों पर खुशी, 12वां चरण सबसे अधिक सफल

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस द्वारा 01 मई से दो महीने का ऑपरेशन स्माइल चलाया जा रहा है. इस अभियान में गुमशुदा बच्चों के साथ-साथ गुमशुदा पुरुषों और महिलाओं को भी तलाश किया जा रहा है. साल 2015 से चलाये जा रहे इस अभियान में 2023 तक 2,486 बच्चे, 1,207 महिलाएं और 918 पुरुष कुल 4,611 गुमशुदाओं को तलाशा जा चुका है.

इस अभियान की नोडल अधिकारी कमलेश उपाध्याय, पुलिस अधीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखंड हैं. जनपदों में पुलिस उपाधीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. जनपद देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में 05-05 तलाशी टीम बनाई गई हैं. बाकी जनपदों में 01-01 तलाशी टीम बनाई गई हैं. यहां की प्रत्येक टीम में उपनिरीक्षक-1, कांस्टेबल-4 रखे गए हैं. प्रत्येक तलाशी टीम में बच्चों सहित महिलाओं से पूछताछ के लिए एक महिला पुलिस कर्मी भी अनिवार्य रूप से नियुक्त की गयी है. साथ ही प्रत्येक टीमों की सहायता के लिए तलाशी टीमों के अतिरिक्त 01-01 विधिक और टेक्निकल टीम का भी गठन किया गया है. अभियान के लिए अन्य सम्बन्धित विभागों, संस्थाओं जैसे सीडब्लूसी, समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, अभियोजन, श्रम विभाग, आश्रय गृह, एनजीओ और चाइल्ड हेल्प लाइन का सहयोग भी लिया जा रहा है.

एपी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सभी एसएसपी और एसपी के साथ ऑपरेशन स्माइल की समीक्षा की गई. एडीजीपी अपराध एवं कानून व्यवस्था ने अभियान को सफल बनाये जाने के लिए निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि साल 2000 से समस्त गुमशुदाओं को तलाश करने के लिए सर्वसम्भव प्रयास किये जायें. गुमशुदाओं का मिलान प्रदेश और सीमावर्ती राज्यों में बरामद लावारिस शवों से भी अनिवार्य रूप से किया जाये. ऑपरेशन स्माइल में नियुक्त टीमों द्वारा अपने जनपदों के अलावा अन्य जनपदों के गुमशुदाओं को भी तलाश किये जाने का पूरा प्रयास किया जाये.

एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर ने इसके साथ ही कहा कि गुमशुदाओं के मिलने पर उनकी सुपुर्दगी और पुनर्वास के सम्बन्ध में नियम अनुसार कार्रवाई की जाए. बच्चों और महिलाओं से नियम के अनुसार पूछताछ की जाए. मिल गए बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के सम्बन्ध में किसी अपराध के घटित होने की जानकारी मिलने पर नियम अनुसार कठोर कार्रवाई की जाए.

एपी अंशुमान ने बताया कि जनपद और अन्य राज्यों के ऐसे स्थान जहां गुमशुदाओं के मिलने की सम्भावना अधिक है, जैसे शेल्टर होम्स, नारी निकेतन, वृद्धाआश्रम, संप्रेक्षण गृह, विशेष गृह, ढाबे, कारखाने, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थान, आश्रम और धर्मशाला आदि में विशेष रूप से गुमशुदाओं को तलाश किया जायेगा.
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